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Lok Sabha Election 2024: वाराणसी सीट से PM मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ेंगी देश की पहली किन्नर भगवताचार्य
Lok Sabha Election 2024: किन्नर हिमांगी वाराणसी सीट से पीएम मोदी के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ेंगी। किन्नर हिमांगी सखी पशुपतिनाथ अखाड़े की महामंडलेश्वर हैं।
Lok Sabha Election 2024: किन्नर हिमांगी सखी पशुपतिनाथ अखाड़े की महामंडलेश्वर हैं। किन्नर हिमांगी सखी देश की पहली किन्नर भगवताचार्य हैं, जो पांच भाषाओं (हिंदी, अंग्रेजी, मराठी, गुजराती, पंजाबी) में कथा सुनाती हैं। किन्नर हिमांगी वाराणसी सीट से पीएम मोदी के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ेंगी। हिमांगी सखी को अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने लोकसभा चुनाव में वाराणसी से टिकट दिया है। 10 अप्रैल को सांसद हिमांगी सखी वाराणसी पहुंचकर नामांकन कर सकती है।
पीएम मोदी के अपोजिट खड़ी होंगी किन्नर हिमांगी
उत्तर प्रदेश का वाराणसी जिला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र है। पीएम मोदी वाराणसी सीट से बीजेपी उम्मीदवार भी हैं। पीएम मोदी तीसरी बार इस सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने वाराणसी सीट से किन्नर हिमांगी सखी को टिकट देकर किन्नर समाज को पीएम मोदी के सामने खड़ा कर दिया है।
वाराणसी से कौन-कौन है मैदान में
यूपी की वीवीआईपी सीट वाराणसी से पीएम मोदी के सामने पहले ही कांग्रेस खड़ी हो चुकी है। सपा से गठबंधन होने के बाद कांग्रेस भी इस सीट से प्रत्याशी उतारने जा रही है। माना जा रहा है कि कांग्रेस वाराणसी सीट से प्रदेश अध्यक्ष अजय राय को मैदान में उतारेगी। इस सीट से अब अखिल भारतीय हिंदू महासभा से किन्नर हिमांगी सखी भी मैदान में आ गई हैं। पीएम मोदी को किन्नर हिमांगी से कोई खतरा नहीं है, मगर मंडलेश्वर हिमांगी सखी के खाते में किन्नर समाज की वोट जरूर चली जाएंगी।
किन्नर हिमांगी सखी की मांग
किन्नर हिमांगी सखी सरकार के सामने कई बार किन्नर समाज के हित में अपनी मांगें रख चुकी हैं। महामंडलेश्वर किन्नर हिमांगी सखी को भाजपा सरकार से इस बात की तीखी नाराजगी भी है। अगर वाराणसी सीट से हिमांगी सखी की जीत होती है तो वह किन्नर समाज की मांगों पर कार्य करेंगी। किन्नर समाज की सरकार से मांग है कि किन्नरों को भी नौकरी मिलनी चाहिए। किन्नरों को नौकरी, पंचायत, विधानसभा और लोकसभा चुनाव में सीट आरक्षण दिया जाए। इन्हीं शर्तों पर मंडलेश्वर किन्नर हिमांगी वाराणसी सीट से नामांकन करने जा रही हैं।
ईदगाह मामले में चर्चा आई किन्नर हिमांगी
महामंडलेश्वर हिमांगी सखी का नाम चर्चा में कृष्ण जन्मभूमि शाही ईदगाह मामले के दौरान आया था। हिमांगी सखी कृष्ण जन्मभूमि के मामले में शाही ईदगाह पहुंचकर विरोध प्रदर्शन करना चाहती थीं। उस दौरान हिमांगी सखी को मथुरा प्रशासन ने नजरबंद कर दिया था। इसके बाद आए दिन हिमांगी सखी चर्चा में आती रहीं। अब लोकसभा चुनाव में वाराणसी सीट से टिकट मिलने पर हिमांगी सखी नामांकन करने के लिए 10 अप्रैल को वाराणसी पहुंचेंगी।
2014 से वाराणसी में बीजेपी का कब्जा
भाजपा ने साल 2014 में पीएम मोदी को वाराणसी सीट से प्रत्याशी बनाया था। साल 2014 और 2019 में बीजेपी ने इस सीट से बड़ी जीत हासिल की थी। तब से इस सीट पर बीजेपी का ही कब्जा बना हुआ है। इस बार तो बीजेपी ने वाराणसी सीट से जीत का एलान चुनाव से पहले ही कर दिया है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह का मानना है कि वाराणसी में पीएम मोदी के सामने कोई भी नहीं टिक सकता है। मगर, वाराणसी सीट के इतिहास को याद करें तो इस सीट पर सात बार कांग्रेस और सात बार ही बीजेपी ने जीत हासिल की है। लंबे समय से कांग्रेस इस सीट से चुनाव नहीं लड़ पा रही थी। इस बार बीजेपी को टक्कर देने के लिए कांग्रेस फिर से मैदान में खड़ी है।