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Loksabha Election 2024: बसपा ने जारी की चौथी सूची में 9 उम्मीदवारों के नाम, जानें इनका लोकसभा सीटों पर प्रभाव
Loksabha Election 2024: बसपा ने चौथी सूची में चर्चित लोकसभा सीट आजमगढ़ और गोरखपुर समेत 9 सीटों के उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया है। यहां जानें किसका बिगड़ेगा समीकरण।
Loksabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए बसपा ने यूपी के 9 सीटों के लिए उम्मीदवारों की चौथी सूची जारी कर दी है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने चौथी सूची में चर्चित लोकसभा सीट आजमगढ़ से भीम राजभर तो जावेद सिमनानी को गोरखपुर से चुनावी रण में उतारा है। इसके अलावा घोसी से बालकृष्ण चौहान, फैजाबाद से सच्चिदानन्द पांडेय और बस्ती से दयाशंकर मिश्रा को मौका दिया है। वहीं एटा से मोहम्मद इरफान, धौरहरा से श्याम किशोर अवस्थी, चंदौली से सत्येंद्र कुमार मौर्य और रॉबर्ट्सगंज से अधिवक्ता धनेश्वर गौतम को उम्मीदवार बनाया है।
बसपा ने अब तक कुल 45 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया है। बसपा 2024 का चुनाव अकेले चुनाव लड़ रही है। बसपा सुप्रीम मायावती यूपी में अब तक खुद जमीन पर चुनाव प्रचार के लिए नहीं उतरी है। हालांकि उनके भतीजे और बसपा के कोआर्डिनेटर आकाश आनंद लगातार चुनाव प्रचार में जुटे हैं। आजमगढ़ लोकसभा सीट बसपा के उम्मीदवार भीम राजभर के आने से यहां का समीकरण बदल जाएगा। इस सीट पर राजभर समाज के मतदाताओं का अच्छा प्रभाव है। सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर भाजपा के साथ चले गए हैं। लेकिन माना जा रहा है कि भीम राजभर के यहां से भाजपा का गणित कर सकते हैं। भीम राजभर बसपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं।
घोसी और बस्ती लोकसभा सीट पर इन उम्मीदवारों को हो सकता है नुकसान
वहीं घोसी लोकसभा सीट पर बसपा ने पूर्व सांसद बालकृष्ण चौहान को उम्मीदवार बनाकर पिछड़े वोटों में बंटवारे की राह खोल दिया है। सुभासपा प्रमुख ओमप्रकाश राजभर के बेटे अरविंद राजभर गठबंधन के उम्मीदवार हैं। राजभर के लिए यह साख और अस्तित्व की लड़ाई है। पिछले साल हुए घोसी विधानसभा सीट के उपचुनाव में राजभर ने भाजपा के उम्मीदवार दारा सिंह चौहान के लिए पूरी ताकत लगाई थी। लेकिन, दारा को हार का मुंह देखना पड़ा और सपा के सुधाकर सिंह जीत गए। 2017 में मऊ विधानसभा में 88,000 से अधिक वोट पाने वाले महेंद्र राजभर ने सुभासपा का साथ छोड़ सपा के साथ आ गए हैं। इससे सुभासपा की चुनौती और बढ़ जाएगी। वहीं बस्ती लोकसभा सीट पर बसपा ने भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष रहे दयाशंकर मिश्रा को उम्मीदवार बनाया है। उनके आने से सवर्ण वोटों में बिखराव हो सकते हैं। भाजपा ने तीसरी बार हरीश द्विवेदी को उम्मीदवार बनाया है। इस बार क्षेत्र में उनके खिलाफ विरोध देखने को मिल रहा है।