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Lok Sabha Election: योगी के गढ़ में भाजपा ब्राह्मणों की शरण में, जीत के लिए कितना जरूरी है ये समीकरण?

Lok Sabha Election: गोरखपुर-बस्ती मंडल की नौ लोकसभा सीटों पर ब्राह्मण निर्णायक की भूमिका में हैं। महराजगंज के सिसवा और नौतनवा में ब्राह्मणों की अच्छी संख्या है। देवरिया में भी ब्राह्मण प्रभावी हैं।

Purnima Srivastava
Published on: 17 April 2024 9:23 AM IST
Lok Sabha Election 2024
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विजय दुबे, रवि किशन शुक्ला, शशांक मणि त्रिपाठी और हरीश द्विवेदी (Newstrack)

Lok Sabha Election: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर विपक्ष की तरफ से राजपूतों की सियासत का आरोप लगता है। लेकिन गोरखपुर-बस्ती मंडल के नौ लोकसभा सीटों पर सवर्ण उम्मीदवारों पर नजर डाले तो पांच में से चार ब्राह्मण चेहरे ही हैं। अब राजनीति के जानकारों के बीच इस बात पर चर्चा हो रही है कि यह चेहरे भाजपा की मजबूरी हैं या फिर जीत के लिए जरूरी हैं। जीत के लिए यह दांव कितना कारगर होगा। क्योंकि इस बार सपा और कांग्रेस ने मुस्लिम और यादव को सुरक्षित वोटबैंक मानते हुए बड़े ही सधे दांव चल रहे हैं।

गोरखपुर-बस्ती मंडल की 9 लोकसभा सीट पर सिर्फ बांसगांव लोकसभा सुरक्षित है। यहां सवर्ण बिरादरी के प्रत्याशी को भाजपा नहीं उतार सकती है। ऐसे में यहां से कमलेश पासवान मैदान में हैं। शेष बचे आठ सीटों में से भाजपा ने आधे लोकसभा सीटों पर भाजपा उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है। देवरिया में लगातार दो बार से सीटिंग सांसद को बदला गया है। वर्ष 2019 में कलराज मिश्रा का टिकट काटकर डॉ.रमापति राम त्रिपाठी को टिकट दिया गया। एक बार फिर 2024 में डॉ.रमापति राम त्रिपाठी का टिकट काटकर पूर्व देवरिया के पूर्व सांसद लेफ्टिनेंट जनरल श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी के पुत्र शशांक मणि त्रिपाठी को टिकट देकर चुनाव मैदान में उतारा गया है। देवरिया में ब्राह्मण वोटरों की अच्छी संख्या है। इसी तरह कुशीनगर में भाजपा ने एक बार फिर विजय दूबे को मैदान में उतारा है। बस्ती में हरीश द्विवेदी मैदान में हैं। गोरखपुर लोकसभा सीट गोरक्षपीठ की पारम्परिक सीट है। यहां से 2019 में भाजपा के रवि किशन शुक्ला को मैदान में उतारा था। बाहरी होने के बाद भी रवि किशन रिकॉर्ड मतों से जीते थे। सवर्ण प्रत्याशियों में जगदम्बिका पाल इकलौते गैर ब्राह्मण हैं।

ब्राह्मण वोटर हैं निर्णायक

गोरखपुर-बस्ती मंडल की नौ लोकसभा सीटों पर ब्राह्मण निर्णायक की भूमिका में हैं। महराजगंज के सिसवा और नौतनवा में ब्राह्मणों की अच्छी संख्या है। देवरिया में भी ब्राह्मण प्रभावी हैं। इसी लिए यहां वर्तमान विधायक शलभ मणि त्रिपाठी से लेकर कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए राजेश मिश्रा का नाम उछल रहा था। डुमरियागंज लोकसभा सीट पर इटवा, डुमरियागंज विधानसभा को छोड़ दें तो शेष तीन विधानसभा में ब्राह्मणों की अच्छी संख्या हैं।

ब्राह्मण दिग्गजों के मुकाबले पंडित हरिशंकर तिवारी का परिवार

गोरखपुर-बस्ती मंडल की नौ लोकसभा सीटों पर ब्राह्मण निर्णायक वोटर की भूमिका में हैं। इसीलिए कोई भी राजनीतिक दल इन्हें नजरअंदाज करने की स्थिति में नहीं है। सपा ने ब्राह्मणों ने पूर्वांचल में बड़े चेहरे रहे पंडित हरिशंकर तिवारी के पुत्र भीष्म शंकर तिवारी को डुमरियागंज लोकसभा सीट से उतारा है। वहीं, बसपा ने बस्ती में भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष रहे दयाशंकर मिश्रा को मैदान में उतार कर सोशल इंजीनियरिंग के फार्मूला पर चलने का दावा किया है।



Jugul Kishor

Jugul Kishor

Content Writer

मीडिया में पांच साल से ज्यादा काम करने का अनुभव। डाइनामाइट न्यूज पोर्टल से शुरुवात, पंजाब केसरी ग्रुप (नवोदय टाइम्स) अखबार में उप संपादक की ज़िम्मेदारी निभाने के बाद, लखनऊ में Newstrack.Com में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। भारतीय विद्या भवन दिल्ली से मास कम्युनिकेशन (हिंदी) डिप्लोमा और एमजेएमसी किया है। B.A, Mass communication (Hindi), MJMC.

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