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Loksabha Election 2024: बलिया लोकसभा सीट पर BJP और इंडिया गठबंधन में होगी कड़ी टक्कर, 2014 में पहली बार खिला कमल
Loksabha Election 2024 Ballia Seats: भाजपा के भरत सिंह ने लोकसभा चुनाव 2014 में सपा के उम्मीदवार नीरज शेखर को हराकर पहली बार इस सीट पर कमल खिलाया था।
Loksabha Chunav 2024: यूपी का बलिया जिला बगावाती तेवर को लेकर काफी चर्चा में रहता है। यहां के राजनीतिक समीकरण भी काफी रोचक होते हैं। यह जिला पूर्वी छोर का सबसे अंतिम जिला है। देश को चंद्रशेखर जैसा प्रधानमंत्री देने वाले बलिया का सियासी मिजाज बड़ा ही उतार-चढ़ाव वाला है। यह धरती समाजवादी विचारक 'छोटे लोहिया' के नाम से विख्यात जनेश्वर मिश्र की जन्मभूमि रही है। भाजपा, बसपा और इंडिया गठबंधन इस सीट पर जातीय समीकरण तैयार करने में जुटे हुए हैं। फिलहाल इस सीट पर भाजपा के वीरेंद्र सिंह मस्त सांसद हैं। उन्होंने लोकसभा चुनाव 2019 में समाजवादी पार्टी के उम्मीद्वार सनातन पांडेय को 15,519 वोटों से हराकर जीत दर्ज की थी। वीरेंद्र सिंह मस्त को 4,69,114 और सनातन पांडेय को 4,53,595 वोट मिले थे। जबकि सुभासपा के विनोद को 35,900 और नोटा को 9,615 वोट मिले थे। बता दें कि लोकसभा चुनाव 2019 में बसपा का समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन था। समाजवादी पार्टी ने सनातन पांडेय को अपना प्रत्याशी बनाया था। बलिया लोकसभा क्षेत्र का निर्वाचन संख्या 72 है। इसमें वर्तमान में 5 विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। इस लोकसभा क्षेत्र का गठन बलिया जिले के फेफना, बैरिया व बलिया नगर और गाजीपुर जिले के मुहम्मदाबाद एवं जहुराबाद विधानसभा क्षेत्रों को मिलाकर किया गया है। यह लोकसभा क्षेत्र 1952 में अस्तित्व में आया था। यहां कुल 19,12, 864 मतदाता हैं। जिनमें से 10,26,474 पुरुष और 8,86,316 महिला मतदाता हैं। बता दें कि लोकसभा चुनाव 2019 में कुल 9,90,571 यानी कि 54.35 प्रतिशत मतदान हुआ था।
प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की पारंपरिक सीट रही है बलिया
देश के 8वें प्रधानमंत्री चंद्रशेखर इस सीट से 8 बार चुनकर संसद पहुंचे थे। इस सीट पर कभी कांग्रेस का कब्जा था। लेकिन इमरजेंसी के बाद हुए चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार चंद्रिका प्रसाद को जनता पार्टी से चंद्रशेखर ने 1,67,218 से वोटों से हराकर पहली बार सांसद चुने गए। कांग्रेस के जगन्नाथ चौधरी ने 1984 में हुए लोकसभा चुनाव में चंद्रशेखर को 53,940 वोटों से हरा दिया। बता दें कि कांग्रेस के जगन्नाथ चौधरी आखिरी सांसद थे। इसके बाद समाजवादियों का कब्जा हो गया। जनता दल से चंद्रशेखर ने 1989 में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के जगन्नाथ चौधरी को 90,981 वोटों से हरा दिया। इसके बाद वे अपने जीवन के अंतिम समय तक लगातार सांसद रहें।
चंद्रशेखर पहली बार 1977 में बलिया से सांसद चुने गए।
2014 में पहली बार खिला था कमल
भारतीय जनता पार्टी के भरत सिंह ने पहली बार इस सीट पर कमल खिलाया था। लोकसभा चुनाव 2014 में भाजपा के भरत सिंह ने सपा के प्रत्याशी नीरज शेखर को 1,39,434 वोटों से हराकर जीत दर्ज की थी। जबकि बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के भाई अफजल अंसारी को 1,63,943 और बसपा के वीरेंद्र कुमार पाठक को 1,41,684 वोट मिले थे। वहीं कांग्रेस के सुधा राय को 13,501 वोटों से ही संतोष करना पड़ा था।
भरत सिंह ने 2014 में पहली बार बलिया लोकसभा सीट पर कमल खिलाया था।
बलिया लोकसभा क्षेत्र का जातीय समीकरण
बलिया लोकसभा क्षेत्र में करीब 3,00,000 ब्राह्मण मतदाता हैं। इसके अलावा करीब 1,00,000 मुस्लिम मतदाता हैं। वहीं 2,50,000 दलित, 2,50,000 क्षत्रिय, 2,50,000 यादव मतदाता हैं।
बलिया लोकसभा क्षेत्र से अब तक चुने गए सांसद
- प्रजा सोशलिस्ट पार्टी से राम नगीना सिंह 1952 में हुए लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
- कांग्रेस से राधा मोहन सिंह 1957 में हुए लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
- कांग्रेस से मुरली मनोहर 1962 में हुए लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
- कांग्रेस से चंद्रिका प्रसाद 1971 में हुए लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
- जनता पार्टी से चन्द्रशेखर 1977 और 1980 में हुए लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
- कांग्रेस से जगन्नाथ चौधरी 1984 में हुए लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
- जनता दल से चन्द्रशेखर 1989 से 2004 तक हुए लोकसभा चुनाव में लगातार सांसद चुने गए।
- सपा से नीरज शेखर 2008 और 2009 में हुए लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
- भाजपा से भरत सिंह 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
- भाजपा से वीरेंद्र सिंह मस्त 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।