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Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनावों में नारी शक्ति वंदन, राहुल का एक और बयान या फिर एक और सेल्फ गोल

Lok Sabha Election 2024: राहुल ने अपनी न्याय यात्रा के समापन अवसर पर मुंबई के शिवाजी पार्क में आयोजित महारैली में एक बयान दिया राहुल गांधी के बयान पर भारत की नारी शक्ति सहित प्रत्येक हिन्दू में आक्रोश

Mrityunjay Dixit
Written By Mrityunjay Dixit
Published on: 21 March 2024 3:07 PM IST
Lok Sabha Election 2024
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Lok Sabha Election 2024

Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 की रणभेरी बज चुकी है, सभी राजनैतिक दलों ने अपनी रणनीतियों को अंतिम रूप देना प्रारम्भ कर दिया है । नेता मतदाताओं को रिझाने के लिए गर्मागर्म बयानबाजियां कर रहे हैं। एक ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटियों और ‘अबकी बार 400 पार’ के नारे के साथ एनडीए गठबंधन ने मनोवैज्ञानिक बढ़त बना ली है । तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के नेतृत्व में इंडिया गठबंधन भी मैदान में उतर चुका है। इंडिया गठबंधन जैसे ही ताकत लगाकर खड़ा होता है । वैसे ही उसके नेता राहुल गाँधी ही उसकी टांग खींचने वाला काम कर देते हैं । मुंबई में राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ पार्ट -2 का समापन हुआ । जिसमें कई महत्वपूर्ण नेता शामिल हुए । लेकिन समापन कार्यक्रम में राहुल के अति उत्साह से भरे बयान ने कांग्रेस और इंडिया गठबंधन को एक बार फिर बैकफुट पर धकेल दिया।

राहुल ने अपनी न्याय यात्रा के समापन अवसर पर मुंबई के शिवाजी पार्क में आयोजित महारैली में एक बयान दिया। इस भाषण में उन्होंने कहा कि वो न बीजेपी के खिलाफ लड़ रहे हैं और न ही मोदी के खिलाफ। हिंदू धर्म में एक शब्द बोला जाता है और वह है ”शक्ति”, हम उसी शक्ति से लड़ रहे हैं। स्वाभाविक रूप से राहुल गांधी के इस बयान से इंडिया गठबंधन असहज हो गया ।

क्योंकि हिंदू धर्म में शक्ति शब्द का प्रयोग मां दुर्गा के लिए हुआ है। यह एक बहुत पवित्र शब्द माना गया है । जिसे नारी सम्मान के साथ भी जोड़ा जाता है। हिंदू धर्म को मानने वाला प्रत्येक भारतीय मां की शक्ति के रूप में आराधना करता है। समस्त हिन्दू संत समाज का मानना है कि राहुल गांधी ने विनाशकाले विपरीत बुद्धि की कहावत को चरितार्थ कर दिया है। राहुल गांधी पूर्व में भी सनातन हिंदू धर्म को अपमानित करते रहे हैं । किन्तु इस समय चुनाव सिर पर है। भाजपा ने इस मुद्दे को लपक लिया है। राहुल गांधी आज शक्ति स्वरूपा मां दुर्गा और उनकी शक्ति के विनाश की बात कर रहे हैं। राहुल के इस भाषण के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने हर सार्वजानिक कार्यक्रम में इसकी चर्चा कर रहे हैं और तीखा उत्तर दे रहे हैं।

स्वयं को जनेऊ धारी दत्तात्रेय गोत्रीय ब्राह्मण कहने वाले राहुल गांधी को दुर्गा सप्तशती का कम से कम एक श्लोक तो समझना चाहिए था जो कहता है -

या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता,

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

सनातन को लेकर की गई यह राहुल की पहली गलती नहीं है । इससे पूर्व वह अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर की आलोचना कर चुके हैं। उन्होंने प्रभु राम की प्राण प्रतिष्ठा पर भी सवाल उठाए थे। रैलियों में कहा था कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के समय केवल बड़े लोग आए और उसमें कोई गरीब नहीं दिखाई दिया। राहुल सहित कांग्रेस ने प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का बहिष्कार किया । इसी तरह राहुल गांधी ने एक बार बयान दिया था कि मंदिरों की मूर्तियों में कोई प्राण नही होते । वह निर्जीव होती हैं । एक बार तो वह जीसस को ही एकमात्र गॉड भी बता चुके हैं ।सम्पूर्ण विपक्ष इस बात को अच्छी तरह समझता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किस तरह विपक्ष के बड़े से बड़े हमले को अपने पक्ष में राजनैतिक हथियार के रूप में सफलतापूर्वक प्रयोग कर लेते हैं। ‘नीच चायवाला’ और ‘चौकीदार चोर है’ का हाल वो पिछले चुनावों में देख चुका है ।

