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Election 2024: कौशांबी में राजा भैया का सपा को समर्थन! इंद्रजीत सरोज के खिलाफ वापस लेंगे केस, अक्षय प्रताप ने किया बड़ा इशारा
राजा भैया ने कौशांबी लोकसभा सीट से सपा उम्मीदवार पुष्पेंद्र सरोज के पिता इंद्रजीत सरोज के साथ अपना एक पुराना विवाद खत्म कर लिया है। उन्होंने इंद्रजीत सरोज की आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद कोर्ट में दायर केस को वापस लेने की भी बात कही है।
Election 2024 : कुंडा से विधायक और यूपी के बाहुबली नेता राजा भैया ने हाल में लोकसभा चुनाव के दौरान किसी भी दल का समर्थन न करने का ऐलान किया था। उन्होंने हाल में अपने समर्थकों की एक बड़ी बैठक के दौरान किसी भी दल को समर्थन न देने का ऐलान करते हुए समर्थकों से अपने विवेक के आधार पर मतदान करने की अपील की। वैसे राजा भैया ने हाल में एक ऐसा खत्म उठाया है जिसे समाजवादी पार्टी के समर्थन का बड़ा संकेत माना जा रहा है।
राजा भैया ने कौशांबी लोकसभा सीट से सपा उम्मीदवार पुष्पेंद्र सरोज के पिता इंद्रजीत सरोज के साथ अपना एक पुराना विवाद खत्म कर लिया है। उन्होंने इंद्रजीत सरोज की आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद कोर्ट में दायर केस को वापस लेने की भी बात कही है। राजा भैया के सबसे करीबी एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह उर्फ़ गोपाल जी की चिट्ठी से इस बात का खुलासा हुआ है।
इंद्रजीत सरोज ने की थी राजा भैया से मुलाकात
इस बार कौशांबी लोकसभा क्षेत्र में सपा और भाजपा के बीच कड़ा मुकाबला हो रहा है। कौशांबी के सियासी रण में अपने बेटे पुष्पेंद्र सरोज को जीत दिलाने के लिए सपा के वरिष्ठ नेता इंद्रजीत सरोज ने पूरी ताकत लगा रखी है। कौशांबी में राजा भैया का समर्थन हासिल करने के लिए इंद्रजीत सरोज ने अपने बेटे के साथ हाल में राजा भैया से मुलाकात भी की थी।
कौशांबी में राजा भैया का समर्थन काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है और इसलिए भाजपा की ओर से केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान और कौशांबी के भाजपा प्रत्याशी विनोद सोनकर ने भी राजा भैया से मुलाकात की थी। हालांकि बाद में राजा भैया ने ऐलान किया था कि वे मौजूदा लोकसभा चुनाव में किसी भी दल का समर्थन नहीं करेंगे।
राजा भैया वापस लेंगे सरोज के खिलाफ मुकदमा
अब राजा भैया के करीबी अक्षय प्रताप उर्फ गोपाल जी की ओर से मीडिया को जारी की गई चिट्ठी में एक बड़ी जानकारी साझा की गई है। पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान सपा नेता इंद्रजीत सरोज ने राजा भैया के खिलाफ एक ऐसी टिप्पणी की थी जिसे लेकर राजा भैया नाराज हो गए थे। इस चिट्ठी में कहा गया है कि इंद्रजीत सरोज की टिप्पणी से राजा भैया के समर्थकों और जनसत्ता दल के कार्यकर्ताओं में आक्रोश फैल गया था। राजा भैया के प्रति लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंची थी।
इसी कारण राजा भैया की ओर से इंद्रजीत सरोज के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया गया था। यह मुकदमा अभी एमपी-एमएलए कोर्ट में चल रहा है। अदालत की ओर से इंद्रजीत सरोज को तलब भी किया गया है।
गोपाल जी के मुताबिक गत 13 मई को इंद्रजीत सरोज ने अपने बेटे के साथ राजा भैया से मुलाकात की थी। इस दौरान उन्होंने सभी गिले-शिकवे और गलत बयानबाजी को भूलने का अनुरोध किया था। इंद्रजीत सरोज के इस अनुरोध के बाद अब राजा भैया अदालत में दाखिल मानहानि के मुकदमे को वापस ले लेंगे।
राजा भैया के कदम के पीछे छिपा है बड़ा संकेत
राजा भैया के इस कदम को भीतर ही भीतर कौशांबी से सपा प्रत्याशी पुष्पेंद्र सरोज के समर्थन का बड़ा संकेत माना जा रहा है। हालांकि राजा भैया या अक्षय प्रताप ने इस बाबत खुलकर कुछ भी नहीं कहा है।
अक्षय प्रताप ने स्पष्ट किया है कि राजा भैया मौजूदा लोकसभा चुनाव में किसी को भी समर्थन न देने के अपने पहले के फैसले पर कायम हैं। उनका कहना है कि उन्होंने अपने समर्थकों से विवेक के आधार पर मतदान करने की अपील की है। अक्षय प्रताप ने कहा कि केवल मुकदमे को वापस लेने पर ही सहमति बनी है।
कौशांबी में क्यों जरूरी है राजा भैया का समर्थन
वैसे राजा भैया का समर्थन कौशांबी में किसी भी दल की नैया पार लगाने वाला साबित हो सकता है। दरअसल कौशांबी लोकसभा क्षेत्र में प्रतापगढ़ की दो विधानसभा सीटें कुंडा और बाबागंज शामिल हैं। इन दोनों विधानसभा क्षेत्रों में राजा भैया का काफी असर माना जाता है।
कुंडा विधानसभा सीट से वे खुद विधायक हैं जबकि बाबागंज विधानसभा सीट से उनकी पार्टी के विनोद सरोज विधायक हैं। यही कारण है कि कौशांबी लोकसभा क्षेत्र में हो रहे कड़े मुकाबले में राजा भैया का समर्थन सियासी नजरिए से काफी अहम हो गया है।