TRENDING TAGS :
'पद की गरिमा कम करने वाले मोदी पहले PM, नोटबंदी व जीएसटी...', मतदान से पहले मनमोहन सिंह का पत्र
Lok Sabha Elections 2024: सिंह ने पंजाब के मतदाताओं को संबोधित एक पत्र में कहा, "मोदी सार्वजनिक चर्चा की गरिमा और प्रधानमंत्री पद की गरिमा को कम करने वाले पहले प्रधानमंत्री हैं।
Lok Sabha Elections 2024: पूर्व प्रधानमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉ. मनमोहन सिंह ने लोकसभा चुनाव 2024 के आखिरी चरण के मतदान से ठीक पहले पंजाब लोगों के नाम एक चिट्ठी लिखी है। यह चिट्ठी पूर्व पीएम सिंह ने ऐसे समय लिखी है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को चुनाव प्रचार के अंतिम दिन पंजाब के होशियापुर में एक चुनावी सभा को संबोधित किया है। सिंह की वोटरों के नाम इस चिट्टी में बीते 10 सालों की केंद्र सरकार की विफलताओं का जिक्र है तो वहीं, चुनावी रैली में पीएम मोदी की चुनावी भाषणों को लेकर कड़ा तंज कसा गया है। उनके भाषाओं के पूर्व पीएम मनमोहन ने ‘विभाजनकारी घृणास्पद भाषणों’ करार दिया है।
2004 से लेकर 2014 तक मनमोहन रहे पीएम
बता दें कि 2004 से 2014 के बीच केंद्र में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार रही है। इस दौरान मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री रहे। लोकसभा चुनाव 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषणों पर कड़ा प्रहार करते हुए पूर्व पीएम मनमोहन ने कहा कि अतीत में किसी भी प्रधानमंत्री ने समाज के एक विशिष्ट वर्ग या विपक्ष को लक्षित करने के लिए इस तरह के ‘घृणास्पद, असंसदीय और असभ्य शब्द नहीं कहे हैं।
पद की गरिमा कम करने वाले मोदी पहले प्रधानमंत्री
सिंह ने पंजाब के मतदाताओं को संबोधित एक पत्र में कहा, "मोदी सार्वजनिक चर्चा की गरिमा और प्रधानमंत्री पद की गरिमा को कम करने वाले पहले प्रधानमंत्री हैं। मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी पर कुछ 'झूठे' बयानों को उनके नाम से प्रचारित करने का भी आरोप लगाया। पूर्व प्रधानमंत्री 2006 में दिए गए अपने बयान का जिक्र कर रहे थे, जिसे चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री मोदी समेत भाजपा के शीर्ष नेताओं ने खूब प्रयोग किया, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर कहा था कि देश के संसाधनों पर 'मुसलमानों का पहला अधिकार' होना चाहिए। तत्कालीन प्रधानमंत्री कार्यालय ने स्पष्ट किया था कि सिंह का मतलब था कि "संसाधनों पर पहला अधिकार" अनुसूचित जातियों, जनजातियों, अन्य पिछड़ा वर्गों, महिलाओं और बच्चों तथा अल्पसंख्यकों का होगा। सिंह ने कहा कि मैंने अपने जीवन में कभी भी एक समुदाय को दूसरे से अलग नहीं किया है। यह पूरी तरह भाजपा का कॉपीराइट है।
किसान नीतियों पर सरकार की आलोचना
डॉ. मनमोहन सिंह ने पत्र ने कहा कि मेरे प्यारे साथी नागरिकों, भारत एक महत्वपूर्ण मोड़ पर खड़ा है। अंतिम चरण के मतदान में, हमारे पास लोकतंत्र और हमारे संविधान को सुरक्षित रखने का एक निरकुंश शासन को खत्म करने का एक अंतिम मौका है। पंजाब और पंजाबी योद्धा हैं। हम अपने बलिदान की भावना के लिए जाने जाते हैं। हमारा सद्भाव, सौहार्द और लोकतांत्रिक व्यवस्था में सहज विश्वास हमारे महान राष्ट्र की रक्षा कर सकता है। मैं इस चुनाव अभियान के दौरान राजनीतिक चर्चा को बहुत ध्यान से देख रहा हूं। बीते दस साल में भाजपा सरकार ने पंजाब और पंजाबियत को बदनाम करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। पंजाब के 750 किसान शहीद हुए है। किसान लगातार महीनों तक दिल्ली की सीमाओं पर इंतजार करते रहे। इन पर सरकार ने हमले कराए। किसानों को संसद में आंदोलनजीवी और परजीवी कहा गया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने कहा था कि 2022 तक किसानों की आय दोगुनी हो जाएगी। लेकिन उल्टा 10 साल में किसानों की आय कम हो गई है। किसानों और खेतों को हाशिये पर छोड़ दिया गया।
नोटबंदी व जीएसटी पर कही ये बात
मनमोहन सिंह ने पत्र में कहा कि पिछले 10 वर्षों में देश की अर्थव्यवस्था में अकल्पनीय उथल-पुथल देखी गई है। नोटबंदी, गलत तरह से जीएसटी लागू और कोरोना में लॉकडाउन के फैसले ने दयनीय स्थिति उत्पन्न की है। भाजपा सरकार के कार्यकाल में औसत जीडीपी विकास दर 6 फीसदी से कम रही है, जबकि कांग्रेस-यूपीए के कार्यकाल में यह लगभग 8 प्रतिशत थी।