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Congress Manifesto में पुरानी पेंशन बहाली का कोई वादा नहीं, EVM पर भी पलट गई पार्टी

Congress Manifesto:कांग्रेस के पूरे घोषणापत्र में पुरानी पेंशन की बहाली और ईवीएम से चुनाव न कराने का कहीं जिक्र नहीं किया गया है।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman Tiwari
Published on: 5 April 2024 9:26 AM GMT (Updated on: 5 April 2024 9:27 AM GMT)
Congress Manifesto
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Congress Manifesto   (फोटो: सोशल मीडिया )

Congress Manifesto: कांग्रेस की ओर से आज जारी किए गए घोषणापत्र में महिलाओं, युवाओं, किसानों, श्रमिकों और गरीबों के लिए तमाम लुभावने वादे किए गए हैं। मुस्लिम वोट बैंक के समीकरण को साधने के लिए मुसलमानों से भी तमाम वादे किए गए हैं मगर वे दो मुद्दे कांग्रेस के घोषणापत्र से पूरी तरह गायब हैं जिन्हें पार्टी नेताओं की ओर से अपनी सभाओं में जोर-शोर से उठाया जाता रहा है। कांग्रेस के पूरे घोषणापत्र में पुरानी पेंशन की बहाली और ईवीएम से चुनाव न कराने का कहीं जिक्र नहीं किया गया है।

हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनावों में पुरानी पेंशन की बहाली का मुद्दा खूब गुंजा था। राजस्थान और छत्तीसगढ़ में पूर्व में सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकारों ने पुरानी पेंशन की बहाली का ऐलान किया था जबकि हिमाचल प्रदेश में चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस सरकार ने इस दिशा में कदम उठाया था मगर लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने इस मुद्दे पर चुप्पी साध ली है। जानकारों का कहना है कि कांग्रेस नेताओं को भी इस बात की बखूबी जानकारी है कि पुरानी पेंशन को बहाल करना आसान नहीं है और यही कारण है कि घोषणा पत्र में यह मुद्दा गायब है।

ओपीएस को लागू करने का कोई वादा नहीं

हिमाचल प्रदेश के पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) के मुद्दे को काफी जोरदार ढंग से उठाया था। कांग्रेस नेताओं ने अपनी चुनावी सभाओं के दौरान इस मुद्दे को लेकर भाजपा और मोदी सरकार पर तीखे हमले किए थे। प्रियंका गांधी भी अपनी चुनावी रैलियों में इस मुद्दे का जिक्र करना नहीं भूलती थीं। हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस को मिली जीत में ओपीएस को लेकर किए गए वादे की बड़ी भूमिका मानी गई थी।

राजस्थान में पूर्व में सत्तारूढ़ गहलोत सरकार और छत्तीसगढ़ में सत्तारूढ़ भूपेश बघेल सरकार ने पुरानी पेंशन की बहाली का ऐलान किया था। पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के नेता इस बात का जिक्र करना नहीं भूलते थे। हालांकि तमाम अर्थशास्त्रियों की राय रही है कि अब ओपीएस को लागू करना आसान नहीं है और इसे लागू करना अर्थव्यवस्था पर काफी बोझ डालने वाला कदम साबित होगा।

चुनावी सभाओं में ओपीएस को लेकर बड़ी-बड़ी बातें करने वाली कांग्रेस के घोषणा पत्र में ओपीएस को लागू करने का कोई वादा नहीं किया गया है। माना जा रहा है कि पार्टी नेताओं को भी इस बात का बखूबी एहसास है कि इसे लागू करना आसान नहीं है और इसीलिए पार्टी ने इस मुद्दे पर चुप्पी साध रखी है।

ईवीएम से ही चुनाव कराने का वादा

अभी पिछले रविवार को रामलीला मैदान में हुई विपक्षी दलों की रैली के दौरान विपक्षी नेताओं ने ईवीएम का मुद्दा जोर-शोर से उठाया था। कांग्रेस नेता भी समय-समय पर भाजपा पर ईवीएम के जरिए धांधली का बड़ा आरोप लगाते रहे हैं मगर कांग्रेस के घोषणा पत्र में ईवीएम से चुनाव न कराने का कोई ऐलान नहीं किया गया है।

उल्टे यह बात कही गई है कि चुनाव ईवीएम से ही होंगे मगर मतदाताओं को यह अधिकार होगा कि वे वोट देने के बाद पर्ची हासिल कर सकें। पर्ची लेने से उन्हें इस बात की जानकारी हो जाएगी कि उनका वोट सही जगह पड़ा है या नहीं।

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आखिर कांग्रेस ने क्यों मारी पलटी

पार्टी सूत्रों का कहना है कि पार्टी का मानना है कि ईवीएम से चुनाव न कराने का वादा बैकफायर कर सकता है और इससे पार्टी को सियासी नुकसान उठाना पड़ सकता है। ऐसा वादा करने पर भाजपा को हमला करने का बड़ा मौका मिल सकता है और इसीलिए पार्टी ने ईवीएम से मतदान को खत्म करने का कोई वादा नहीं किया है।

वैसे यह अभी उल्लेखनीय है कि 2018 के कांग्रेस अधिवेशन के दौरान बैलट पेपर से ही चुनाव कराने का प्रस्ताव पारित किया गया था मगर लोकसभा चुनाव के घोषणा पत्र में कांग्रेस पलटी हुई नजर आ रही है।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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