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Loksabha Elections: अमेठी में ब्राह्मण वोटरों को साधने में जुटी कांग्रेस और भाजपा, आसान नहीं स्मृति की डगर
Loksabha Elections: अमेठी लोकसभा सीट पर ब्राह्मण मतदाता काफी प्रभावी माने जाते हैं। कुछ विधानसभाओं तो ये निर्णायक की भूमिका अदा करते हैं। भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस की ओर से ब्राह्मणों को रिझाने की कोशिश लगातार हो रही है।
Amethi Loksabha: अमेठी लोकसभा सीट पर कांग्रेस और भाजपा ब्राह्मण वोटरों को साधने में लगी हुई हैं। भाजपा की ओर से कई मंत्रियों ने अमेठी में डेरा डाल रखा है। वहीं कांग्रेस से प्रियंका गांधी ने कमान संभाली है। दोनों तरफ से ब्राह्मणों को लुभाने के प्रयास हो रहे हैं। बता दें कि अमेठी के हर चुनाव में ब्राह्मण वोटर काफी अहम भूमिका निभाते हैं। यही कारण है कि कांग्रेस और भाजपा ब्राह्मणों को अपने पाले में खींचने की जद्दोजहद में लगी हुई हैं।
ब्राह्मणों को लुभाने में लगी पार्टियां
अमेठी लोकसभा सीट पर ब्राह्मण मतदाता काफी प्रभावी माने जाते हैं। कुछ विधानसभाओं तो ये निर्णायक की भूमिका अदा करते हैं। भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस की ओर से ब्राह्मणों को रिझाने की कोशिश लगातार हो रही है। पिछले दस दिनों से प्रियंका गांधी अमेठी और रायबरेली में प्रतिदिन करीब बीस सभाओं को संबोधित कर रही हैं। जिसमें लगभग हर ब्राह्मणों बाहुल्य गांव शामिल हैं। इसी तरह से भाजपा भी हर गांवों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है, जहां ब्राह्मणों की संख्या अधिक है।
आसान नहीं होगी स्मृति की राह
अमेठी से स्मृति ईरानी की राह आसान नहीं दिख रही है। यहां के ब्राह्मण वोटरों को लुभाने में वह कोई कसर नहीं छोड़ रही हैं। स्थानीय पत्रकारों की मानें तो क्षेत्र के ब्राह्मण मतदाता स्मृति ईरानी के कार्यकाल से नाखुश हैं। इसके साथ यहां के ब्राह्मणों में अपनी सांसद के प्रति काफी नाराजगी देखने को मिली है। वहीं भाजपा समर्थकों का कहना है कि स्मृति ईरानी के कार्यकाल से सभी जाति और बिरादरी के लोग खुश हैं। किसी में नाराजगी नहीं है।
अमेठी की विधानसभाओं का जातीय समीकरण
अमेठी लोकसभा क्षेत्र में चार विधानसभाएं आती हैं। क्षेत्र की दो विधानसभाओं में ब्राह्मण निर्णायक की भूमिका निभाते हैं। इसलिए दोनों ओर से ब्राह्मण वोटरों को साधने का प्रयास किया जा रहा है। लोकसभा में अमेठी, गौरीगंज, जगदीशपुर, तिलोई और सलोन विधानसभा शामिल हैं। अमेठी विधानसभा की बात करें तो करीब 92 हजार ब्राह्मण, 40 हजार क्षत्रिय, एक लाख बीस हजार अनुसूचित जाति, एक लाख सात हजार ओबीसी, 42 हजार यादव, 25 हजार वर्मा, 30 हजार मौर्य, 22 हजार मुस्लिम व 70 अन्य जातियों के वोटर हैं। गौरीगंज विधानसभा में करीब 90 हजार ब्राह्मण, 48 हजार अनुसूचित जाति, 46 हजार क्षत्रिय, 35 हजार यादव, 51 हजार पिछड़ा वर्ग, 35 हजार मुस्लिम, 22 हजार वैश्य व बीस हजार अन्य जातियों के मतदाता हैं। वहीं जगदीशपुर विधानसभा में करीब 90 हजार अनुसूचित जाति, 42 हजार मुस्लिम, 70 हजार पिछड़ा वर्ग, 35 हजार ब्राह्मण, चालीस हजार अन्य जातियों के मतदाता हैं। इसके अलावा तिलोई विधानसभा में राजपूत और ब्राह्मण वोटर चुनाव में अहम भूमिका निभाते हैं। मुस्लिम वोटर भी यहां अधिक हैं। क्षेत्र में अन्य पिछड़ा वर्ग और अनुसूचित जाति के मतदाताओं की अच्छी संख्या है।