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Loksabha Chunav 2024: घोसी लोकसभा सीट पर सुभासपा और सपा से ये हैं उम्मीदवार, जानें यहां का समीकरण

Loksabha Election 2024 Ghosi Seats: घोसी लोकसभा सीट एनडीए के सहयोगी दल सुभासपा से अरविंद राजभर और इंडिया गठबंधन से राजीव राय मैदान में हैं। यहां जानें क्षेत्र का समीकरण।

Sandip Kumar Mishra
Published on: 22 March 2024 1:46 PM GMT (Updated on: 22 March 2024 5:54 PM GMT)
Loksabha Chunav 2024: घोसी लोकसभा सीट पर सुभासपा और सपा से ये हैं उम्मीदवार, जानें यहां का समीकरण
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Lok Sabha Election 2024: यूपी में लोकसभा चुनाव का सियासी हवा हर बार की तरह पश्चिम से पूरब की ओर बहेगी। यहां का घोसी लोकसभा सीट इस बार एनडीए के सहयोगी दल सुभासपा के खाते में गया है। सुभासपा प्रमुख ओमप्रकाश राजभर ने अपने बेटे अरविंद राजभर को प्रत्याशी के रूप में उतारा है। इस सीट पर इंडिया गठबंधन ने राजीव राय को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है। फिलहाल बसपा ने अपने प्रत्याशी के नाम का ऐलान नहीं किया है। अगर इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी राजीव राय की बात की जाए तो वे घोसी की राजनीति में 2012 से सक्रिय हैं। वे सपा के राष्ट्रीय सचिव के साथ ही प्रवक्ता भी हैं। यूपी विधानसभा चुनाव 2012 में समाजवादी पार्टी को मिली जीत का श्रेय राजीव राय को भी जाता है। क्योंकि उनको अखिलेश यादव की कोर टीम का हिस्सा माना जाता है। बता दें कि राजीव राय को लोकसभा चुनाव 2014 में सपा ने घोसी से उम्मीदवार बनाया था। लेकिन मोदी लहर में कुछ खास कमाल नहीं कर पाए और 1,65,887 वोट पाकर चुनाव हार गए।

राजीव राय चुनाव हारने के बावजूद भी घोसी से नाता नहीं तोड़ा। वहां के लोगों के भरोसे को जीतने के लिए लगातार काम करते हुए देखे जाते रहे। पूर्व में आयकर विभाग द्वारा उनके कई ठिकानों पर छापेमारी भी की गई थी। राजीव राय मूलरूप से बलिया के सुरही के रहने वाले हैं। उन्होंने 10वीं और 12वीं की पढ़ाई राजकीय इंटर कॉलेज बलिया से की। फिर स्नातक की पढ़ाई वाराणसी के यूपी कॉलेज से की है। इसके बाद उच्च शिक्षा के लिए बेंग्लुरू चले गए। फिजियोथेरेपी की पढ़ाई पूरी करने के बाद बेंग्लुरू को ही अपना कार्य क्षेत्र बनाया। वे यहां वर्ष 2000 में एवीके ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के अध्यक्ष बने। एवीके ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस में नर्सिंग व फार्मेसी की पढ़ाई होती है। उनके संस्थान के छात्रों ने स्वर्ण पदक प्राप्त किए हैं और दुनिया भर के अग्रणी अस्पतालों और कंपनियों में बेहतर रैंक स्थापित किए हैं।


इंडिया गठबंधन से उम्मीदवार बनाए जाने के बाद राजीव राय अपने लोकसभा क्षेत्र में शनिवार से जनसंपर्क शुरू करेंगे।

यहां जानें एनडीए उम्मीदवार अरविंद राजभर के बारे में

सुभासपा के उम्मीदवार अरविंद राजभर विधानसभा चुनाव 2017 में एनडीए के प्रत्याशी के रूप में बलिया के बांसडीह विधानसभा से चुनाव लड़े थे। लेकिन उनकी किस्मत ने साथ नही दिया और 40,234 वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे। विधानसभा चुनाव हारने के बावजूद सुभासपा प्रमुख ओमप्रकाश राजभर ने अपने बेटे अरविंद राजभर को यूपी सरकार में राज्यमंत्री का दर्जा दिलवा दिया। लेकिन कुछ ही समय बाद ओम प्रकाश राजभर बीजेपी सरकार से नाराज रहने लगे। ओपी राजभर ने एनडीए का साथ छोड़ तो दिया, लेकिन उन्होंने सारी हदें भी तोड़ दी थीं। ओपी राजभर ने पीएम मोदी और सीएम योगी पर तमाम ऐसी बयान बाजियां की जिसे सियासत को करीब से देखने व सुनने वाले लोग अच्छा नही मानते हैं। उसके बाद ओपी राजभर समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन में चले गए और विधानसभा चुनाव 2022 में अपने बेटे को वाराणसी के शिवपुर विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी बनवा दिया। लेकिन, इस बार भी अरविंद राजभर 87,544 वोट पाकर दूसरे स्थान पर रहे। विधानसभा चुनाव 2022 के बाद ओपी राजभर का फिर से हृदय परिवर्तन हो गया और वह फिर समाजवादी पार्टी का साथ छोड़कर भाजपा के साथ आ गए। उन्होंने जिनको पानी पी-पीकर कोसा था उन्हें फिर से महान बताने लगे हैं। यूपी सरकार के विस्तार में ओपी राजभर को महत्वपूर्ण विभाग भी मिला। उसके बाद उन्होंने अपने बड़े बेटे अरविंद को सांसद बनाने के लिए घोसी से मैदान में भी उतार दिया है।



