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चुनाव की बातें : देश के सबसे बड़े लोकसभा क्षेत्र में है ‘मिनी इंडिया’

Election 2024 : तेलंगाना की राजधानी से लगभग 15 किमी दूर एक ‘मिनी इंडिया’ है - विविधता और एकता दोनों से भरपूर को। तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, हिंदी, बंगाली और उड़िया बोलने वाली विविध आबादी के साथ मल्काजगिरि को 32 लाख मतदाताओं के साथ सबसे बड़ा लोकसभा क्षेत्र होने का भी दावा है।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani Lal
Published on: 10 May 2024 7:45 PM IST
चुनाव की बातें : देश के सबसे बड़े लोकसभा क्षेत्र में है ‘मिनी इंडिया’
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Election 2024 : तेलंगाना की राजधानी से लगभग 15 किमी दूर एक ‘मिनी इंडिया’ है - विविधता और एकता दोनों से भरपूर को। तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, हिंदी, बंगाली और उड़िया बोलने वाली विविध आबादी के साथ मल्काजगिरि को 32 लाख मतदाताओं के साथ सबसे बड़ा लोकसभा क्षेत्र होने का भी दावा है।

इस लोकसभा क्षेत्र की जनसंख्या विविधता ब्रिटिश काल से शुरू हुई जब बड़ी संख्या में तमिल लोग रेलवे प्रोजेक्ट्स पर काम करने के लिए आ गए। ये रक्षा बलों का भी एक केंद्र बना जिसमें सिकंदराबाद छावनी शामिल है। बड़ी संख्या में सशस्त्र बल के जवान मल्काजगिरि में बस भी गए।

इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन या ईवीएम बनाने वाली भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड जैसी सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयाँ केरल, कर्नाटक और अन्य राज्यों के नौकरी चाहने वालों के लिए फेवरेट डेस्टिनेशन बन गईं। कोवैक्सीन बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक भी यहीं मौजूद है।

मुख्यमंत्री भी यहीं से

मल्काजगिरि के 2019 प्रतिनिधि, ए रेवंत रेड्डी कांग्रेस को जीत दिलाने के बाद पिछले साल दिसंबर में राज्य के मुख्यमंत्री बने। कांग्रेस ने इस बार सुनीता महेंद्र रेड्डी को मैदान में उतारा है, जिन्होंने फरवरी में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) छोड़ दी थी। जबकि भाजपा ने एटाला राजेंदर को एक और मौका दिया है, जो सिर्फ पांच महीने पहले राज्य चुनाव हार गए थे। बीआरएस ने रागीदी लक्ष्मा रेड्डी को मैदान में उतारा है।

बीआरएस की चुनौती

पिछले विधानसभा चुनाव में बीआरएस ने मल्काजगिरी लोकसभा क्षेत्र की सभी सात विधानसभा सीटों पर जीत हासिल की, हालांकि पार्टी सत्ता से बहार हो गयी। लेकिन इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि बड़ी संख्या में नेताओं के दलबदल से बीआरएस मुश्किल में है और मल्काजगिरी में बड़ा सवाल यह है कि बीआरएस के वोट किसे मिलेंगे। पूर्व स्वास्थ्य मंत्री एटाला राजेंदर, जिन्होंने जून 2021 में तत्कालीन मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव के साथ गंभीर मतभेदों के कारण बीआरएस (तब तेलंगाना राष्ट्र समिति) छोड़ दी थी अब अपने राजनीतिक पुनरुत्थान की आस लगाये बैठे हैं।

प्रतिष्ठा की सीट

मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के लिए ये लोकसभा क्षेत्र प्रतिष्ठा का सवाल है। उन्होंने अपने पूर्व निर्वाचन क्षेत्र के लिए कई बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के बीच एक मेट्रो रेल का भी वादा किया है। वह अपने भाषणों में ये कहने से नहीं चूकते कि की उन्होंने 2019 में अपने स्वयं के राजनीतिक पुनरुत्थान की ओर इशारा करते हुए कहा, मल्काजगिरी से जीत ने मुझे मुख्यमंत्री बना दिया।

उधर भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य और हैदराबाद इकाई के अध्यक्ष एन. रामचंदर राव को अपनी पार्टी की जीत का पूरा भरोसा है। राव 2019 के चुनाव में बीआरएस के मैरी राजशेखर रेड्डी के बाद तीसरे स्थान पर रहे थे। इस चुनाव में रेवंत रेड्डी ने 10,919 वोटों के मामूली अंतर से जीत हासिल की थी। राव कहते हैं – भाजपा उभार पर है, मोदी लहर है और कांग्रेस और बीआरएस उम्मीदवार कमजोर हैं। 2019 में जमीनी स्थिति अलग थी जब लगभग 8 लाख मतदाताओं में से अधिकांश ने कांग्रेस का समर्थन किया था। लेकिन अब मूड बदल गया है क्योंकि मोदी और मंदिर प्रमुख कारक हैं जो भाजपा की मदद करेंगे। उन्हें विश्वास है कि भाजपा अंततः तेलंगाना में बीआरएस की जगह ले लेगी।

रेड्डी समुदाय का वर्चस्व

मल्काजगिरी निर्वाचन क्षेत्र में राजनीतिक रूप से रेड्डी समुदाय का वर्चस्व है। 2014 में इस समुदाय ने व्यवसायी और नेता चेमाकुरा मल्ला रेड्डी का समर्थन किया, जिन्होंने तेलुगु देशम पार्टी के टिकट पर जीते थे और बाद में बीआरएस में शामिल हो गए। 2019 में वे रेवंत रेड्डी के साथ खड़े रहे। अब जब रेवंत रेड्डी मुख्यमंत्री बन गए हैं, तो वे सुनीता का समर्थन कर रहे हैं, जो खुद भी रेड्डी हैं।



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Rajnish Verma

Rajnish Verma

Content Writer

वर्तमान में न्यूज ट्रैक के साथ सफर जारी है। बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की पढ़ाई पूरी की। मैने अपने पत्रकारिता सफर की शुरुआत इंडिया एलाइव मैगजीन के साथ की। इसके बाद अमृत प्रभात, कैनविज टाइम्स, श्री टाइम्स अखबार में कई साल अपनी सेवाएं दी। इसके बाद न्यूज टाइम्स वेब पोर्टल, पाक्षिक मैगजीन के साथ सफर जारी रहा। विद्या भारती प्रचार विभाग के लिए मीडिया कोआर्डीनेटर के रूप में लगभग तीन साल सेवाएं दीं। पत्रकारिता में लगभग 12 साल का अनुभव है। राजनीति, क्राइम, हेल्थ और समाज से जुड़े मुद्दों पर खास दिलचस्पी है।

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