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Loksabha Election 2024: धौरहरा लोकसभा सीट पर भाजपा के विजय रथ को रोक पाएंगे सपा और बसपा, जानें समीकरण

Loksabha Election 2024 Dhaurahara Seats Details: धौरहरा लोकसभा सीट पर भाजपा ने रेखा वर्मा को तीसरी बार चुनावी रण में उतारा है। जबकि सपा ने आनंद भदौरिया और बसपा ने श्याम किशोर अवस्थी को उम्मीदवार बनाया है।

Sandip Kumar Mishra
Published on: 25 April 2024 11:15 AM GMT (Updated on: 25 April 2024 11:16 AM GMT)
Loksabha Election 2024: धौरहरा लोकसभा सीट पर भाजपा के विजय रथ को रोक पाएंगे सपा और बसपा, जानें समीकरण
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Loksabha Election 2024: यूपी के सबसे बड़े जिले लखीमपुर खीरी की जमीन को शारदा, गोमती और सरयू नदियां चूमती हैं। यहीं पर दुधवा नेशनल पार्क है। इस जिले के तहत 2 लोकसभा सीटें खीरी और धौरहरा आती हैं। धौरहरा लोकसभा सीट पर भाजपा ने रेखा वर्मा को तीसरी बार चुनावी रण में उतारा है। जबकि सपा ने आनंद भदौरिया और बसपा ने श्याम किशोर अवस्थी को उम्मीदवार बनाया है। अगर लोकसभा चुनाव 2019 की बात करें तो धौरहरा सीट पर एकतरफा मुकाबला देखने को मिला था।

भाजपा की रेखा वर्मा ने सपा बसपा के संयुक्त उम्मीदवार अरशद इलियास सिद्दीकी को 1,60,611 वोट से हराकर दुसरी बार जीत हासिल की थी। इस चुनाव में रेखा वर्मा को 5,12,905 और अरशद इलियास सिद्दीकी को 3,52,294 वोट मिले थे। जबकि कांग्रेस के जितिन प्रसाद को 1,62,856 वोट मिले थे। वहीं लोकसभा चुनाव 2014 में मोदी लहर के दौरान भाजपा की रेखा वर्मा ने बसपा के दाउद अहमद को 1,25,675 वोट से हराकर कमल खिलाया था। इस चुनाव में रेखा वर्मा को 3,60,357 और बसपा के दाउद अहमद को 2,34,682 वोट मिले थे। जबकि सपा के आनंद भदौरिया को 2,34,032 और कांग्रेस के जितिन प्रसाद को 1,70,994 वोट मिले थे।

यहां जानें भाजपा उम्मीदवार रेखा वर्मा के बारे में


भाजपा उम्मीदवार रेखा वर्मा का जन्म 20 मई 1973 को कानपुर में हुआ था। वह मूल रूप से लखीमपुर खीरी के मोहम्मदी तहसील के अंतर्गत आने वाले मकसूदपुर गांव की निवासी हैं। उन्होंने 12वीं तक की पढ़ाई की है। वे एक व्यवसायी हैं। उनके पिता का नाम श्री देवनारायण कटियार है और माता का नाम श्रीमती उर्मिला कटियार है। रेखा वर्मा का विवाह स्वर्गीय श्री अरुण कुमार वर्मा से हुआ था। उनके दो बच्चे हैं, एक पुत्र और एक पुत्री।

यहां जानें सपा उम्मीदवार आनंद भदौरिया के बारे में


सपा उम्मीदवार आनंद भदौरिया युवजन सभा के अध्यक्ष और एमएलसी रह चुके हैं। वे धौरहरा सीट से दूसरी बार उतारने जा रहे हैं। सीतापुर जिले के महोली निवासी आनंद भदौरिया हिन्दी और जनसंचार में परास्नातक हैं और युवजन सभा में लंबे समय तक काम कर चुके हैं। 2014 में भी सपा ने धौरहरा से आनंद भदौरिया को उतारा था, पर वह भाजपा की रेखा वर्मा से हार गए। 2019 में यह सीट गठबंधन के खाते में चली गई और बसपा के उम्मीदवार को मैदान में उतारा गया। इस बार सपा ने फिर से आनंद भदौरिया को मौका दिया है।

