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कर्नाटक में कांग्रेस की सूची में परिवारवाद हावी, 11 उम्मीदवार मंत्रियों के रिश्तेदार, खड़गे के दामाद को भी टिकट

Lok Sabha Election 2024: गुरुवार को पार्टी की ओर से 17 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया गया और इसमें परिवारवाद पूरी तरह हावी दिखा है।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman Tiwari
Published on: 22 March 2024 2:12 PM IST
Karnataka Congress list
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Karnataka Congress list  (photo: social media )

Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनान के लिए कर्नाटक में कांग्रेस की ओर से जारी 17 उम्मीदवारों की नई सूची को लेकर सवाल उठने लगे हैं। कर्नाटक में दो चरणों में लोकसभा चुनाव होना है और इसके लिए पार्टी की ओर से अभी तक 24 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया जा चुका है। गुरुवार को पार्टी की ओर से 17 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया गया और इसमें परिवारवाद पूरी तरह हावी दिखा है।

इन 17 में से 11 उम्मीदवार कर्नाटक के मंत्रियों के नजदीकी रिश्तेदार हैं जबकि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के दामाद को भी गुलबर्गा लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में उतारा गया है। कांग्रेस की सूची से साफ हो गया है कि भाजपा की ओर से लगाए जा रहे परिवारवाद के आरोपों के बावजूद पार्टी अपने हिसाब से उम्मीदवारों के नाम तय कर रही है।

परिवारवाद पर किया भरोसा

कांग्रेस की ओर से कर्नाटक में 8 मार्च को उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की गई थी और इसमें सात उम्मीदवारों के नाम शामिल थे। पार्टी की पहली सूची में किसी भी विधायक या मंत्री का नाम शामिल नहीं था। अब पार्टी की ओर से घोषित दूसरी सूची में मंत्रियों के रिश्तेदारों की भरमार दिख रही है। पार्टी की ओर से घोषित 17 उम्मीदवारों में से 11 मंत्रियों के रिश्तेदार बताए जा रहे हैं।

पांच कैबिनेट मंत्रियों के बच्चों को लोकसभा चुनाव की सियासी जंग में उतारा गया है। टिकटों के इस बंटवारे को लेकर पार्टी सदस्यों की ओर से ही सवाल उठाए जाने लगे हैं। कर्नाटक में भाजपा और जद एस की चुनौतियों का सामना करने के लिए कांग्रेस ने दूसरी सूची में मंत्रियों के रिश्तेदारों पर जमकर भरोसा किया है।

पहले चुनाव में ही लोकसभा का टिकट

पार्टी की ओर से घोषित सूची में चिक्कोडी सीट पर पीडब्ल्यूडी के कैबिनेट मंत्री सतीश जारकीहोली की बेटी प्रियंका जारकीहोली को टिकट दिया गया है। प्रियंका अपने पहले ही चुनाव में लोकसभा का टिकट पाने में कामयाब रही हैं। बेलगावी क्षेत्र में शक्तिशाली माने जाने वाले जारकीहोली परिवार के पास पहले से ही कर्नाटक में कई प्रमुख पद हैं।

बेलगावी सीट पर कैबिनेट मंत्री लक्ष्मी हेब्बालकर के बेटे मृणाल को उतारा गया है। वे भी सियासी मैदान में उतरने के साथ लोकसभा चुनाव का टिकट पाने में कामयाब रहे हैं।

मंत्रियों के बेटे-बेटियों को टिकट

बंगलूरू दक्षिण सीट सौम्या रेड्डी को टिकट दिया गया है, जो परिवहन मंत्री रामलिंगा रेड्डी की बेटी हैं। दावणगेरे सीट से प्रभा मल्लिकार्जुन को टिकट दिया गया है, जो कैबिनेट मंत्री एसएस मल्लिकार्जुन की पत्नी और वरिष्ठ लिंगायत नेता और विधायक शमानूर शिवशंकरप्पा की बहू हैं।

बीदर लोकसभा सीट से कांग्रेस पार्टी ने कर्नाटक के कैबिनेट मंत्री ईश्वर खांद्रे के बेटे सागर खांद्रे को टिकट दिया है। यहां से पूर्व मंत्री राजशेखर पाटिल की दावेदारी को नकार दिया गया है।

बंगलूरू ग्रामीण से टिकट प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार के भाई डीके सुरेश को दिया गया है। हालांकि सुरेश की इस इलाके पर मजबूत पकड़ मानी जाती है।

कांग्रेस ने मंत्री शिवानंद पाटिल की बेटी संयुक्ता पाटिल को बागलकोट से उम्मीदवार बनाया है। शिवमोगा से पूर्व मुख्यमंत्री बंगारप्पा की बेटी और अभिनेता शिवराज कुमार की पत्नी गीता शिवराजकुमार को टिकट दिया गया है। कोप्पल से पार्टी ने राघवेंद्र हितनाल के भाई राजशेखर हितनाल को मैदान में उतार दिया है।

खड़गे के दामाद को गुलबर्गा से उतारा

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के इस बार लोकसभा चुनाव लड़ने की उम्मीद नहीं है। कर्नाटक में कांग्रेस की दूसरी सूची से यह बात साफ हो गई है। दरअसल, पार्टी ने गुरुवार को खड़गे के दामाद राधाकृष्ण डोड्डामणि को उनकी ही पारंपरिक सीट गुलबर्गा से मैदान में उतारा है। खड़गे 2009 और 2014 से यहां से ही चुनाव जीते थे, लेकिन वे 2019 में चुनाव हार गए थे।

खड़गे के चुनाव मैदान में न उतरने के फैसले पर कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि खड़गे के पास कई जिम्मेदारियां हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी मामलों के प्रबंधन के अलावा, उन्हें इंडिया ब्लॉक के सहयोगियों के साथ समन्वय करना होगा। इसके साथ ही राज्यसभा में उनका कार्यकाल अभी खत्म नहीं हुआ है।

सूची पर कांग्रेस में ही उठने लगे सवाल

वैसे कांग्रेस की सूची को लेकर पार्टी में ही सवाल उठने लगे हैं। कांग्रेस पार्टी में ही इस सूची को वंशवाद को बढ़ावा देने वाली सूची बताया जा रहा है जबकि दूसरी ओर भाजपा ने भी आरोप लगाया है कि कांग्रेस की सूची से साफ है कि पार्टी में परिवारवाद पूरी तरह हावी है।

भाजपा नेताओं ने कांग्रेस की सूची पर प्रतिक्रिया जताते हुए कहा कि यह सूची वंशवादी राजनीतिक विरासत के प्रति कांग्रेस के झुकाव को प्रदर्शित करती है।



Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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