TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

Lok Sabha Election 2024: चुनावी रथ में अकेले सवार बसपा, अचानक वापसी से भाजपा-सपा की बढ़ी टेंशन

Lok Sabha Election 2024: लोकसभा सीटों के लिए टिकटों के बंटवारे में भी मायावती ने जाति-आधारित राजनीतिक फार्मूले को अपनाया है। मायावती की पार्टी ने अभी तक कोई घोषणा पत्र जारी नहीं किया है।

Seema Pal
Written By Seema Pal
Published on: 15 April 2024 1:37 PM IST
Lok Sabha Election 2024
X
Pic - Social Media 

Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 में बहुजन समाज पार्टी ने भी इस बार एंट्री की है। लंबे अंतराल के बाद बसपा चुनावी जनसभाएं कर रही बसपा आम लोगों के साथ बड़ी पार्टियों का ध्यान खींच रही है। खास बात यह है कि मायावती ने अपनी सियासी रहा नहीं बदली। इस चुनाव में भी मायावती बाबा साहेब डा. भीमराव आंबेडकर और पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की विचारधारा पर कायम हैं। यही वजह है कि बसपा ने कोई घोषणा पत्र नहीं दिया है।

घोषणा पत्र नहीं जारी करेगी बसपा

लोकसभा चुनाव 2024 से राजनीति में फिर से सक्रिय हो रहीं मायावती की पार्टी ने अभी तक कोई घोषणा पत्र जारी नहीं किया है। मायावती ने अपनी बात को दोहराते हुए कहा कि हमारी पार्टी करने में विश्वास करती है, इसलिए पार्टी कोई घोषणा पत्र जारी नहीं करेगी। इन दिनों बसपा यूपी के निर्वाचन क्षेत्रों में चुनावी जनसभाएं आयोजित कर रही है। जिससे एक बार फिर बसपा राजनीतिक ट्रैक पर सक्रिय हो गई है। युवाओं के बीच बसपा राजनीतिक सोशल इंजीनियरिंग ट्रेन दौड़ा रही है।

'एकल चलो' राजनीति की राह पर बसपा

लोकसभा सीटों के लिए टिकटों के बंटवारे में भी मायावती ने जाति-आधारित राजनीतिक फार्मूले को अपनाया है। हैरत की बात की यह है कि बसपा केवल भाजपाई नीतियों का विरोध नहीं कर रही है बल्कि कांग्रेस के साथ सपा के भी खिलाफ है। शायद यही वजह है कि बसपा 'एकल चलो' राजनीति कर रही है। बसपा ने इंडिया गठबंधन का भी समर्थन नहीं किया। दलित समाज के अधिकारों के लिए ही एक बार फिर बसपा चुनावी रथ में सवार हो गई है।

यूपी में भाजपा-सपा के लिए बनी रोड़ा

गौरतलब है कि मायावती जाट-मुस्लिम और दलित वोटरों को इकट्ठा करने में ज्यादा ध्यान दे रही हैं। मालूम हो, साल 2007 के विधानसभा चुनाव और 2009 के लोकसभा चुनाव में बसपा ने इसी राजनीतिक समीकरण के बलबूते पार्टी को मजबूत बनाया था। पार्टी की वापसी की बात करें तो साल 2018 के उपचुनाव में सपा ने जो जीत हासिल की थी, उसमें बसपा गठबंधन का ही योगदान था। यह भी जगजाहिर है कि बिना बसपा के सहयोग के सपा यूपी में चुनाव नहीं जीत सकती है। वहीं भाजपा के लिए भी बसपा यूपी में कई लोकसभा सीटों पर मुश्किल खड़ी कर सकती है।



\
Seema Pal

Seema Pal

Content Writer

Seema Pal is a Journalist and former Anchor. As Author, She is produced a good content. She has 4 years of experience in Media as news writer. Along with entertaining, She has a good grip in politics

Next Story