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Election 2024: रायबरेली से मंत्री दिनेश प्रताप और कैसरगंज से करण भूषण को मिला बीजेपी का टिकट
Lok Sabha Election 2024: कैसरगंज लोकसभा सीट से भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह का टिकट कट गया है। पार्टी ने बृजभूषण शरण सिंह के छोटे बेटे करण भूषण सिंह को चुनाव मैदान में उतारने का फैसला किया है।
Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव - 2024 को लेकर सियासी घमासान तेज हो गया है। इस बीच भारतीय जनता पार्टी ने अपने प्रत्याशियों की एक और सूची जारी कर दी है। भारतीय जनता पार्टी ने कैसरंगज और रायबरेली लोकसभा सीट से अपने प्रत्याशी के नाम का ऐलान कर दिया है। भाजपा ने कैसरगंज लोकसभा सीट से बृजभूषण शरण सिंह का टिकट काटकर उनके छोटे बेटे करण भूषण सिंह को चुनाव मैदान में उतारने का फैसला किया है। वहीं, रायबरेली से दिनेश प्रताप सिंह को चुनाव मैदान में उतारा है, वह योगी सरकार में मंत्री भी हैं।
उत्तर प्रदेश की हाॅट सीट रायबरेली से भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस से पहले ही अपने उम्मीदवार का ऐलान कर दिया है। दरअसल, भाजपा अभी तक कांग्रेस के प्रत्याशी का इंतजार कर रही थी। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा था कि रायबरेली से तीन नाम तय हो चुके हैं, कांग्रेस की तरफ से उम्मीदवार घोषित होते ही भाजपा अपने उम्मीदवार का ऐलान कर देगी, हालांकि अभी तक कांग्रेस ने अपने प्रत्याशी का ऐलान नहीं किया है। माना जा रहा है कि आज देर शाम तक कांग्रेस भी अपने प्रत्याशी के नाम का ऐलान कर सकती है, क्योंकि रायबरेली सीट पर कल यानी 03 मई नामांकन का अंतिम दिन है।
साेनिया गांधी के खिलाफ लड़ा था चुनाव
बता दें कि दिनेश प्रताप सिंह योगी सरकार में मंत्री हैं। बीते 2019 के लोकसभा चुनाव में भी उन्हें रायबरेली से टिकट दिया गया था, पिछली उनका मुकाबला सोनिया गांधी से हुआ था। हालांकि सोनिया गांधी ने इस बार रायबरेली से चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था, वह राज्यसभा सांसद चुन ली गईं हैं।
बृजभूषण का दबदबा बरकरार
वहीं, भारतीय जनता पार्टी ने कैसरगंज से बृजभूषण शरण सिंह का टिकट काट दिया है, यहां से बेटे करण भूषण सिंह को चुनाव मैदान में उतारा है। दरअसल, महिला पहलवान खिलाडियों के शोषण के आरोपों का सामना कर रहे बृज भूषण शरण सिंह को लेकर भारतीय जनता पार्टी में काफी असमंजस था। यही वजह है कि नामांकन के अंतिम से ठीक एक दिन पहले कैसरगंज सीट को लेकर फैसला हो सका है। बेटे करण भूषण को टिकट मिलने से ये भी साफ है कि बृजभूषण का दबदबा बरकरार है।