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Lok Sabha Election 2024: 55 सीटों पर 11 ब्राह्मण तो 14 मुस्लिम उम्मीदवार, इन 4 सीटों पर बसपा बढ़ा रही भाजपा की टेंशन
Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव में बसपा ने टीम बी की धारणा को तोड़ते हुए राजनीतिक समीकरण के आधार पर टिकटों का वितरण किया है। बसपा ने 55 सीटों पर 14 मुस्लिम उम्मीदवार तो 11 ब्राह्मण उम्मीदवार उतारे हैं।
Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव में बसपा ‘जिसकी जितनी भागीदारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी’ की नीति पर राजनीति कर रही है। बसपा ने टीम बी की धारणा को तोड़ते हुए राजनीतिक समीकरण के आधार पर टिकटों का वितरण किया है। बसपा ने 55 सीटों पर 14 मुस्लिम उम्मीदवार तो 11 ब्राह्मण उम्मीदवार उतारे हैं। आईए जानते हैं कि वो कौन-सी लोकसभा सीटें हैं, जहां भाजपा को बसपा बड़ी चुनौती दे रही है...
बसपा ने बढ़ाई भाजपा की टेंशन
बसपा ने कुछ सीटों पर ऐसे प्रत्याशी उतारे हैं जो भाजपा की टेंशन बढ़ा रहे हैं। इसका असर भी भाजपा के चुनाव-प्रचार में दिखने लगा है। सपा और कांग्रेस पर तीखे बाण छोड़ने वाली भाजपा सरकार ने अब बसपा पर भी वार कर दिया है। मंगलवार को कैराना में सीएम योगी ने बसपा पर हमला बोलते हुए कहा था कि बसपा केवल बाबा साहेब के नाम की राजनीति करती है, लेकिन उनकी पार्टी में उन्हें कभी सम्मान नहीं दिया गया।
55 सीटों पर 11 ब्राह्मण व 14 मुस्लिम प्रत्याशी
भाजपा शुरू से ही बसपा को बी टीम होने की बात कहती आ रही है। लेकिन इस लोकसभा चुनाव में बसपा ने टिकट का बंटवारा राजनीतिक माहौल को ध्यान में रखते हुए किया है। बसपा प्रमुख मायावती ने मुस्लिम वोटरों का समर्थन पाने के लिए 14 सीटों पर मुस्लिम उम्मीदवार उतारे हैं। बसपा ने अब तक कुल 55 टिकट दिए हैं, जिनमें 25.45 फीसदी टिकट मुस्लिम उम्मीदवारों को दिए हैं। वहीं उत्तर प्रदेश में मुस्लिमों की आबादी 20 प्रतिशत है। ऐसे में यह साफ देखा जा सकता है कि बसपा ने मुस्लिम वोटरों को साधने का पूरी तैयारी कर ली है। प्रदेश में बसपा की तुलना में इंडिया गठबंधन की ओर से 72 सीटों पर केवल 7 टिकट ही मुस्लिम उम्मीदवार को दिए गए हैं।
4 सीटों पर भाजपा को घेरेगी बसपा
दूसरी ओर बसपा ने भाजपा को भी कड़ी टक्कर देने की तैयारी कर रखी है। बसपा ने 11 लोकसभा सीट पर ब्राह्मण उम्मीदवार उतारे हैं। यहां बसपा ने टिकट वितरण में हर वर्ग को आकर्षित करने का प्रयास किया है। यहीं नहीं मायावती ने इस चुनाव में 4 लोकसभा सीटों पर भाजपा के सामने ऐसे उम्मीदवार खड़े कर दिए हैं, जो भाजपा के लिए मुसीबत बन सकते हैं। इनमें जौनपुर, मेरठ, बस्ती और आजमगढ़ लोकसभा सीट शामिल हैं।
जौनपुर में भाजपा का पलड़ा कमजोर
जौनपुर लोकसभा सीट पर बसपा ने क्षत्रिय समाज के बाहुबली धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला सिंह को टिकट दिया है। बसपा उम्मीदवार श्रीकला जौनपुर जिला पंचायत की अध्यक्ष हैं। इस सीट पर भाजपा ने कृपा शंकर सिंह को टिकट दिया है, जो पिछला लोकसभा चुनाव हार गए थे। इस सीट पर सपा ने मायावती के खास बाबू सिंह कुशवाहा को उम्मीदवार बनाया है। माना जा रहा है कि इस सीट पर सपा और बसपा में बड़ा टक्कर हो सकता है। इस सीट पर भाजपा का पलड़ा पहले से ही कमजोर है।
मेरठ में त्यागी समाज बना मुसीबत
मेरठ लोकसभा सीट अब हॉट सीट बन चुकी है। इस सीट पर भाजपा ने वर्तमान सांसद का टिकट काटकर एक्टर अरुण गोविल को टिकट दिया है। इस सीट पर मायावती ने देवव्रत त्यागी को प्रत्याशी बनाकर भाजपा के लिए मुश्किल खड़ी कर दी है। इस सीट पर अब तक भाजपा त्यागी समाज को ही ऊपर रखती आई है। त्यागी समाज का भाजपा को समर्थन भी मिलता रहा है। लेकिन अब मेरठ में समीकरण बदल सकते हैं। अगर अरुण गोविल श्रीराम के नाम पर वोट नहीं बंटोर पाते हैं तो भाजपा को यहां हार का सामना करना पड़ सकता है।
बस्ती में दो गुटों में बंटे ब्राह्मण वोटर
बस्ती लोकसभा सीट पर भाजपा ने ब्राह्मण उम्मीदवार हरीश द्विवेदी को टिकट दिया है। हरीश द्विवेदी बस्ती के वर्तमान सांसद भी हैं। अब इसी सीट पर भाजपा को टक्कर देने के लिए बसपा ने ब्राह्मण समाज के ही दयाशंकर मिश्र को टिकट दिया है। यानी अब यहां ब्राह्मण समाज के वोटर दो गुटों में बंट सकते हैं। हालांकि इस सट पर सपा ने भी चुना हुआ पत्ता फेंका है। इस सीट पर सपा ने मायावती के खास रहें राम प्रसाद चौधरी को टिकट दिया है।
आजमगढ़ में राजभर वोट बिगाड़ेगा खेल
आजमगढ़ लोकसभा सीट पर बसपा ने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष भीम राजभर को टिकट देकर फिर से भाजपा को चुनौती दी है। जिसकी वजह ओमप्रकाश राजभर से भाजपा का गठबंधन होना है। दरअसल, सुभासपा का भाजपा से गठबंधन जरूर हुआ लेकिन इस सीट पर भाजपा ने मौजूदा सांसद दिनेश लाल यादव निरहुआ को टिकट दिया है। जिससे राजभर समाज में नाराजगी देखी जा रही है। इस बीच बसपा ने भीम राजभर को भाजपा के सामने खड़ा कर माहौल और बिगाड़ दिया है।