एनडीए गठबंन से घोसी लोकसभा का उम्मीदवार बनाए जाने के बाद आजकल अरविंद राजभर क्षेत्र में सक्रिय हैं।

घोसी लोकसभा क्षेत्र का काम और बयान बदल सकता है समीकरण

घोसी लोकसभा क्षेत्र की तस्वीर तो बसपा के प्रत्याशी का नाम का ऐलान होने के बाद ही साफ होगा। लेकिन राजीव राय के प्रत्याशी घोषित होने के बाद यहां का सियासी समीकरण बदलते हुए दिख रहा है। घोसी लोकसभा क्षेत्र के स्थानीय लोगों का कहना है कि राजीव राय ने मदद मांगने पर मदद किया है ना कि बहाना बनाया है। जबकि सुभासपा प्रत्याशी का घोसी लोकसभा से कोई वास्ता ही नही रहा है। वहीं उनके पिता ओमप्रकाश राजभर के सियासी बयानबाजी का नुकसान भी घोसी लोकसभा के चुनाव में हो सकता है। क्योंकि उनके कई बयानों पर जनता में जबरदस्त असर है।

घोसी विधानसभा उपचुनाव में दिखा था बयानों का असर

यूपी सरकार के मंत्री दारा सिंह चौहान ने जब सपा के विधानसभा सदस्य के पद से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हुए थे। इसके बाद हुए उपचुनाव में भाजपा के प्रत्याशी दारा सिंह चौहान को सपा के सुधाकर सिंह से करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा था। ओपी राजभर जनसभाओ में उपचुनाव को एक तरफ़ा बताते रहें थे। लेकिन परिणाम चौंकाने वाला आया था। भाजपा प्रत्याशी को भाजपा के मूल मतदाता चौहान, निषाद, राजभर और क्षत्रिय बाहुल्य क्षेत्रों के बूथो पर हार का सामना करना पड़ा था। जिसकी वजह आमजन की नाराजगी बताई गई। अब इस बार फिर भी मुकाबला दिलचस्प देखने को मिल सकता है।

घोसी लोकसभा क्षेत्र का जातीय समीकरण

बता दें कि घोसी लोकसभा क्षेत्र में करीब 4,30,000 दलित मतदाता हैं। इसके अलावा करीब 3,45,000 हजार मुस्लिम मतदाता हैं। वहीं 1,82,000 चौहान, 1,73,000 राजभर, 1,62,000 यादव, 1,71,000 भूमिहार, 1,15,000 क्षत्रिय, 87000 बनिया, 78,000 ब्राह्मण, 47,000 मल्लाह, 42,000 कुर्मी-मल्ल, 27,000 कुम्हार-खरवार, 23,000 गोंड, 7,800 कायस्थ और 3,400 सिंधी एवं अन्य मतदाता हैं।

घोसी में टूट सकता है रिकार्ड

लोकसभा चुनाव 2024 में घोसी अपनी अलग पहचान कायम रखने में सफल रहती है या सत्ता के साथ अपनी हिस्सेदारी बढ़ाएगी, यह तो 4 जून को पता चलेगा। वैसे आज़ादी के बाद से घोसी लोकसभा क्षेत्र से 13 बार भूमिहार, 2 बार चौहान (लोनिया), 2 बार राजभर और एक बार क्षत्रिय जाति के सांसद रह चुके हैं। अब देखना यह है कि इस सीट पर 14वीं बार भूमिहार सांसद बनेगा या राजभर जाति का हैट्रिक लगेगा या फिर इन दोनों की सियासी लड़ाई में कोई और मैदान मार ले जाएगा।

घोसी लोकसभा क्षेत्र से अब तक चुने गए सांसद

  • कांग्रेस से उमराव सिंह 1957 में हुए लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • सीपीआई से जय बहादुर सिंह 1962 और 1967 में हुए लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • सीपीआई से झारखंडे राय 1968 और 1971 में हुए लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • जनता दल से शिवराम राय 1977 में हुए लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • सीपीआई से झारखंडे राय 1980 में हुए लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • कांग्रेस से राजकुमार राय 1984 में हुए लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • कांग्रेस से कल्पनाथ राय 1989 और 1991 में और (स्वतंत्र राजनीतिज्ञ से ) 1996 व समता पार्टी से 1998 में हुए लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • बसपा से बाल कृष्ण चौहान 1999 में हुए लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • समाजवादी पार्टी से चंद्रदेव प्रसाद राजभर 2004 में हुए लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • बसपा से दारा सिंह चौहान 2009 में हुए लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • भारतीय जनता पार्टी से हरिनारायण राजभर 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • बहुजन समाज पार्टी से अतुल कुमार सिंह उर्फ अतुल राय 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
Sandip Kumar Mishra

Sandip Kumar Mishra

Content Writer

Sandip kumar writes research and data-oriented stories on UP Politics and Election. He previously worked at Prabhat Khabar And Dainik Bhaskar Organisation.

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