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Loksabha Election 2024: जालौन लोकसभा सीट पर बीजेपी के भानु प्रताप सिंह वर्मा कर रहे जीत की हैट्रिक लगाने की तैयारी, जानें समीकरण
Jalaun Loksabha Election Seat Details: भाजपा ने वर्तमान सांसद भानु प्रताप सिंह वर्मा पर तीसरी बार दांव लगाया है। जबकि सपा ने नारायण दास अहिरवार को उम्मीदवार बनाया है।
Lok Sabha Election 2024: यूपी के बुंदेलखंड इलाके की जालौन लोकसभा सीट प्रदेश के हॉट सीटों में से एक है। अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित जालौन लोकसभा सीट पर भाजपा का कब्जा है। यहां के सांसद भानु प्रताप सिंह वर्मा मोदी सरकार में केंद्रीय राज्य मंत्री हैं। भाजपा ने वर्तमान सांसद भानु प्रताप सिंह वर्मा पर तीसरी बार दांव लगाया है। जबकि सपा ने नारायण दास अहिरवार को उम्मीदवार बनाया है। वहीं बसपा ने सुरेश चंद्र गौतम को चुनावी रण में उतारा है। इस बार यहां लड़ाई भाजपा के लिए जीत की हैट्रिक लगाने की है, तो विपक्ष यहां वापसी करना चाहता है। सभी उम्मीदवारों की नजर यहां के अनुसूचित जाति के मतदाताओं पर है।
अगर लोकसभा चुनाव 2019 की बात करें तो भाजपा के भानु प्रताप सिंह वर्मा ने सपा बसपा के संयुक्त उम्मीदवार अजय सिंह (पंकज) को 1,58,377 वोट से हराकर दुबार जीत हासिल की थी। इस चुनाव में भानु प्रताप सिंह वर्मा को 5,81,763 और अजय सिंह (पंकज) को 4,23,386 वोट मिले थे। जबकि कांग्रेस के बृजलाल खबरी को 89,606 वोट मिले थे। वहीं लोकसभा चुनाव 2014 में मोदी लहर के दौरान भाजपा के भानु प्रताप सिंह वर्मा ने बसपा के बृजलाल खबरी को 2,87,202 वोट से हराकर जीत दर्ज की थी।
जालौन विधानसभा चुनाव 2022
Jalaun Loksabha Chunav 2014
यहां जानें जालौन लोकसभा क्षेत्र के बारे में (Jalaun Loksabha Seat Details Hindi)
- जालौन लोकसभा क्षेत्र का निर्वाचन संख्या 45 है।
- यह लोकसभा क्षेत्र 1952 में अस्तित्व में आया था।
- इस लोकसभा क्षेत्र का गठन जालौन जिले के माधोगढ़, कालपी व उरई और झांसी जिले के गरौठा इसके अलावा कानपुर देहात जिले के भोगनीपुर विधानसभा क्षेत्रों को मिलाकर किया गया है।
- जालौन लोकसभा के 5 विधानसभा सीटों में से 4 पर भाजपा और 1 पर सपा का कब्जा है।
- यहां कुल 19,33,358 मतदाता हैं। जिनमें से 8,82,972 पुरुष और 10,50,303 महिला मतदाता हैं।
- जालौन लोकसभा सीट पर 2019 में हुए चुनाव में कुल 11,30,746 यानी 58.49 प्रतिशत मतदान हुआ था।
जालौन लोकसभा क्षेत्र का राजनीतिक इतिहास (Jalaun Political History)
जालौन शहर कभी मराठाओं के अधीन था और मराठा राज्यपाल का निवास स्थान हुआ करता था। जिले का मुख्यालय उरई है जो कानपुर-झांसी एनएच 27 पर बसा हुआ है। यहां पर प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की चिंगारी भी फूटी थी। ऐसा माना जाता है कि जालौन जिले का नाम ऋषि जलवान के नाम पर पड़ा, प्राचीन काल में जलवान ऋषि यहीं पर रहते थे। यह जिला 3 नदियों, यमुना, बेतवा और पहूज से घिरा हुआ है। इस क्षेत्र का सबसे पुराना पारंपरिक शासक ययाती को बताया गया है, जिसका पुराण और महाभारत में एक महान विजेता के रूप में जिक्र किया गया है। जालौन लोकसभा सीट पर 17 बार चुनाव हुए जिसमें में 7 बार कांग्रेस को जीत मिली है। आज 34 साल बीत गए और इस लोकसभा सीट पर कांग्रेस पार्टी एक जीत के लिए तरस गई है। देश में आजादी के बाद 1952 में हुए पहले चुनाव यहां भी केसरिया रंग फहरा। कांग्रेस के लोटन राम पहले सांसद बने। इसके बाद 1957 में हुए लोकसभा चुनाव में इसी परिवार के लच्छीराम ने जीत दर्ज कर कांग्रेस का दबदबा बनाया। 