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BJP First Win: चुनाव हुआ नहीं, फैसला आना बाकी, फिर भी जीत गया भाजपा का लोकसभा प्रत्याशी
Lok Sabha Elections 2024: निलेश कुम्भानी पर नामांकन फर्म पर तीन प्रस्तावकों के फर्जी हस्ताक्षर को लेकर भाजपा ने सवाल उठाए थे। इस मामले पर सुनवाई हुई और रविवार को कांग्रेस उम्मीदवार का पर्चा अमान्य कर रद्द कर दिया गया।
Lok Sabha Elections 2024:अभी लोकसभा चुनाव का पहला चरण खत्म हुआ है और छह चरणों के चुनाव होने के साथ इसका रिजल्ट आना बाकी है, मगर लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा को शुभ संकेत मिलना अभी से शुरू हो गया है। चुनावी फैसला आने से पहले भाजपा को लोकसभा चुनाव में पहली जीती का स्वाद चख लिया है। भाजपा ने गुजरात के सूरत संसदीय क्षेत्र से पहली जीत दर्ज की है। पार्टी को यह जीत निर्विरोध के रूप में मिली है। सुरत से भाजपा उम्मीदवार मुकेश दलाल निर्विरोध लोकसभा चुनाव 2024 को जीता है। मुकेश दलाल की निर्विरोध जीत पर भाजपा गुजरात अध्यक्ष सीआर पाटिल और राज्य के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने उन्हें बधाई दी है।
कांग्रेस का पर्चा हुआ रद्द, बाकी ने लिए नाम वापस
दरअसल, सूरत लोकसभा सीट पर भाजपा कांग्रेस सहित अन्य पार्टियों के मिलाकर 10 उम्मीदवार मैदान पर थे। कांग्रेस के प्रत्याशी निलेश कुम्भानी चुनाव अधिकारी के समक्ष अपने तीन में से एक भी प्रस्तावक को मौजूद नहीं रख पाए, जिस वजह से चुनाव अधिकारी ने उनका नामांकन फॉर्म रद्द कर दिया था। निलेश कुम्भानी पर नामांकन फर्म पर तीन प्रस्तावकों के फर्जी हस्ताक्षर को लेकर भाजपा ने सवाल उठाए थे। इस मामले पर सुनवाई हुई और रविवार को कांग्रेस उम्मीदवार का पर्चा अमान्य कर रद्द कर दिया गया। उसके बाद 9 उम्मीदवारों ने अपना नाम वापस लिया, जिसके बाद भाजपा प्रत्याशी मुकेश दलाल निर्विरोध अपना लोकसभा चुनाव जीत गए।
निर्विरोध जीत पर सीएम और प्रदेश अध्यक्ष ने दी बधाई
गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने भी दलाल को बधाई देते हुए कहा कि उनकी चुनाव पूर्व जीत लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा की "ऐतिहासिक जीत की शुरुआत" है। भाजपा की गुजरात इकाई के अध्यक्ष सीआर पाटिल ने सोमवार को ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि सूरत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पहला कमल भेंट किया है। मैं सूरत लोकसभा सीट से अपने उम्मीदवार मुकेश दलाल को निर्विरोध निर्वाचित होने पर बधाई देता हूं।
सूरत बनी देश की पहली निर्विरोध सीट
सूरत लोकसभा सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार का फॉर्म रद्द होने के बाद भाजपा को मिलाकर इस रण में 9 उम्मीदवार बचे थे। इसमें 7 निर्दलीय और एक बसपा का उम्मीदवार मैदान में थे। 7 उम्मीदवारों ने पहले ही नाम वापस ले लिया थे। अब बसपा उम्मीदवार प्यारेलाल ही मैदान थे। सोमवार को नाम वापस लेने के आखिरी दिन सूरत कलेक्टोरेट पहुंचकर बसपा उम्मीदवार ने भी अपना नाम वापस ले लिया। इसके बाद भाजपा उम्मीदवार के खिलाफ कोई प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार नहीं रहा और बीजेपी उम्मीदवार को निर्विरोध घोषित कर दिया गया है। अगर बसपा उम्मीदवार नाम वापस नहीं लेता तो इस सीट पर सीधा मुकाबला भाजपा और बसपा के बीच होता, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। लोकसभा चुनाव 2024 में सूरत देश की पहली निर्विरोध सीट बन गई है।