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Election Result 2024: इस बार कई पूर्व CM से गुलजार रहेगी लोकसभा, इन चेहरों को मिल सकती है केंद्र में अहम जिम्मेदारी
Election Result 2024: जिन पूर्व मुख्यमंत्रियों से इस बार संसद गुलजार रहेगी, उनमें अखिलेश यादव, शिवराज सिंह चौहान, मनोहर लाल खट्टर और बसवराज बोम्मई शामिल हैं।
Election Result 2024: लोकसभा चुनाव के बाद इस बार नई संसद में कई पूर्व मुख्यमंत्रियों से गुलजार रहेगी। देश के विभिन्न राज्यों में कमान संभाल चुके तमाम नेता इस बार संसद का सफर तय करने में कामयाब रहे हैं जबकि कई पूर्व मुख्यमंत्रियों को इस बार हार का भी सामना करना पड़ा है। जिन पूर्व मुख्यमंत्रियों से इस बार संसद गुलजार रहेगी, उनमें उत्तर प्रदेश से अखिलेश यादव, मध्य प्रदेश से शिवराज सिंह चौहान, हरियाणा से मनोहर लाल खट्टर और कर्नाटक से बसवराज बोम्मई शामिल हैं।
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की संसद में अलग चमक दिखेगी क्योंकि उन्होंने प्रदेश में कांग्रेस के साथ गठबंधन करके भाजपा का विजय रथ रोकने में बड़ी भूमिका निभाई है। समाजवादी पार्टी अकेले 37 सीटों पर जीत हासिल करने में कामयाब रही है। ऐसे में अखिलेश यादव विपक्षी गठबंधन के बीच आकर्षण का केंद्र बनेंगे।
अखिलेश यादव का होगा अलग आकर्षण
समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने इस बार उत्तर प्रदेश की कन्नौज लोकसभा सीट पर चुनाव जीता है। उन्होंने भाजपा प्रत्याशी सुब्रत पाठक को हराकर इस लोकसभा क्षेत्र में 2019 में अपनी पत्नी डिंपल यादव को मिली हार का बदला लिया है। अखिलेश यादव ने कन्नौज सीट से पहले तेज प्रताप यादव को सपा का प्रत्याशी बनाया था मगर पार्टी की स्थानीय नेताओं से चर्चा के बाद उन्होंने अपना फैसला बदल लिया था।
इसके बाद वे खुद चुनावी अखाड़े में कूद गए थे। अखिलेश यादव के चुनाव लड़ने से सपा कार्यकर्ताओं में गजब का उत्साह दिखा और उन्होंने इस सीट पर भाजपा को बड़े मार्जिन से हरा दिया। भाजपा को उत्तर प्रदेश में बड़ा झटका देने के बाद संसद में अखिलेश यादव का अलग आकर्षण रहेगा।
शिवराज को मिल सकती है अहम जिम्मेदारी
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस बार विदिशा लोकसभा सीट से शानदार जीत हासिल की है। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी को आठ लाख से अधिक वोटों से हराया है। मध्य प्रदेश विधानसभा के पिछले चुनाव में भाजपा की बड़ी जीत में शिवराज सिंह चौहान की बड़ी भूमिका मानी गई थी। हालांकि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने शिवराज सिंह चौहान की जगह मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला किया था।
अब केंद्र में एनडीए की सरकार बनने के बाद शिवराज सिंह चौहान को बड़ी जिम्मेदारी मिलना तय माना जा रहा है। इस बात का संकेत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह पहले ही दे चुके हैं। पीएम मोदी ने विदिशा की जनसभा में यह ऐलान किया था कि वे इस बार के चुनाव के बाद शिवराज सिंह को अपने साथ दिल्ली ले जाएंगे। ऐसे में माना जा रहा है कि शिवराज सिंह चौहान को इस बार कैबिनेट मंत्री बनाया जा सकता है।
खट्टर और कर्नाटक के तीन पूर्व सीएम पहुंचे संसद
हरियाणा में पिछले दिनों हुए फेरबदल के बाद मनोहर लाल खट्टर की जगह नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बनाया गया था। मनोहर लाल खट्टर को इस बार करनाल लोकसभा सीट से भाजपा का टिकट मिला था और खट्टर चुनाव जीतने में कामयाब रहे हैं। खट्टर को पीएम मोदी का करीबी माना जाता है और उन्हें भी केंद्र में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है।
कर्नाटक के तीन पूर्व मुख्यमंत्री की इस बार लोकसभा का चुनाव जीत कर संसद पहुंचे हैं। इनमें भाजपा के टिकट पर बसवराज बोम्मई और जद एस के एचडी कुमारस्वामी के नाम शामिल हैं।
बोम्मई को भी कोई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिल सकती है जबकि जद एस कोटे से कुमारस्वामी को भी बड़ी जिम्मेदारी मिलने की चर्चाएं हैं। भाजपा के टिकट पर कर्नाटक के एक और पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार भी इस बार लोकसभा का चुनाव जीतकर संसद पहुंचने में कामयाब रहे हैं।
चन्नी और विप्लव देव ने भी जीता है चुनाव
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी इस बार जालंधर लोकसभा सीट से चुनाव जीते हैं। पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने के बाद चन्नी को मुख्यमंत्री पद की कमान सौंपी गई थी। इंडिया गठबंधन की सरकार बनने की स्थिति में चन्नी को कोई बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती थी क्योंकि वे दलित कोटे से आते हैं मगर इंडिया गठबंधन बहुमत के आंकड़े से दूर रह गया।
त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री विप्लव देव भी इस बार लोकसभा का चुनाव जीतने में कामयाब रहे हैं। उन्हें भी केंद्र में कोई महत्वपूर्ण पद मिल सकता है।
इस बार चुनाव हार गए कई पूर्व मुख्यमंत्री
वैसे कई पूर्व मुख्यमंत्रियों को इस बार के लोकसभा चुनाव में हार का मुंह भी देखना पड़ा है। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल राज्य की राजनांदगांव लोकसभा सीट से इस बार चुनाव हार गए हैं। इसी तरह मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को राजगढ़ लोकसभा सीट से चुनावी हार का सामना करना पड़ा है।
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा को इस बार जीत हासिल नहीं हो सकी है। पिछले चुनाव में जीत हासिल करने के बाद उन्हें केंद्र में मंत्री बनाया गया था। जम्मू-कश्मीर के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों को इस बार के लोकसभा चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा है। कश्मीर की बारामूला लोकसभा सीट से नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला चुनाव हार गए हैं जबकि अनंतनाग सीट से पीडीपी की महबूबा मुफ्ती को भी हार का सामना करना पड़ा है।