1962 में कांग्रेस के रामसेवक चौधरी ने बाजी मारी। इसके बाद हैट्रिक लगाते हुए रामसेवक चौधरी 1967 और 1971 में भी सांसद चुने गए। इमरजेंसी के आक्रोश की आग के बाद इस सीट पर कांग्रेस का दबदबा टूटा। पहली बार 1977 के चुनाव में कांग्रेस को यहां हार मिली और जनता पार्टी ने जीत हासिल की। इसके बाद 1980 और 1984 के चुनावों में यहां पर कांग्रेस ने एक बार फिर वापसी की। नाथूराम शाक्यवार और लच्छीराम सांसद बने। 1989 में यहां जनता दल ने खाता खोला और जीत दर्ज की। राम सेवक भाटिया सांसद बने।
भाजपा ने 1991 में इस सीट पर खिलाया कमल
90 के दशक में देश में चल रहे रामलहर के दौरान यह सीट भी अछूती नहीं रही। 1991 के चुनाव में जनता दल के राम सेवक भाटिया से भाजपा ने यह सीट छीन ली। भाजपा के गया प्रसाद कोरी पहली बार सांसद बने। इसके बाद 1996 और 1998 दोनों ही चुनावों में यहां भाजपा जीती और भानु प्रताप वर्मा सांसद बने। 1999 में यहां तख्ता पलट हुआ और बसपा के ब्रजलाल खाबरी ने भानु प्रताप वर्मा को हैट्रिक नहीं बनाने दिया। साल 2004 के चुनाव में एक बार फिर से भाजपा ने वापसी की और भानु प्रताप सिंह जीते। 2009 में यहां पहली बार सपा ने खाता खोला और घनश्याम अनुरागी चुनाव जीते।
जालौन लोकसभा क्षेत्र का जातीय समीकरण
जालौन की साक्षरता दर 73.7 प्रतिशत है। जनसंख्या के मामले में यह प्रदेश में 57वें नंबर पर आता है। अगर जातीय समीकरण की बात करें तो यहां अनुसूचित जाति के मतदाताओं का मतदान काफी मायने रखता है। यहां 45 फीसदी एससी मतदाता हैं। इसके बाद ओबीसी मतदाताओं की संख्या 35 और सामान्य की 20 प्रतिशत है। वहीं डेढ़ लाख कुर्मी है तो सवा लाख की संख्या में मुसलमान आते है।
जालौन लोकसभा क्षेत्र से अब तक चुने गए सांसद
- कांग्रेस से लोटन राम 1952 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
- कांग्रेस से लच्छीराम 1957 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
- कांग्रेस से रामसेवक चौधरी 1962, 1957 और 1971 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
- जनता पार्टी से रामचरण दोहरे 1977 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
- कांग्रेस से नाथूराम शाक्यवार 1980 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
- कांग्रेस से लच्छीराम 1984 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
- जनता दल से राम सेवक भाटिया 1989 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
- भाजपा से गया प्रसाद कोरी 1991 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
- भाजपा से भानु प्रताप सिंह वर्मा 1996 और 1998 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
- बसपा से बृजलाल खबरी 1999 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
- भाजपा से भानु प्रताप सिंह वर्मा 2004 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
- सपा से घनश्याम अनुरागी 2009 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
- भाजपा से भानु प्रताप सिंह वर्मा 2014 और 2019 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।