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Lok Sabha Election: मायावती ने चला ठाकुर कार्ड, BJP से नाराजगी को भुनाने की कोशिश
Lok Sabha Election 2024: मायावती ने रविवार को गाजियाबाद की चुनावी सभा के दौरान पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाल के दिनों में हुई क्षत्रिय पंचायतों का विशेष तौर पर उल्लेख किया।
Lok Sabha Election 2024: पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पहले चरण की आठ लोकसभा सीटों पर मतदान के बाद अब 26 अप्रैल को दूसरे चरण के मतदान वाली आठ सीटों पर समीकरण साधने की कोशिशें तेज हो गई हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भाजपा से क्षत्रियों की नाराजगी की खबरों के बीच मायावती ने क्षत्रियों को साधने के लिए बड़ा सियासी कार्ड चल दिया है। मायावती ने रविवार को गाजियाबाद की चुनावी सभा के दौरान पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाल के दिनों में हुई क्षत्रिय पंचायतों का विशेष तौर पर उल्लेख किया।
बसपा मुखिया मायावती ने इस बार गाजियाबाद लोकसभा सीट पर नंदकिशोर पुंडीर के रूप में क्षत्रिय उम्मीदवार मैदान में उतारा है। उन्होंने इसकी चर्चा करते हुए कहा कि भाजपा और अन्य दलों ने इस बार के चुनाव में क्षत्रिय समाज के लोगों की अनदेखी की है जबकि बसपा ने इस समाज का सम्मान बरकरार रखा है। बसपा मुखिया के इस बयान से साफ हो गया है कि वे आने वाले चरणों में ठाकुर मतदाताओं को रिझाने की कोशिश में जुट गई हैं। अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हुई है कि उन्हें अपनी इस मुहिम में कितनी कामयाबी मिलती है।
भाजपा से नाराज दिख रही ठाकुर बिरादरी
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पहले चरण के मतदान से पहले ही ठाकुरों की भाजपा से नाराजगी चर्चा का विषय बनी रही है। दरअसल गाजियाबाद में पिछले दो लोकसभा चुनावों में जनरल वीके सिंह ने भाजपा के टिकट पर बाजी मारी थी मगर पार्टी ने इस बार उनका टिकट काटते हुए पूर्व राज्य मंत्री और गाजियाबाद के विधायक अतुल गर्ग पर दांव खेला है।
जनरल वीके सिंह का टिकट काटने से पश्चिमी उत्तर प्रदेश के ठाकुरों में नाराजगी दिख रही है। ठाकुरों की नाराजगी दूर करने के लिए भाजपा ने पूरी ताकत लगा रखी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जरिए भाजपा ने ठाकुरों की नाराजगी दूर करने का प्रयास किया है मगर जानकारों का कहना है कि अभी भी ठाकुरों की नाराजगी पूरी तरह दूर नहीं हो सकी है। यही कारण है कि मायावती ने भी बड़ा सियासी दांव चल दिया है।
मायावती ने उतारा है ठाकुर उम्मीदवार
गाजियाबाद लोकसभा सीट पर बसपा मुखिया मायावती ने बड़ा खेल कर दिया है। शुरुआत में उन्होंने अंशय कालरा को टिकट दिया था मगर भाजपा से ठाकुरों की नाराजगी को देखते हुए उन्होंने इसी बिरादरी से जुड़े नंदकिशोर पुंडीर को टिकट देकर मुकाबले को दिलचस्प को बना दिया है। मायावती रविवार को गाजियाबाद में चुनाव प्रचार करने के लिए पहुंची थीं और इस दौरान उन्होंने ठाकुर कार्ड चलते हुए अपनी पार्टी के लिए मतदाताओं से समर्थन मांगा।
उन्होंने कहा कि पश्चिम उत्तर प्रदेश में क्षत्रिय समाज के लोग बड़ी संख्या में रहते हैं, लेकिन यह दुख की बात है कि भाजपा व अन्य दल खुद को क्षत्रियों का हिमायती बताते हैं मगर उन्होंने इस समाज से जुड़े लोगों को टिकट नहीं दिया। भाजपा ने क्षत्रिय समाज की पूरी तरह उपेक्षा की है। बसपा अकेली ऐसी पार्टी है जिसने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अन्य समाजों के साथ ही क्षत्रिय समाज का भी आदर और सम्मान बनाए रखने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी है।
ठाकुरों का समर्थन हासिल करने की कोशिश
अपने 25 मिनट के भाषण के दौरान मायावती ने दलितों, मुसलमानों और किसानों को साधने का प्रयास तो जरूर किया मगर उनका सबसे ज्यादा जोर भाजपा से नाराज बताए जा रहे क्षत्रिय समाज को साधने पर रहा। उन्होंने इस बार बसपा के टिकट बंटवारे में की गई हर वर्ग के भागीदारी का जिक्र करते हुए अपनी सोशल इंजीनियरिंग को समझाने का भी बड़ा प्रयास किया।
उन्होंने कहा कि मुझे इस बात की जानकारी मिली है कि हाल के दिनों में क्षत्रिय समाज के लोगों ने कई पंचायते॔ की हैं जिनमें भाजपा को वोट न देने का फैसला किया गया है। मुझे बताया गया है कि इन पंचायतों ने फैसला लिया है कि हमारा वोट उसी पार्टी को जाएगा जिस पार्टी ने हमें हिस्सेदारी दी है। उन्होंने इसके लिए क्षत्रिय समाज के प्रति आभार जताया और कहा कि हमें इस समाज का पूरा समर्थन हासिल होने का भरोसा है।
जानकारों का मानना है कि गाजियाबाद की सियासी पिच पर बसपा मुखिया मायावती ने पूरी मजबूती के साथ ठाकुर कार्ड चल दिया है और 26 अप्रैल को होने वाले मतदान के दौरान इसका बड़ा असर दिख सकता है।