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Lok Sabha Election 2024: यहां फेल हुआ 'वोट फ्रॉम होम'... बुजुर्गों के घर नहीं पहुंची टीम, सहारा लेकर बूथ पहुंची चिन्नाम्मा
Lok Sabha Election 2024: पश्चिम बंगाल सहित उत्तर प्रदेश के कई निर्वाचन क्षेत्रों में चुनाव आयोग की वोट फ्रॉम होम व्यवस्था फेल साबित हुई है। पश्चिम बंगाल में चिन्नाम्मा नाम की वृद्ध महिला वोट डालने के लिए मतदान केंद्र पहुंची।
Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग ने बुजुर्ग मतदाता के लिए वोट फ्रॉम होम की व्यवस्था बनाई है। जिसके तहत निर्वाचन टीम 80 वर्ष से अधिक उम्र के मतदाता और दिव्यांगों का मत लेने के लिए उनके घर भेजी गई। इन मतदाताओं से बैलेट पेपर पर वोट लिया गया। वहीं आज शुक्रवार को कुछ निर्वाचन क्षेत्रों में 80 से अधिक वर्ष के मतदाता और दिव्यांग मतदान के लिए बूथ पर पहुंच गए। इनमें कुछ मतदाता चलने में भी असमर्थ दिखें।
पश्चिम बंगाल सहित उत्तर प्रदेश के कई निर्वाचन क्षेत्रों में चुनाव आयोग की वोट फ्रॉम होम व्यवस्था फेल साबित हुई है। पश्चिम बंगाल में चिन्नाम्मा नाम की वृद्ध महिला वोट डालने के लिए मतदान केंद्र पहुंची। चिन्नाम्मा शरीर से इतनी जर्जर दिखीं कि वो खुद अपने पैरों से चलने में असमर्थ थीं। सीआरपीएफ के दो जवान उन्हें सहारा देकर बूथ तक लेकर आए। उत्तर प्रदेश के पीलीभीत के बूथों पर भी ऐसी ही तस्वीरें देखने को मिली हैं।
80 वर्षीय दंपति पहुंचे मतदान केंद्र
प्रदेश के पीलीभीत में ड्रमंड इंटर कॉलेज बूथ पर 80 वर्षीय कृष्ण अवतार कंसल अपनी पत्नी को लेकर पर मतदान केंद्र पहुंचे। बुजुर्ग कृष्ण अवतार की पत्नी चलने में असमर्थ थी।
दिव्यांग पत्नी के साथ पहुंचे 92 वर्षीय बुजुर्ग
पीलीभीत के मतदान केंद्र पकड़िया नौगंवा पर 92 वर्षीय बुजुर्ग रामप्रसाद मतदान करने पहुंचे। रामप्रसाद की पत्नी दिव्यांग हैं। फिर भी वह अपनी दिव्यांग पत्नी को साथ लेकर बूथ पर पहुंचे थे।
दिव्यांग ट्राई साईकिल से पहुंचा बूथ
पीलीभीत के ही राजकीय बालिका इंटर कॉलेज में बने मतदान बूथ पर एक दिव्यांग मतदाता ट्राई साइकिल से मतदान करने पहुंच गया।
82 वर्षीय रहमान ने भी बूथ पर डाला वोट
मुरादाबाद में महाराजा इंटर कॉलेज में बने मतदान बूथ पर 82 वर्षीय मुस्लिम मतदाता रहमान मतदान करने पहुंचे।
पश्चिम बंगाल में जवान के सहारे पहुंचे बुजुर्ग
पंश्चिम बंगाल में ड्यूटी पर तैनात बीएसएफ जवान बूथ पर आने वाले बुजुर्ग वोटरों का सहारा बन गए। चलने में असमर्थ मतदाताओं को सहारा देकर बूथ तक पहुंचाया।
बुजुर्ग मतदाता के घर नहीं पहुंची टीम
देश में चुनाव आयोग द्वारा 13 अप्रैल से 18 अप्रैल तक 6 दिवसीय वोट फ्रॉम होम कार्यक्रम चलाया गया था। चुनाव आयोग ने मतदान केंद्र तक पहुंचने में असमर्थ मतदाताओं का मत लेने के लिए निर्वाचन टीम को उनके घर भेजा था। लेकिन इसके बावजूद भी आज देशभर के मतदान बूथों पर 80 वर्ष से अधिक उम्र के मतदाता दिखाई दिए। मतदान के लिए अधिक संख्या में बुजुर्ग मतदाताओं का बूथ पर पहुंचना, चुनाव आयोग की 'वोट फ्रॉम होम' व्यवस्था को असफल होना बता रहा है। इन मतदाताओं का मत लेने के लिए नियुक्त की गई निर्वाचन की टीम उनके घर तक पहुंच नहीं पाई।
चुनाव आयोग ने मुख्य चुनाव से पहले बैलेट पेपर से हुई वोटिंग की जो जानकारी दी है, उसमें केवल कुछ ही निर्वाचन क्षेत्रों का आंकड़ा बताया गया है। आयोग के अनुसार बेंगलुरु दक्षिण, उत्तर और मध्य निर्वाचन क्षेत्रों में 85 वर्ष से अधिक आयु के मतदाताओं और दिव्यांगों ने 94.49 प्रतिशत मतदान किया। चुनाव आयोग ने जानकारी देते हुए बताया कि पंजीकृत मतदाताओं में 81 मतदाताओं की मृत्यु हो चुकी थी, 230 मतदाता घर पर मिले नहीं और 42 मतदाताओं ने मतदान करने से मना कर दिया।