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Election 2024 : जो एनडीए और इंडिया गठबंधन के साथ नहीं थे, जानिए उन दलों का हाल
Lok Sabha Election Results : लोकसभा चुनाव - 2024 के चुनाव नतीजों ने देश की राजनीति में एक नया अध्याय लिख दिया है, जो गैर एनडीए और गैर इंडिया गठबंधन दलों के लिए एक बड़ा सबक है।
Lok Sabha Election Results : लोकसभा चुनाव - 2024 के चुनाव नतीजों ने देश की राजनीति में एक नया अध्याय लिख दिया है, जो गैर एनडीए और गैर इंडिया गठबंधन दलों के लिए एक बड़ा सबक है। इस बार के चुनाव नतीजों ने साफ कर दिया कि जो न तो एनडीए के साथ और न ही इंडिया गठबंधन के साथ, उन दलों काे करारी हार झेलनी पड़ी है। वह चुनाव में पूरी तरह से साफ हो गए हैं। कई पार्टियां ऐसी हैं, जो खाता भी नहीं खोल सकी हैं। यही नहीं, कुछ ने तो अपनी सत्ता तक गंवा दी है।
लोकसभा चुनावों के साथ दो बड़े राज्यों - ओडिशा और आंध्र प्रदेश में विधानसभा चुनाव भी हुआ है। ओडिशा में नवीन पटनायक की बीजू जनता दल और आंध्र प्रदेश में जगन मोहन रेड्डी की वाईएसआर कांग्रेस ने सत्ता गवां दी हैं, ये दोनों दल न तो एनडीए का हिस्सा थे और न ही INDIA गठबंधन के हिस्सा। इन दलों ने न केवल राज्यों में सत्ता गंवाई है, बल्कि लोकसभा चुनाव में भी लचर प्रदर्शन किया है। ओडिशा में लोकसभा चुनाव में बीजेडी तो अपना खाता भी नहीं खोल पाई है, आंध्र प्रदेश में वाईएसआर कांग्रेस सिर्फ चार सीटों पर ही जीत हासिल कर सकी।
ये पार्टियां नहीं खोल सकीं खाता
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ने वाली समाजवादी पार्टी बेहतरीन प्रदर्शन किया है, लेकिन बहुजन समाज पार्टी अपना खाता तक नहीं खोल सकी। बसपा ने न तो NDA के साथ और न ही INDIA के साथ गठबंधन किया था। बसपा को अकेले चुनाव लड़ने का खामियाजा भुगतना पड़ा है। बसपा सीट जीतने में तो नाकामयाब हुई ही है, वह अपने 3 फीसदी वोट को भी गंवा बैठी है। कुछ यही हाल तेलंगाना में भारतीय रक्षा समिति यानी बीआरएस पार्टी का रहा। 10 साल तक तेलंगाना की सत्ता में रही भारतीय रक्षा समिति (बीआरएस) अपना खाता भी नहीं खोल पाई। इसके साथ ही उसका वोट प्रतिशत घटकर 17 फीसदी के नीचे चला गया, ये भी NDA और INDIA गठबंधन का हिस्सा नहीं थी।
इन नेताओं ने भी गंवाई सीट
वहीं, तमिलनाडु में AIADMK भी अपना खाता नहीं खोल सकी, बीते 2019 के चुनाव में एक सीट पर जीत हासिल की थी, तब एनडीए के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था। AIADMK ने इस बार एनडीए से अलग होकर अकेले चुनाव लड़ा था। जम्मू-कश्मीर में पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती की पार्टी पीडीपी भी खाता नहीं खोल सकी है। यही नहीं, महबूबा मुफ्ती स्वयं अनंतनाग-राजौरी से चुनाव हार गईं। असम में बदरूद्दीन अजमल की पार्टी एआईयूडीएफ भी अपना खाता नहीं खोल सकी है। बदरूद्दीन अजमल इस बार 10 लाख से अधिक वोटों से हार गए हैं।
इन दलों की सीटें रह गईं आधी
पंजाब में सुखबीर सिंह बादल की पार्टी शिरोमणि अकाली दल और असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM ने भी ने भी अकेले चुनाव लड़ा था, वह भी किसी गठबंधन का हिस्सा नहीं थीं। इस चुनाव में दोनों पार्टियों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ा है। दोनों दलों ने एक-एक सीट पर जीत हासिल की हैं, जबकि बीते चुनाव 2019 में दो-दो सीटें मिली थीं।