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Loksabha Election 2024: हमीरपुर लोकसभा सीट पर कभी ब्राह्ण उम्मीदवारों का रहा है वर्चस्व, जानें यहां का समीकरण
Hamirpur Loksabha Seat Parliament Details: हमीरपुर-महोबा तिंदवारी लोकसभा सीट पर भाजपा ने जीत की हैट्रिक लगाने के लिए वर्तमान सांसद कुंवर पुष्पेंद्र सिंह चंदेल पर तीसरी बार दांव लगाया है।
Lok Sabha Election 2024: यूपी के बुंदेलखंड इलाके में स्थित हमीरपुर-महोबा तिंदवारी लोकसभा सीट की अपनी अलग राजनीतिक महत्ता है। महोबा और चित्रकूट के बाद प्रदेश का तीसरा सबसे कम आबादी वाला जिला हमीरपुर ही है। यहां पर यमुना और बेतवा दो अहम नदियां मिलती हैं। बेतवा नदी के किनारे पर ‘मोटी रेत’ पाई जाती है। जिसकी उत्तर प्रदेश के अन्य शहरों में काफी मांग रहती है। हमीरपुर-महोबा तिंदवारी लोकसभा सीट पर भाजपा ने जीत की हैट्रिक लगाने के लिए वर्तमान सांसद कुंवर पुष्पेंद्र सिंह चंदेल पर तीसरी बार दांव लगाया है। जबकि सपा ने अजेंद्र सिंह राजपूत को चुनावी रण में उतारा है। वहीं बसपा ने निर्दोष कुमार दीक्षित को उम्मीदवार बनाया है। इस बार यहां लड़ाई त्रिकोणीय देखने को मिल रही है।
अगर लोकसभा चुनाव 2019 की बात करें तो भाजपा के कुंवर पुष्पेंद्र सिंह चंदेल ने सपा बसपा के संयुक्त उम्मीदवार रहे दिलीप कुमार सिंह को 2,48,652 वोट से हराकर जीत दर्ज की थी। इस चुनाव में कुंवर पुष्पेंद्र सिंह चंदेल को 5,75,122 और दिलीप कुमार सिंह को 3,26,470 वोट मिले थे। जबकि कांग्रेस के प्रीतम सिंह लोधी को 1,14,534 वोट मिले थे। वहीं लोकसभा चुनाव 2014 में मोदी लहर के दौरान भाजपा के कुंवर पुष्पेंद्र सिंह चंदेल ने सपा के विशंभर प्रसाद निषाद को 2,66,788 वोट से हराकर करीब एक दशक बाद इस सीट पर कमल खिलाया था। इस चुनाव में कुंवर पुष्पेंद्र सिंह चंदेल को 4,53,884 और विशंभर प्रसाद निषाद को 1,87,096 वोट मिले थे। जबकि बसपा के राकेश कुमार गोस्वामी को 1,76,356 और कांग्रेस के प्रीतम सिंह लोधी को 78,229 वोट मिले थे।
Hamirpur Vidhan Sabha Chunav 2022
Hamirpur Lok Sabha Chunav 2014
यहां जानें हमीरपुर-महोबा तिंदवारी लोकसभा क्षेत्र के बारे में (Hamirpur Loksabha Seat Details in Hindi)
- हमीरपुर-महोबा तिंदवारी लोकसभा क्षेत्र का निर्वाचन संख्या 47 है।
- यह लोकसभा क्षेत्र 1952 में अस्तित्व में आया था।
- इस लोकसभा क्षेत्र का गठन हमीरपुर जिले के हमीरपुर, राठ और महोबा जिले के महोबा, चरखारी इसके अलावा बांदा जिले के तिंदवारी विधानसभा क्षेत्रों को मिलाकर किया गया है।
- हमीरपुर-महोबा तिंदवारी लोकसभा के 5 विधानसभा सीटों पर भाजपा का कब्जा है।
- यहां कुल 17,49,100 मतदाता हैं। जिनमें से 7,95,195 पुरुष और 9,53,868 महिला मतदाता हैं।
- हमीरपुर-महोबा तिंदवारी लोकसभा सीट पर 2019 में हुए चुनाव में कुल 10,90,029 यानी 62.32 प्रतिशत मतदान हुआ था।
