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Loksabha Elections: लखनऊ में कांग्रेस के नाम है सबसे बड़ी जीत का रिकॉर्ड, 1989 में हुआ सबसे कम मतदान
Lucknow Loksabha: 1971 लोकसभा चुनाव में पूरे देश में कांग्रेस की लहर थी। लेकिन लखनऊ की कांग्रेस प्रत्याशी ने कुछ ऐसा कर दिखाया कि उनका नाम इतिहास के पन्नों में हमेशा के लिए दर्ज हो गया। शीला कौल ने जनसंघ के प्रत्याशी को 1 लाख 19 हजार 201 मतों से पराजित किया। यह जीत वोट प्रतिशत के लिहाज से सबसे बड़ी जीत थी।
Loksabha Elections: लखनऊ लोकसभा सीट से सबसे बड़े अंतर से चुनाव जीतने का रिकॉर्ड कांग्रेस पार्टी के पास है। देश के पांचवे लोकसभा चुनावों में लखनऊ से कांग्रेस ने शीला कौल को टिकट दिया था। इस चुनाव में कांग्रेस ने रिकॉर्ड मतों से जीत दर्ज की थी। बता दें कि लखनऊ की सीट से सबसे कम अंतर से चुनाव हारने का रिकॉर्ड भी कांग्रेस के पास है।
बड़े अंतर से जीतीं शीला कौल
1971 में पांचवे लोकसभा के चुनाव हुए। लखनऊ से कांग्रेस ने शीला कौल को टिकट दिया था। कांग्रेस के सामने जनसंघ के पुरषोत्तम दास कपूर मैदान में थे। इस लोकसभा चुनाव में पूरे देश में कांग्रेस की लहर मानी जा रही थी। लेकिन लखनऊ की कांग्रेस प्रत्याशी ने कुछ ऐसा कर दिखाया कि उनका नाम इतिहास के पन्नों में हमेशा के लिए दर्ज हो गया। शीला कौल ने जनसंघ के प्रत्याशी को 1 लाख 19 हजार 201 मतों से पराजित किया। यह जीत वोट प्रतिशत के लिहाज से सबसे बड़ी जीत थी। शीला कौल ने पांचवीं लोकसभा चुनाव में 49 फीसदी से ज्यादा वोटों के अंतर से जीत दर्ज की थी। चुनाव में कांग्रेस को 1,71,019 वोट मिले जबकि जनसंघ को 51,818 मत हासिल हुए। अब तक हुए 17 चुनावों में इतने बड़े अंतर से कोई चुनाव नहीं जीता।
सबसे कम अंतर से हारने का रिकॉर्ड
कांग्रेस पार्टी के पास लोकसभा सीट से सबसे कम अंतर से चुनाव हारने का भी रिकॉर्ड है। 1989 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस ने दाऊजी गुप्ता को उम्मीदवार बनाया था। कांटे की टक्कर में कांग्रेस प्रत्याशी को जनता दल के मानधाता सिंह से शिकस्त मिली थी। इस चुनाव में कांग्रेस लगभग चार फीसदी वोट के अंतर से चुनाव हार गई। लोकसभा चुनावों में लखनऊ की करीब 30 प्रतिशत जनता ने ही मतदान किया था।
1989 में हुआ सबसे कम मतदान
लखनऊ में अब तक कुल 17 लोकसभा चुनाव हुए हैं। जिसमें नौंवी लोकसभा के लिए सबसे कम मतदान हुआ। 1989 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के दाऊजी गुप्ता और जनसंघ के मानधाता सिंह आमने सामने थे। जिसमें जनसंघ के उम्मीदवार ने 15,296 मतों से कांग्रेस को हरा दिया था। इस चुनाव में 29.67 प्रतिशत लोगों ने ही मतदान किया।