हाल ही में लालू यादव के एक बयान के बाद उन्होंने ‘मैं हूं मोदी पारिवार’ का नारा दे दिया । अब तो राहुल गाँधी ने सीधे सनातन की ‘शक्ति’ पर हमला बोल दिया है । तो विपक्ष का असहज होना स्वाभाविक है। कांग्रेस, प्रियंका, राहुल सहित उनके अपने प्रवक्ता और कुछ यू टूबर सफाई दे रहे हैं । किन्तु इस मुद्दे पर राहुल का बचाव कर पाना किसी के बस की बात नहीं रह गई है। निर्जल नवरात्र करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राहुल को उत्तर देते हुए तेलंगाना की जनसभा में कहा कि ,” गठबंधन ने अपना घोषणपत्र शक्ति को समाप्त करने के लिए जारी किया है।मैं इस चुनौती को स्वीकार करता हूं। मैं इस शक्ति स्वरूपा माताओं बहनों की रक्षा के लिए जान की बाजी लगा दूंगा, जीवन खपा दूंगा। क्या भारत की धरती पर कोई शक्ति के विनाश की बात कर सकता है क्या?

राहुल गांधी के बयान पर भारत की नारी शक्ति सहित प्रत्येक हिन्दू में आक्रोश है।

दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने नारी शक्ति वंदन अधिनियम - 2023 पारित करवाकर नारी शक्ति को संसद व राज्य विधानसभाओं में 33 प्रतिशत आरक्षण का मार्ग प्रशस्त किया। इसके बाद भाजपा हर जनसभा में नारी शक्ति को ही केंद्र बिंदु बनाकर जनसभाओं और रैलियों का आयोजन कर रही है । 2014 के बाद हुए चुनावों में नारी शक्ति ने प्रधानमंत्री मोदी को पूरा समर्थन दिया है। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के विधानसभा चुनावों में महिला मतदाताओं ने भाजपा की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार नारी सशक्तीकरण की दिशा में लगातार काम कर रही है। देश भर में गरीबों के घरों में शौचालय बनाना, उज्ज्वला योजना के अंतर्गत मुपत रसोई गैस का सिलेंडर उलब्ध कराना, हर घर नल से जल, पीएम आवास योजना, मातृ वंदन योजना, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जैसी सभी योजनाओं ने महिलाओं का जीवन सरल और सम्मानजनक बनाया है।

छह माह काम मातृत्व अवकाश बाहर जाकर काम करने वाली स्त्रियों के लिए महत्वपूर्ण रहा। सेना और सशत्र बालों में महिलाओं ने नए कीर्तिमान बनाए। मिसाइल से चंद्रयान तक स्त्रियाँ नेतृत्व करता की भूमिका में हैं । वर्ष 2024 की गणतंत्र दिवस की परेड महिला सशक्तीकरण को ही समर्पित थी।इसी तरह लखपति दीदी, ड्रोन दीदी जैसी योजनाएं क्रांतिकारी बदलाव लाने वाली हैं । मोदी सरकार की विभिन्न योजनाओं के कारण स्वावलंबी हुआ महिला समाज आज चुनाव में सीधा प्रभाव डाल रहा है। इसके साथ ही आज प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में चल रही डबल इंजन की सरकारें भी नारी शक्ति का किसी न किसी रूप में वंदन कर रही हैं। महाराष्ट्र की सरकार ने एक बड़ा निर्णय लिया कि अब सभी दस्तावेजों में सर्वप्रथम मां के नाम का उल्लेख किया जाएगा वही उत्तराखंड सरकार ने समान नागरिक संहिता बिल पारित करवाया जिससे महिलाओं को लाभ होने जा रहा है। आज देश के सभी दल जहाँ महिला मतदाता को लुभाने के लिए तरह- तरह की योजनाएं ला रहे हैं वहीं दूसरी ओर राहुल गांधी ने ‘शक्ति से लड़ने’ का बयान देकर कांग्रेस व इंडिया गठबंधन की बची -खुची संभावनाओं पर तुषारापात कर दिया है।

Shalini singh

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