हमीरपुर-महोबा तिंदवारी लोकसभा क्षेत्र का राजनीतिक इतिहास (Hamirpur Political History)
हमीरपुर जिला उत्तर में जालौन (उरई), कानपुर नगर और फतेहपुर जिले से तो पूर्व में बांदा जिला और दक्षिण में महोबा जिला तो पश्चिम में झांसी और जालौन से घिरा हुआ है। हमीरपुर-महोबा तिंदवारी लोकसभा सीट पर वर्ष 1952 से लेकर 1962 तक लगातार कांग्रेस का कब्जा रहा है। लेकिन 1991 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने कांग्रेस के मजबूत गढ़ को ध्वस्त कर यहां की सीट पर कमल खिला दिया था। वर्ष 1991 से लेकर 1998 तक भाजपा लगातार सीट पर काबिज रही है। कांग्रेस की तरह भाजपा ने भी हैट्रिक लगायी है। लोकसभा सीट के शुरू से लेकर अब तक हुए चुनावों की नतीजों पर नजर डाले तो कांग्रेस के खाते में छह बार यहां की सीट गई है जबकि भाजपा ने पांच बार जीत दर्ज की है। बता दें कि इस लोकसभा सीट में सर्वाधिक आठ बार पिछड़ी जाति के उम्मीदवार चुनाव जीतकर संसद में पहुंचे है। वहीं आठ बार सवर्ण जाति के उम्मीदवार भी विजय श्री हासिल कर चुके है।
हमीरपुर-महोबा तिंदवारी लोकसभा सीट पर 1984 के बाद कांग्रेस को नहीं मिली सफलता
आजादी के बाद 1952 में हुए चुनाव में इस सीट पर एमएल द्विवेदी ने जीत का परचम फहराया था। उन्हें उस जमाने में 32.7 प्रतिशत वोट मिले थे। एमएल द्विवेदी वर्ष 1957 के चुनाव में दुबारा सांसद बने। उन्हें 28.6 फीसदी मत मिले थे। वर्ष 1962 के लोकसभा चुनाव में एमएल द्विवेदी ने तीसरी बार कांग्रेस का मान रखते हुए जीत का परचम फहराया था। उन्हें 47.9 फीसदी वोट मिले थे। वर्ष 1967 के चुनाव में भारतीय जनसंघ पार्टी ने यहां की सीट पर कब्जा कर कांग्रेस को बाहर कर दिया था। भारतीय जनसंघ पार्टी के उम्मीदवार स्वामी ब्रह्मानंद को 54.1 फीसदी मत मिले थे। वर्ष 1971 के चुनाव में स्वामी ब्रह्मानंद ने भारतीय जनसंघ पार्टी छोड़ कांग्रेस के टिकट से अपनी किस्मत आजमाई और दोबारा जीत कर वह संसद पहुंचे। उन्हें 52.0 प्रतिशत वोट मिले। वर्ष 1977 के आम चुनाव में बीकेडी के उम्मीदवार तेज प्रताप सिंह बच्चा भैया ने पहली बार हमीरपुर-महोबा तिंदवारी लोकसभा सीट पर जीत का परचम फहराया। उन्होंने सर्वाधिक 54.1 प्रतिशत मत हासिल किए। वर्ष 1980 के मध्यावधि चुनाव में कांग्रेस ने फिर बाजी मारी। कांग्रेस उम्मीदवार डूंगर सिंह ने 44.2 प्रतिशत वोट हासिल किया। वर्ष 1984 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने दोबारा सीट पर कब्जा जमाया। स्वामी प्रसाद सिंह ने जातीय समीकरणों के कारण 52.6 फीसदी वोट हासिल किए। वर्ष 1989 के चुनाव पहली बार जनता दल ने हमीरपुर-महोबा तिंदवारी लोकसभा सीट पर कब्जा किया। जनता दल उम्मीदवार गंगाचरण राजपूत ने 42.9 प्रतिशत मत हासिल किए।
इस सीट पर 90 के बाद मिला भाजपा, सपा और बसपा को सफलता
