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Lok Sabha Election 2024: बिहार में अपनों के ही निशाने पर लालू, RJD के एक और बड़े नेता का बागी तेवर
Lok Sabha Election 2024: राष्ट्रीय जनता दल में एक के बाद एक इस्तीफे को लेकर पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष देवेंद्र प्रसाद यादव ने पार्टी के मुखिया लालू प्रसाद यादव और उनके बेटे तेजस्वी यादव पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं।
Lok Sabha Election 2024: बिहार में लोकसभा चुनाव के दौरान राष्ट्रीय जनता दल के मुखिया लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) की मुश्किलें बढ़ गई हैं। पार्टी नेताओं के लगातार इस्तीफों के कारण भगदड़ जैसी स्थिति दिख रही है। अब एक और बड़े नेता और पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष देवेंद्र प्रसाद यादव (Devendra Prasad Yadav) ने बागी तेवर अपना लिया है। उन्होंने पार्टी के मुखिया लालू प्रसाद यादव और उनके बेटे तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने लालू को सामाजिक न्याय नहीं बल्कि पारिवारिक न्याय का पुरोधा बताया है। हालांकि उन्होंने अभी तक खुद पार्टी से इस्तीफा नहीं दिया है।
जानकारों का मानना है कि खुद इस्तीफा देने की जगह वे पार्टी मुखिया की ओर से की जाने वाली कार्रवाई का इंतजार कर रहे हैं। देवेंद्र प्रसाद यादव से पहले राजद के दो बड़े नेता राज्यसभा के पूर्व सदस्य अशफाक करीम और वृषिण पटेल ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। इससे पहले बांका में राजबल्लभ यादव के भाई विनोद यादव ने भी बागी तेवर अपना लिया था। उन्होंने महागठबंधन के प्रत्याशी श्रवण कुशवाहा के खिलाफ नामांकन दाखिल करके अपनी ताकत दिखाने का ऐलान किया है।
आयातित लोगों को राजद का टिकट
राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष देवेंद्र प्रसाद यादव ने आज अपने आवास पर आयोजित प्रेस कांफ्रेंस के दौरान लालू और तेजस्वी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र पूरी तरह खत्म हो गया है और बाहर से आयातित लोगों को पार्टी का टिकट दिया जा रहा है।
उन्होंने पूर्णिया में पप्पू यादव के खिलाफ उम्मीदवार उतारे जाने के फैसले को भी गलत बताया उन्होंने कहा कि राजद मुखिया ने पप्पू यादव के साथ न्याय नहीं किया है। उन्हें अभिमन्यु की तरह घेरा जरूर गया है मगर वे लाक्षागृह भेदकर बाहर निकलने में कामयाब होंगे।
साथियों से मंथन के बाद भविष्य का फैसला
राजद के वरिष्ठ नेता ने कहा कि अभी तो पार्टी में विकेट गिरने का सिलसिला शुरू हुआ है। अभी आने वाले दिनों में पार्टी के कई बड़े नेता इस्तीफा देंगे। उन्होंने कहा कि लालू और तेजस्वी को समझ लेना चाहिए कि यादव बिरादरी के लोग किसी कोठरी के अनाज नहीं है। इस बिरादरी के प्रति लालू यादव को अपनी मानसिकता बदलनी होगी।
देवेंद्र यादव ने कहा कि जब लालू यादव जेल में बंद थे तो उन्होंने जेल से फोन करके तेजस्वी को आशीर्वाद देने का अनुरोध किया था। हम लोगों ने अपना फर्ज निभाया मगर लालू यादव आज सिद्धांतों से समझौता कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि साथियों से चर्चा करके वे भविष्य में उठाए जाने वाले कदम के संबंध में फैसला करेंगे।
कार्यकर्ताओं की अनदेखी का आरोप
उन्होंने कहा कि आज पार्टी के समर्पित नेताओं और कार्यकर्ताओं की भावनाओं को कुचला जा रहा है। पार्टी के नेताओं की जगह बाहर से आए नेताओं को सिंबल दिया जा रहा है। राजद को बनाने में केवल लालू या मेरा ही योगदान नहीं है बल्कि इसके लिए कार्यकर्ताओं ने वर्षों मेहनत की है।
उन्होंने कहा कि मुझे टिकट की परवाह नहीं है क्योंकि मैं पांच बार सांसद रह चुका हूं मगर लालू यादव परिवारवाद को बढ़ावा देने में जुटे हुए हैं। वास्तव में वे सामाजिक न्याय नहीं बल्कि पारिवारिक न्याय के पुरोधा हैं। उल्लेखनीय है कि इस बार के लोकसभा चुनाव में लालू यादव ने अपनी दो बेटियों को चुनाव मैदान में उतारा है।
राजद को लगातार लग रहा झटका
देवेंद्र प्रसाद यादव से पहले पूर्व राज्यसभा सदस्य अशफाक करीम और पूर्व मंत्री व वरिष्ठ नेता वृषिण पटेल ने भी इस्तीफा दे दिया था। वृषिण पटेल ने अपना इस्तीफा प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह को भेजा था। वृषिण पटेल ने अपने इस्तीफे में कहा है कि इस पार्टी को समर्पित कार्यकर्ताओं की जरूरत नहीं है।
पार्टी की सामाजिक न्याय और सांप्रदायिक सद्भाव में आस्था नहीं है। इस वजह से वे राष्ट्रीय जनता दल की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहे हैं। अशफाक करीम तो राजद से इस्तीफा देने के बाद जदयू का दामन थाम चुके हैं। उन्होंने लालू यादव पर मुसलमानों की हकमारी का बड़ा आरोप लगाया था।
टिकट बंटवारे के बाद राजद में भारी असंतोष
लोकसभा चुनाव में पहले चरण के मतदान से पहले राजद से पार्टी नेताओं के लगातार इस्तीफों के कारण पार्टी को करारा झटका लगा है। हालांकि लालू के बेटे और पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव का कहना है कि चुनावी माहौल में नेताओं का आना-जाना लगा रहता है मगर सियासी जानकारों का मानना है कि टिकट बंटवारे के बाद राजद में काफी असंतोष दिख रहा है। इससे चुनाव में भी राजद को बड़ा झटका लगने की संभावनाएं पैदा हो गई हैं।