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'जहां सहारा, वहां इशारा...', मायावती ने बताया BSP को Electoral Bond क्यों नहीं मिली एक भी रुपए?
Mayawati News: इलेक्टोरल बॉन्ड पर मायावती बोलीं, 'जहां सहारा वहां इशारा, इससे बचने के लिए बसपा बड़े-बड़े पूंजीपतियों और धन्नासेठों के धनबल से दूर है।'
Mayawati on Electoral Bond: देश में फिलवक्त सुप्रीम कोर्ट के आदेश और इलेक्टोरल बॉन्ड (Supreme Court on Electoral Bond) का मुद्दा लगातार सुर्खियों में है। लोकसभा चुनाव से पहले चुनावी बॉन्ड से मिले चंदे की चर्चा चहुंओर है। इस बीच, बहुजन समाज पार्टी (BSP) सुप्रीमो मायावती (Mayawati News) की प्रतिक्रिया सामने आई है। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने इस मामले पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक के बाद एक तीन पोस्ट किए।
बसपा सुप्रीमो ने अपने पोस्ट में बताया कि, बहुजन समाज पार्टी बड़े-बड़े पूंजीपतियों और धन्नासेठों के धनबल से दूर है। अपने पोस्ट में इशारा दिया कि उनकी पार्टी को इलेक्टोरल बॉन्ड से एक भी रुपए क्यों नहीं मिला?
'गुप्त चुनावी बाण्ड से उगे धनबल...'
यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा सुप्रीमो मायावती ने एक्स पर अपने पहले पोस्ट में लिखा, 'रक्षा सौदों (Defense Deals) आदि में भ्रष्टाचार के बाद चर्चित गुप्त चुनावी बाण्ड से उगे धनबल द्वारा देश की राजनीति एवं चुनाव को भी जनहित व जनमत से दूर करने की प्रक्रिया के विरुद्ध मा. सुप्रीम कोर्ट का ताजा फैसला महत्वपूर्ण, किन्तु संविधान व लोकतंत्र की रक्षा के लिए सतत प्रयास जरूरी।'
मायावती- 'जहां सहारा वहां इशारा’
वहीं अगले पोस्ट में उन्होंने लिखा, 'जहां सहारा वहां इशारा’, इससे बचने के लिए बीएसपी बड़े-बड़े पूंजीपतियों व धन्नासेठों के धनबल से दूर है और जिस कारण यूपी में चार बार बनी सरकार में जनहित, जनकल्याण तथा गरीबी व पिछड़ेपन को दूर करने के लिए ऐतिहासिक पहल किए, जबकि दूसरी पार्टियां अधिकतर स्वार्थ में ही लगी हैं।'
बसपा- वर्ना गरीबों की गरीबी बढ़ती जाएगी
एक अन्य पोस्ट में मायावती कहती हैं, 'देश में अब लोकसभा के लिए हो रहे आम चुनाव में जन व देशहित में इन बातों का खास महत्व है तभी बहुजन हितैषी सरकार देश में बनकर लोगों को जानलेवा महंगाई, बढ़ती गरीबी, बेरोजगारी व पिछड़ेपन के लाचार जीवन से मुक्ति मिल पाएगी, वरना गरीबों की गरीबी व अमीरों की अमीरी लगातार बढ़ती जाएगी।'
बीजेपी को सबसे अधिक चंदा
गौरतलब है कि, इलेक्टोरल बॉन्ड (Electoral Bond) के जरिए चंदा लेने वाली पॉलिटिकल पार्टीज में बहुजन समाज पार्टी का नाम नहीं है। सबसे अधिक चंदा मिलने वालों में भारतीय जनता पार्टी का है, जिसे 6,986.5 करोड़ रुपए का चंदा प्राप्त हुआ है। इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस (TMC) है, जिसे 1,397 करोड़ रुपए का चंदा मिला है। इस सूची में कांग्रेस को 1,334 करोड़ रुपए का चंदा प्राप्त हुआ है।