90 के दशक में देश में चल रहे अयोध्या में रामजन्म भूमि का मुद्दा इस सीट पर भी देखने को मिला। 1991 के चुनाव में पंडित विश्वनाथ शर्मा ने भाजपा के टिकट से चुनाव लड़ा और 24.5 फीसदी वोट हासिल कर यहां की सीट पर जीत दर्ज की। लेकिन वर्ष 1996 के चुनाव में जनता दल छोड़ भाजपा में आए गंगाचरण राजपूत ने भारी मतों से जीत दर्ज की। भाजपा उम्मीदवार को 39.72 प्रतिशत वोट मिले। वर्ष 1998 के चुनाव में भाजपा ने तीसरी बार सीट पर कब्जा किया। भाजपा उम्मीदवार गंगाचरण राजपूत को 35.1 प्रतिशत वोट मिले। लेकिन 1999 के चुनाव में पहली बार बसपा ने जातीय समीकरणों के उलटफेर से यहां की सीट पर जीत का परचम फहराया। बसपा उम्मीदवार अशोक सिंह चंदेल ने 34.99 प्रतिशत वोट पाए। फिर 2004 के चुनाव में पहली बार सपा ने हमीरपुर-महोबा तिंदवारी लोकसभा सीट पर कब्जा किया। सपा उम्मीदवार राजनारायण बुधौलिया ने 36.5 प्रतिशत वोट हासिल किए। 2009 में बसपा ने वापसी की और विजय बहादुर सिंह सांसद बने।
हमीरपुर-महोबा तिंदवारी लोकसभा क्षेत्र का जातीय समीकरण (Hamirpur Loksabha Seat Caste Equation)
हमीरपुर-महोबा तिंदवारी लोकसभा क्षेत्र के जातीय समीकरण की बात करें तो यहां ओबीसी, क्षत्रिय और ब्राह्मण मतदाता की एकजुटता से चुनाव के समीकरण गड़बड़ा जाता है। जातीय मतों पर नजर डाले तो 28 फीसदी दलित-मुस्लिम, नौ फीसदी, ब्राह्मण 14 फीसदी, यादव, लोधी, कुशवाहा सात-सात फीसदी व 13 फीसदी क्षत्रिय के अलावा अन्य बिरादरी के मतदाता हैं।
हमीरपुर-महोबा तिंदवारी लोकसभा क्षेत्र से अब तक चुने गए सांसद (Hamirpur MP List in Hindi)
- कांग्रेस से मनुलाल द्विवेदी 1952, 1957 और 1962 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
- भारतीय जनसंघ पार्टी से स्वामी ब्रह्मानंद 1967 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
- कांग्रेस से स्वामी ब्रह्मानंद 1971 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
- जनता पार्टी से तेज प्रताप सिंह 1977 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
- कांग्रेस से डूंगर सिंह 1980 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
- कांग्रेस से स्वामी प्रसाद सिंह 1984 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
- जनता दल से गंगाचरण राजपूत 1989 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
- भाजपा से विश्वनाथ शर्मा 1991 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
- भाजपा से गंगाचरण राजपूत 1996 और 1998 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
- बसपा से अशोक कुमार सिंह चंदेल 1999 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
- सपा से राजनारायण बुधौलिया 2004 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
- बसपा से विजय बहादुर सिंह 2009 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
- भाजपा से कुंवर पुष्पेंद्र सिंह चंदेल 2014 और 2019 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।