×

यादगार चुनाव: गांधीनगर सीट पर हुई थी आडवाणी और टीएन शेषन की भिड़ंत, कांग्रेस की सियासी चाल से हर कोई रह गया था हैरान

Lok Sabha Election: 1999 के लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के उम्मीदवारों की सूची में टीएन शेषन का नाम देखकर हर कोई हैरान रह गया था। कांग्रेस ने गांधीनगर लोकसभा सीट पर आडवाणी को घेरने के लिए शेषन को चुनाव मैदान में उतारा था।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman Tiwari
Published on: 30 April 2024 1:41 PM GMT (Updated on: 30 April 2024 1:48 PM GMT)
Gandhinagar Lok Sabha seat of Gujarat, contest between LK Advani and TN Seshan, Congress Politics Lok Sabha Election 1999
X

लालकृष्ण आडवाणी और टीएन शेषन: Photo- Social Media

Lok Sabha Election: देश में इन दिनों लोकसभा चुनाव को लेकर सियासी माहौल गरमाया हुआ है। पक्ष और विपक्ष के बीच वार-पलटवार का दौर चल रहा है। ऐसे में अतीत में हुए एक ऐसे चुनाव को भी याद करना जरूरी है जिसकी आज भी चर्चा की जाती है। दरअसल, उस समय गुजरात की गांधीनगर लोकसभा सीट पर पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी के खिलाफ कांग्रेस ने देश के सबसे चर्चित चुनाव आयुक्त रह चुके टीएन शेषन को चुनाव मैदान में उतार दिया था।

टीएन शेषन को अपने कार्यकाल के दौरान किए गए चुनाव सुधारों के लिए आज भी याद किया जाता है। अपने कड़े रुख के कारण वे किसी भी राजनीतिक दल या नेता के दबाव में नहीं आते थे। अपना कार्यकाल समाप्त होने के बाद उन्होंने सियासी पारी भी खेली थी। हालांकि सियासी मैदान में वे ज्यादा कामयाबी हासिल नहीं कर सके। आडवाणी के खिलाफ गांधीनगर लोकसभा सीट पर उन्हें करारी हार का सामना करना पड़ा था।

वाघेला के इनकार से फंस गई थी कांग्रेस

1999 के लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के उम्मीदवारों की सूची में टीएन शेषन का नाम देखकर हर कोई हैरान रह गया था। कांग्रेस ने गांधीनगर लोकसभा सीट पर आडवाणी को घेरने के लिए शेषन को चुनाव मैदान में उतारा था। दरअसल, उस चुनाव में कांग्रेस आडवाणी के खिलाफ शंकर सिंह वाघेला को चुनाव मैदान में उतारना चाहती थी। वाघेला भी पुराने भाजपाई थे मगर बाद में उन्होंने अपनी सियासी राह अलग कर ली थी।

उस समय कारगिल में भारत की जीत के बाद देश में भाजपा के पक्ष में अच्छा माहौल बनने लगा था। भाजपा के पक्ष में बढ़ते जनसमर्थन के कारण वाघेला ने ऐन वक्त पर चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया। ऐसे में कांग्रेस के सामने मजबूत उम्मीदवार उतारने की बड़ी दिक्कत पैदा हो गई थी।

सोनिया ने चर्चा के बाद शेषन को उतारा

कांग्रेस आडवाणी के खिलाफ मजबूत उम्मीदवार उतार कर गांधीनगर में उन्हें घेरने की रणनीति पर काम कर रही थी। ऐसे में कांग्रेस आडवाणी के खिलाफ किसी मजबूत उम्मीदवार की तलाश में थी। आडवाणी के खिलाफ कांग्रेस की ओर से जिन उम्मीदवारों की मीडिया में चर्चा थी, उनमें चर्चित अभिनेता अमिताभ बच्चन, संजय दत्त, दिलीप कुमार और जीनत अमान तक के नाम शामिल थे।

इस दौरान कांग्रेस की नजर टीएन शेषन पर गई। शेषन भी सियासी मैदान में उतरने के इच्छुक थे और कांग्रेस की ओर से अप्रोच किये जाने के बाद उन्होंने 10 जनपथ पर तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की। इसके बाद गांधीनगर लोकसभा सीट के लिए शेषन का नाम फाइनल कर दिया गया और एक हाई प्रोफाइल मुकाबले की बिसात बिछ गई।

राजीव के पसंदीदा अफसर थे शेषन

टीएन शेषन को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का पसंदीदा अफसर माना जाता था। चुनाव आयोग के लिए भी उनका नाम राजीव गांधी ने ही फाइनल किया था। कांग्रेस की ओर से उम्मीदवार घोषित किए जाने के बाद अपनी प्रतिक्रिया में शेषन ने कहा था कि "मैं देश के सबसे बड़े राजनीतिक परिवार के नेतृत्व वाली सर्वश्रेष्ठ पार्टी में शामिल हो गया हूं। इस बयान से कांग्रेस के प्रति उनके नजरिए को समझा जा सकता है।"

बहुचर्चित चुनाव में आडवाणी की बड़ी जीत

गांधीनगर लोकसभा सीट पर 1989 से ही भाजपा लगातार जीत हासिल कर रही थी मगर टीएन शेषन के चुनाव मैदान में उतरने के बाद इस लोकसभा सीट पर कड़ा मुकाबला माना जा रहा था। सारे देश और मीडिया की निगाहें इस लोकसभा क्षेत्र पर लगी हुई थीं।

आडवाणी के खिलाफ देश का एक बड़ा चर्चित चेहरा चुनाव मैदान में होने के कारण सबको चुनाव नतीजे का बेसब्री से इंतजार था। हालांकि इस चुनाव के दौरान आडवाणी बड़ी जीत हासिल करने में कामयाब रहे। उन्होंने शेषन को 1,88,944 वोटों से हराकर इस लोकसभा क्षेत्र में तीसरी बार जीत हासिल की थी।

अटल-आडवाणी के बाद अब शाह प्रत्याशी

गांधीनगर लोकसभा सीट को भाजपा का गढ़ ही यूं ही नहीं माना जाता। कांग्रेस ने इस लोकसभा सीट पर 1984 में आखिरी जीत हासिल की थी और उसके बाद से कांग्रेस इस सीट पर जीत हासिल करने के लिए तरसती रही है। इस लोकसभा सीट से एक बार पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी तो छह बार लालकृष्ण आडवाणी चुनाव जीत चुके हैं।

आडवाणी ने 2014 के लोकसभा चुनाव मैं आखिरी बार इस सीट से जीत हासिल की थी। 2019 के लोकसभा चुनाव में गृह मंत्री अमित शाह इस सीट से सांसद चुने गए थे। 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने एक बार फिर गृह मंत्री अमित शाह को इस लोकसभा सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है। इस बार भी इस लोकसभा क्षेत्र में गृह मंत्री अमित शाह की स्थिति काफी मजबूत मानी जा रही है।

Shashi kant gautam

Shashi kant gautam

Next Story