यहां जानें धौरहरा लोकसभा क्षेत्र के बारे में

  • धौरहरा लोकसभा क्षेत्र का निर्वाचन संख्या 29 है।
  • यह लोकसभा क्षेत्र 2008 में अस्तित्व में आया था।
  • इस लोकसभा क्षेत्र का गठन लखीमपुर खीरी जिले के धौरहरा, कसाटा व मोहम्मदी और सीतापुर जिले के माहोली, हरगांव विधानसभा क्षेत्रों को मिलाकर किया गया है।
  • धौरहरा लोकसभा के 5 विधानसभा सीटों पर भाजपा का कब्जा है।
  • यहां कुल 16,44,674 मतदाता हैं। जिनमें से 7,59,933 पुरुष और 8,84,646 महिला मतदाता हैं।
  • धौरहरा लोकसभा सीट पर 2019 में हुए चुनाव में कुल 10,63,953 यानी 64.69 प्रतिशत मतदान हुआ था।

धौरहरा लोकसभा क्षेत्र का राजनीतिक इतिहास

लखीमपुर खीरी का उत्तर हिस्सा मोहन नदी से घिरा हुआ है, जो इसे नेपाल से अलग करती है। लखीमपुर खीरी का उत्तरी भाग राजपूतों की ओर से 10वीं शताब्दी में बसाया गया था। फिर बाद में मुस्लिम शासकों ने 14वीं शताब्दी में उत्तरी सीमांत के साथ कई किलों का निर्माण इस मकसद से कराया कि नेपाल से हमलों की घटनाओं को रोका जा सके। लखीमपुर खीरी और सीतापुर जिलों के कुछ क्षेत्रों को मिलाकर धौरहरा लोकसभा सीट का गठन किया गया है। 2008 के परिसीमन के बाद पहली बार 2009 में अस्तित्व में आई धौरहरा सीट पर ब्राह्मण चेहरा जितिन प्रसाद कांग्रेस के टिकट पर जीत दर्ज कर मनमोहन सरकार में मंत्री बने थे। ब्राह्मण बहुल धौरहरा लोकसभा सीट पर ब्राह्मणों का वोट 2014 से रेखा वर्मा को मिल रहा है। बसपा अब ब्राह्मणों को रिझाने में जुटी है, ताकि रेखा वर्मा का विजयरथ रोका जा सके। इसलिए यहां से श्याम किशोर अवस्थी को उम्मीदवार बनाया है। वहीं सपा की नजर यहां के ओबीसी व अल्पसंख्यंक वर्ग के मतदाताओं पर है।

धौरहरा लोकसभा क्षेत्र में जातीय समीकरण

धौरहरा लोकसभा सीट के जातीय समीकरण की बात करें तो यहां पर सवर्ण और मुस्लिम समाज का अच्छा खासा संख्या है। हालांकि यहां पर पिछड़ी जाति के मतदाता भी निर्णायक भूमिका रखते हैं। अनुसूचित जाति के मतदाता भी अपनी खास हैसियत रखते हैं। यही कारण है की पिछले 2 लोकसभा चुनावों से बसपा दूसरे पायदान पर है। धौरहरा क्षेत्र प्रदेश के पिछड़े क्षेत्रों में गिना जाता है। यहां शिक्षा और बेरोजगारी बड़ा मुद्दा है।

धौरहरा लोकसभा क्षेत्र से अब तक चुने गए सांसद

  • कांग्रेस से जितिन प्रसाद 2009 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • भाजपा से रेखा वर्मा 2014 और 2019 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुनी गईं।
Sandip Kumar Mishra

Sandip Kumar Mishra

Content Writer

Sandip kumar writes research and data-oriented stories on UP Politics and Election. He previously worked at Prabhat Khabar And Dainik Bhaskar Organisation.

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