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कहीं भाभी Vs देवर तो कहीं अपनी ही बहनों में राजनीतिक लड़ाई, लोकसभा 2024 में कई रिश्ते दांव पर

Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव में इस बार कई सीटों पर दिलचस्प मुकाबला देखने को मिला है। यूपी की आजमगढ़ सीट पर देवर के खिलाफ अपनी भाभी चुनावी रैली कर रही हैं। वहीं मिश्रिख सीट पर भी कुछ इसी तरह का मुकाबला है।

Jyotsna Singh
Written By Jyotsna SinghReport Aniket Gupta
Published on: 30 May 2024 3:48 PM IST
कहीं भाभी Vs देवर तो कहीं अपनी ही बहनों में राजनीतिक लड़ाई, लोकसभा 2024 में कई रिश्ते दांव पर
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Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव अब अपने अंतिम चरण में है। पहले छह चरणों के मतदान समाप्त हो चुके हैं। सातवें व अंतिम चरण के लिए 1 जून को मतदान होना है। इसको लेकर तमाम राजनीतिक पार्टियां अपने-अपने हिस्से की तैयारियों में जुट गई है। दलों के स्टार प्रचारक अलग-अलग राज्यों में जाकर चुनावी रैली को संबोधित कर रहे हैं। इस बार का चुनाव कई मायनों में बेहद दिलचस्प रहा। कहा जाता है कि राजनीति में न तो कोई स्थाई मित्र होता है और न ही कोई स्थायी शत्रु। इसलिए राजनीति के बदलते दौर में कौन विरोधी हमराही बन जाए और कौन मित्र विरोधी गुट से जा मिले, इसका कोई भरोसा नहीं। ऐसा ही कुछ 18वीं लोकसभा चुनाव में देखने को मिला। इस बार चुनाव में जहां सारे दलों के प्रत्याशी एक दूसरे को टक्कर दे रहे थे। वहीं कुछ सीटें ऐसी भी थीं, जहां चुनावी लड़ाई में खून के रिश्तों पर सियासी प्रतिद्वंद्विता भारी पड़ गयी। कहीं परिवार के ही लोग एक दूसरे के सामने आ गए तो कहीं किसी प्रत्याशी के खिलाफ उसी के अपने लोग चुनाव प्रचार करते दिखे।

आजमगढ़ लोकसभा सीट


आजमगढ़ सीट से सैफई कुनबे के धर्मेंद्र यादव सपा की टिकट पर एक बार फिर चुनावी मैदान में हैं। उनका मुकाबला बीजेपी प्रत्याशी दिनेश लाल यादव निरहुआ से है। इससे पहले दोनों प्रत्याशी उपचुनाव में भी आमने-सामने आ चुके हैं, जिसमें धर्मेन्द्र यादव को शिकस्त का सामना करना पड़ा था। इस बार सपा प्रत्याशी धर्मेन्द्र यादव को बसपा और बीजेपी से ज्यादा अपने ही भाई की पत्नी अपर्णा यादव के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। वे चुनाव मैदान में नहीं हैं, लेकिन बीजेपी के पक्ष में प्रचार करके सपा उम्मीदवार और उनके समर्थकों को असहज कर चुकी हैं। अपर्णा यादव मुलायम सिंह यादव के जीवित रहते ही बीजेपी में शामिल हो गई थीं। तब से वह बीजेपी के लिए ही काम कर रही हैं। अपर्णा यादव 2017 का विधानसभा चुनाव सपा की टिकट पर लखनऊ कैण्ट से लड़ चुकी हैं। तब उन्हें भाजपा की रीता बहुगुणा से हार का सामना करना पड़ा था।

मिश्रिख लोकसभा सीट


मिश्रिख सीट पर इस बार काफी दिलचस्प मुकाबला दिखा। यहां बीजेपी ने मौजूदा सांसद डॉ. अशोक कुमार रावत एक बार फिर चुनावी मैदान में उतारा है। वहीं इंडिया गठबंधन की तरफ से यह सीट सपा के खाते में आई है। सपा ने संगीता राजवंशी को अपना उम्मीदवार बनाया है। यहां दिलचस्प यह है कि संगीता रिश्ते में बीजेपी प्रत्याशी डॉ. रावत की सरहज हैं। डॉ. रावत इसी सीट से 2004-2009 में बसपा के टिकट पर चुनाव जीत चुके हैं। इस बार सपा ने इस सीट पर कई बार प्रत्याशी बदले। पहले यहां पूर्व मंत्री रामपाल राजवंशी को उम्मीदवार बनाया। रामपाल राजवंशी रिश्ते में डॉ. अशोक रावत के ससुर लगते हैं। जब राजवंशी ने दामाद के खिलाफ चुनाव लड़ने से मना किया तो उनके बेटे मनोज कुमार राजवंशी को उम्मीदवार बनाया गया। इतना ही नहीं अंत में सपा ने एक बार फिर प्रत्याशी बदलते हुए पूर्व सांसद रामशंकर भार्गव को उम्मीदवार बनाने की घोषणा कर दी। इसके बावजूद भी सपा हाईकमान को अपना फैसला पसंद नहीं आया और आखिर में भार्गव की जगह रामपाल राजवंशी की बहू संगीता राजवंशी को टिकट देने की घोषणा की। संगीता राजवंशी बीजेपी उम्मीदवार डॉ. अशोक रावत की सरहज यानी साले की पत्नी हैं। वो अपने जीजा को चुनौती देते हुए मैदान में टिकी हुई हैं।

मिर्जापुर लोकसभा सीट


मिर्जापुर से बीजेपी प्रत्याशी और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल के खिलाफ उनकी बहन अपना दल (कमेरावादी) की विधायक डॉ. पल्लवी पटेल इस चुनाव में विरोधी गुट के लिए प्रचार प्रसार कर रही हैं। सपा नेतृत्व से नाराज पल्लवी ने पीडीएम का गठन किया। इस फ्रंट के जरिए अपनी ताकत दिखाने के साथ बाकी दलों के सामने अपने को पिछड़ों का बड़ा नेता साबित करना चाहती हैं। वे राज्यसभा चुनाव के बाद से ही सपा से नाराज चल रही हैं।

कुशीनगर लोकसभा सीट


पूर्व मंत्री व सपा के पूर्व नेता स्वामी प्रसाद मौर्य इस बार खुद की राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी से कुशीनगर से चुनाव लड़ रहे हैं। बता दें, इस पार्टी का गठन उन्होंने लोकसभा चुनाव से ठीक पहले किया है। इस चुनाव में अकेले दम पर लड़कर स्वामी प्रसाद मौर्य सपा बसपा और भाजपा को अपनी ताकत दिखाना चाहते हैं। हालांकि, पिछले विधानसभा चुनाव में वे कुशीनगर की फाजिलनगर से चुनाव लड़े थे, लेकिन उन्हे शिकस्त का सामना करना पड़ा था। इस बार उन्हें झटका तब लगा तब उनके ही बेटे उत्कृष्ट मौर्य ने उनके चुनाव प्रचार शुरू होने से पहले कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी से मुलाकात कर कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर ली। उत्कृष्ट मौर्य ने भी कुशीनगर सीट से लोकसभा के लिए नामांकन पर्चा भरा था। इस बार वे स्वयं लोकसभा का चुनाव लड़ने के इच्छुक थे।

Aniket Gupta

Aniket Gupta

Senior Content Writer

Aniket has been associated with the journalism field for the last two years. Graduated from University of Allahabad. Currently working as Senior Content Writer in Newstrack. Aniket has also worked with Rajasthan Patrika. He Has Special interest in politics, education and local crime.

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