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Gorakhpur: साइकिल’ तो कहीं ‘कमल’ का खेल बिगाड़ने को तैयार है बसपा का ‘हाथी’, योगी के गढ़ में जानें बसपा का समीकरण

Gorakhpur News: लोकसभा चुनाव में पिछले दो दशक के आंकड़े बताते हैं कि प्रत्याशियों की घोषणा में बसपा अव्वल तो वहीं भाजपा सबसे पिछले पायदान पर रही है। लेकिन इसबार ठीक उलटा है।

Purnima Srivastava
Published on: 13 April 2024 7:12 AM GMT
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BSP  (PHOTO: social media )

Gorakhpur News: गोरखपुर-बस्ती की नौ लोकसभा सीटों पर बसपा ने तीन पर अपने प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर दी है। इनके जीत हार को लेकर परिणाम का इंतजार करना होगा लेकिन प्रत्याशियों की घोषणा के बाद कहीं सपा-कांग्रेस गठबंधन को कहीं भाजपा की नींद उड़ी है। गोरखपुर में बसपा के टिकट पर जावेद सिमनानी के मैदान में उतरने के बाद सपा प्रत्याशी की नींद उड़ी है। तो वहीं बस्ती लोकसभा सीट पर बसपा ने भाजपा के ही पूर्व जिलाध्यक्ष दयाशंकर मिश्र को मैदान में उतार कर भाजपा के उम्मीदवार हरीश द्विवेदी को मुश्किल में डाल दिया है।

लोकसभा चुनाव में पिछले दो दशक के आंकड़े बताते हैं कि प्रत्याशियों की घोषणा में बसपा अव्वल तो वहीं भाजपा सबसे पिछले पायदान पर रही है। लेकिन इसबार ठीक उलटा है। भाजपा ने गोरखपुर-बस्ती मंडल की नौ लोकसभा सीटों में देवरिया को छोड़कर सभी आठ सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। बसपा सिर्फ गोरखपुर, बस्ती व डुमरियागंज में अपने प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर सकी है। तो वहीं सपा गोरखपुर और बस्ती सीट पर प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर सकी है। कांग्रेस अपने कोटे की तीनों लोकसभा सीटों पर प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर दी है।

यह है गोरखपुर का समीकरण

गोरखपुर लोकसभा सीट पर बसपा ने जावेद सिमनानी, भाजपा ने रवि किशन शुक्ला और सपा ने काजल निषाद को मैदान में उतारा है। हार्ट अटैक से उबर कर काजल ने शुक्रवार को सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से मिलने के बाद दोबारा पूरे जोश के साथ मैदान में आ डटी हैं। लेकिन जावेद सिमनानी के मैदान में आने से सपा के मुस्लिम वोट बैंक पर सेंधमारी का खतरा बढ़ गया है। बसपा मुस्लिम वोट को हासिल करने में कामयाब होती है तो पिछले बार वैध मतों का 51 फीसदी मत पाकर 2019 में जीत हासिल करने वाले रवि किशन को फायदा मिलना तय होगा। सपा अब मुस्लिमों को समझाने में जुट गई है कि बसपा प्रत्याशी वोट काटने की ही भूमिका में हैं।

बस्ती में हरीश द्विवेदी की मुश्किलें बढ़ेंगी?

बस्ती लोकसभा सीट पर तीनों प्रमुख दलों ने प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर दी है। यहां से भाजपा ने हरीश द्विवेदी, सपा-कांग्रेस गठबंधन ने राम प्रसाद चौधरी और बसपा ने भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष रहे दयाशंकर मिश्र को अपना उम्मीदवार बनाया है। भाजपा के हरीश द्विवेदी के हैट्रिक के दावे में बसपा प्रत्याशी दयाशंकर मिश्र लगड़ी मारते दिख रहे हैं। विधानसभा में सपा ने जिस प्रकार बस्ती जिले में प्रदर्शन किया था, उससे भाजपा प्रत्याशी की नींद उड़ी है। दयाशंकर मिश्र ब्राह्मण और सवर्ण वोट पाने में कामयाब हुए तो भाजपा मुश्किलों में फंस सकती है।

बसपा के मुस्लिम प्रत्याशी से भाजपा राहत में

भाजपा ने डुमरियागंज सीट से जगदम्बिका पाल को मैदान में उतारा है। वहीं बसपा ने ख्वाजा शमसुद्दीन को मैदान में उतारा है। सपा ने यहां प्रत्याशी के नाम की घोषणा नहीं की है। सपा इस बार मुस्लिम, पिछड़ा और दलित वोटरों के बल पर जीत का दावा कर रही है। डुमरियागंज में मुस्लिम वोटर ही निर्णायक होते हैं। सपा के सामने मुश्किल है कि वह डुमरियागंज से मुस्लिम प्रत्याशी देती है तो वोटों का बंटवारा तय है। यदि सवर्ण प्रत्याशी उतारा जाता है तो बसपा की दावेदारी बनती दिखेगी। ऐसे में सपा में प्रत्याशी को लेकर मंथन के बीच बसपा और भाजपा भी इंतजार की भूमिका में हैं।

Monika

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Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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