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Lok Sabha Election: एक ऐसा चुनाव क्षेत्र जहां राम नाम की धूम, पलामू में 15 चुनावों में नौ बार हासिल की है कामयाबी
Lok Sabha Election 2024: ऐसे में झारखंड के एक चुनाव क्षेत्र पलामू का जिक्र करना भी जरूरी हो जाता है जहां लंबे अरसे से राम नाम की धूम दिखाई देती रही है।
Lok Sabha Election 2024: देश के लोकसभा चुनाव में इस बार अयोध्या में बने भगवान राम के भव्य मंदिर की चर्चा भी खूब सुनाई पड़ रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत अन्य भाजपा नेता अपने भाषणों में राम मंदिर का जिक्र विशेष रूप से कर रहे हैं। वैसे राम मंदिर के आंदोलन के समय से ही अयोध्या का मुद्दा चुनाव में गूंजता रहा है। ऐसे में झारखंड के एक चुनाव क्षेत्र पलामू का जिक्र करना भी जरूरी हो जाता है जहां लंबे अरसे से राम नाम की धूम दिखाई देती रही है।
पलामू में 1967 के बाद अभी तक कुल 15 बार लोकसभा चुनाव हुए हैं और इन चुनावों के दौरान नौ बार ऐसे प्रत्याशियों ने जीत हासिल की है जिनके नाम के साथ राम शब्द जुड़ा हुआ है। छह मौके ऐसे भी आए जब दूसरे स्थान पर रहे प्रत्याशी के नाम के साथ भी राम उपनाम जुड़ा हुआ था।
लंबे समय से दिखता रहा है राम नाम का असर
पलामू लोकसभा क्षेत्र में राम धुन की लहर लंबे समय से दिखती रही है। यदि पिछले 57 वर्षों के इतिहास को देखा जाए तो इस लोकसभा क्षेत्र में राम नाम का खूब असर दिखाता रहा है। पलामू लोकसभा क्षेत्र में चौथे चरण में 13 मई को मतदान होने वाला है और ऐसे में सभी प्रत्याशियों ने पूरी ताकत झोंक रखी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी चुनावी सभा के सिलसिले में 4 मई को पलामू पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने लोगों से अपील की थी कि राम नाम का जादू इस बार भी बरकरार रहना चाहिए। उनका कहना था कि रामधुन गाते हुए क्षेत्र के लोगों को उत्साह और उल्लास के साथ घर से निकल कर मतदान में हिस्सा लेना चाहिए।
बृजमोहन राम ने लगाई थी जीत की हैट्रिक
पलामू लोकसभा क्षेत्र में 1977 के चुनाव में रामधनी राम ने जीत हासिल की थी जबकि 1989 के लोकसभा चुनाव में जोरावर राम ने इस लोकसभा क्षेत्र में विजय पताका फहराई थी। राम मंदिर आंदोलन शुरू होने के साथ 1991 तक पूरे देश में अयोध्या का मुद्दा गरमा गया था। 1991 के लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी रामदेव राम ने इस लोकसभा क्षेत्र में जीत हासिल की थी। मजे की बात यह है कि जनता दल के जोरावर राम दूसरे नंबर पर रहे थे।
इसके बाद 1996 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के बृजमोहन राम ने जनता दल के उदय नारायण चौधरी को हराकर जीत हासिल की थी। 1998 और 1999 के लोकसभा चुनाव के दौरान भी बृजमोहन राम ने इस सीट पर अपना कब्जा बनाए रखा था।
2014 और 2019 में वीडी राम को मिली जीत
2004 के लोकसभा चुनाव के दौरान राष्ट्रीय जनता दल ने इस लोकसभा सीट पर मनोज भुइयां को चुनाव मैदान में उतारा था और भुइयां जीत हासिल करने में कामयाब रहे थे जबकि बृजमोहन राम को दूसरा स्थान हासिल हुआ था। इसके बाद 2007 में पलामू में उपचुनाव हुआ था जिसमें राजद के घूरन राम ने जीत हासिल की थी।
2009 के लोकसभा चुनाव में झामुमो के कामेश्वर बैठा को जीत हासिल हुई जबकि राजद के घूरन राम ने दूसरा स्थान हासिल किया था। 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी वीडी राम इस लोकसभा क्षेत्र में जीत हासिल करने में कामयाब रहे थे। 2019 पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान वीडी राम पहले नंबर पर रहे थे जबकि राजद के घूरन राम ने उन्हें कड़ी चुनौती देते हुए दूसरा स्थान हासिल किया था।
1989 में हुआ था दिलचस्प मुकाबला
यदि पूर्व के चुनावों को देखा जाए तो 1967 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की कमला कुमारी ने संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के जे राम को हराकर जीत हासिल की थी। 1971 में भी कमला कुमारी विजयी रहीं जबकि उन्होंने भारतीय जनसंघ के रामदेव राम को हराया था। 1977 के चुनाव में कमला कुमारी हैट्रिक लगाने के लिए चुनावी अखाड़े में उतरी थीं मगर भारतीय लोकदल के प्रत्याशी रामधनी राम ने उन्हें हरा दिया था।
1980 के चुनाव में कांग्रेस की कमला कुमारी ने रामधनी राम को हराकर अपनी हार का बदला लिया था। 1984 के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी कमला कुमारी ने बिहार के मुख्यमंत्री रहे रामसुंदर दास को हराकर इस सीट पर जीत हासिल की थी। 1989 में इस सीट पर दिलचस्प मुकाबला हुआ था। इस चुनाव में जनता दल के जोरावर राम और भाजपा के रामदेव राम के बीच कड़ा मुकाबला हुआ था जिसमें जोरावर राम ने जीत हासिल की थी।
इस बार भी वीडी राम मजबूत दावेदार
2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने एक बार फिर वीडी राम को चुनाव मैदान में उतारा है। झारखंड के पूर्व डीजीपी रह चुके वीडी राम 2014 और 2019 में लोकसभा चुनाव जीतने के बाद इस बार हैट्रिक लगाने के लिए चुनाव मैदान में उतरे हैं। इंडिया गठबंधन की ओर से राजद ने उनके खिलाफ इस सीट पर ममता भुइयां को चुनाव मैदान में उतारा है।
2014 में मोदी लहर के बाद से इस सीट का समीकरण बदल हुआ नजर आ रहा है और इस बार के लोकसभा चुनाव में भी वीडी राम की स्थिति मजबूत मानी जा रही है। पूर्व में पुलिस का बड़ा अफसर होने के कारण वीडी राम को यहां पर अनुसूचित जाति के लोगों का अच्छा समर्थन मिलता रहा है। अब सबकी निगाहें इस बात पर लगी हुई हैं कि इस बार के लोकसभा चुनाव में राम नाम की धूम दिखती है या नहीं।