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ADR Report: जानिए किस पार्टी के पास आया कितना पैसा
ADR Report: भारतीय चुनाव आयोग ने 19 नवंबर 2014 को सभी राजनीतिक दलों के अध्यक्षों, महासचिवों को संबोधित अपने पत्र में कहा कि पार्टियों के लिए अपनी ऑडिट रिपोर्ट का विवरण आयोग को जमा करना अनिवार्य है।
ADR Report: राजनीतिक दलों के पास धन के कई स्रोत होते हैं और इसलिए जवाबदेही और पारदर्शिता उनके कामकाज का एक महत्वपूर्ण पहलू होना चाहिए। भारतीय चुनाव आयोग ने 19 नवंबर 2014 को सभी राजनीतिक दलों के अध्यक्षों, महासचिवों को संबोधित अपने पत्र में कहा कि पार्टियों के लिए अपनी ऑडिट रिपोर्ट का विवरण आयोग को जमा करना अनिवार्य है। वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान सभी राष्ट्रीय पार्टियों द्वारा पूरे भारत में की गई कुल आय और व्यय का क्या ब्योरा दिया गया, इसकी जानकारी एक रिपोर्ट में एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने जारी की है।
वार्षिक ऑडिटेड रिपोर्ट
वित्तीय वर्ष 2022-23 में राष्ट्रीय दलों द्वारा वार्षिक ऑडिटेड रिपोर्ट प्रस्तुत करने की नियत तारीख 31 अक्टूबर, 2023 थी। केवल सीपीआई (एम) ने अपनी ऑडिट रिपोर्ट समय पर प्रस्तुत की, जबकि आप, बसपा, एनपीईपी, कांग्रेस और भाजपा ने क्रमशः 5 दिन, 23 दिन, 27 दिन, 64 दिन और 72 दिन की देरी के बाद प्रस्तुत की।
- बीजेपी ने वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान कुल आय 2360.844 करोड़ रुपये घोषित की, लेकिन कुल आय का केवल 57.68 फीसदी (1361.684 करोड़ रुपये) ही खर्च किया।
- कांग्रेस की कुल आय 452.375 करोड़ रुपये थी जबकि पार्टी ने 467.135 करोड़ रुपये खर्च किए, इस प्रकार, उस वर्ष के लिए पार्टी का खर्च उसकी कुल आय से 3.26 फीसदी अधिक है।
- सीपीआई (एम) की कुल आय 141.661 करोड़ रुपये थी जबकि पार्टी ने 106.067 करोड़ रुपये खर्च किए, जो उसकी आय का 74.87 फीसदी था।
- आम आदमी पार्टी की कुल आय 85.17 करोड़ रुपये थी जबकि पार्टी ने 102.051 करोड़ रुपये खर्च किए। उस वर्ष पार्टी का व्यय उसकी कुल आय से 19.82 फीसदी अधिक है।
वित्त वर्ष 2022-23 के लिए राष्ट्रीय दलों की कुल आय
राष्ट्रीय पार्टियों की कुल आय पूरे भारत में विभिन्न स्रोतों से प्राप्त आय से संकलित की गई है, जैसा कि उनकी वार्षिक ऑडिट रिपोर्ट में प्रस्तुत किया गया है। छह राष्ट्रीय पार्टियों (बीजेपी, कांग्रेस, सीपीआई (एम), आप, बीएसपी और एनपीईपी) ने पूरे भारत से एकत्रित कुल 3076.882 करोड़ रुपये की आय घोषित की है।
राष्ट्रीय पार्टियों में सबसे ज्यादा आय बीजेपी ने दिखाई है, वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान उसे 2360.844 करोड़ रुपये की आय हुई है। यह वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान 6 राष्ट्रीय दलों की कुल आय का 76.73 फीसदी है।
कांग्रेस ने 452.375 करोड़ रुपये की दूसरी सबसे बड़ी आय घोषित की, जो 6 राष्ट्रीय दलों की कुल आय का 14.70 फीसदी है।
कुल आय की तुलना
- वित्त वर्ष 2021-22 और 2022-23 के बीच, बीजेपी की आय वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान 1917.12 करोड़ रुपये से 23.15 फीसदी (443.724 करोड़ रुपये) बढ़कर वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान 2360.844 करोड़ रुपये हो गई।
- एनपीईपी की आय वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान 47.20 लाख रुपये से 1502.12 फीसदी (7.09 करोड़ रुपये) बढ़कर वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान 7.562 करोड़ रुपये हो गई।
- आम आदमी पार्टी की आय वित्त वर्ष 2021-2022 के दौरान 44.539 करोड़ रुपये से वित्त वर्ष 2022-23 में 85.17 करोड़ रूपये हो गयी यानी 91.23 फीसदी (40.631 करोड़ रुपये) बढ़ गई।
- वित्त वर्ष 2021-22 और 2022-23 के बीच कांग्रेस, सीपीआई (एम) और बीएसपी की आय में क्रमशः 16.42 फीसदी (88.90 करोड़ रुपये), 12.68 फीसदी (20.575 करोड़ रुपये) और 33.14 फीसदी (14.508 करोड़ रुपये) की कमी आई।
राष्ट्रीय पार्टियों की आय के शीर्ष स्रोत
राष्ट्रीय पार्टियों ने दान/योगदान को अपनी आय के तीन मुख्य स्रोतों में से एक घोषित किया है। दान/योगदान से सबसे अधिक आय प्राप्त करने वाली राष्ट्रीय पार्टियों में भाजपा - 2120.0642 करोड़ रुपये, कांग्रेस - 268.6278 करोड़ रुपये, आप - 84.3416 करोड़ रुपये, सीपीआई (एम) - 63.783 करोड़ रुपये और एनपीईपी - 7.523 करोड़ रुपये शामिल हैं। वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान कांग्रेस द्वारा घोषित 125.7676 करोड़ रुपये के कूपन जारी करके संग्रह उसकी कुल आय का 27.80 फीसदी है।
तीन राष्ट्रीय दलों अर्थात् भाजपा, कांग्रेस और आप ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए चुनावी बांड के माध्यम से अपनी कुल आय का 49.096 फीसदी (1510.6199 करोड़ रुपये) दान से एकत्र किया। चुनावी बॉन्ड के जरिए बीजेपी को 1294.1499 करोड़ रुपये, कांग्रेस को 171.02 करोड़ रुपये और आप को 45.45 करोड़ रुपये का चंदा मिला। वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान, 6 राष्ट्रीय दलों ने दान/योगदान से कुल 1033.7197 करोड़ रुपये की आय प्राप्त करने की घोषणा की। वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान राष्ट्रीय दलों द्वारा आय के अन्य स्रोतों से 532.5424 करोड़ रुपये की आय अर्जित की गई।
एडीआर की टिप्पणियाँ
- आप, बसपा, एनपीईपी, कांग्रेस और भाजपा पार्टियों ने अपनी ऑडिट रिपोर्ट 5 दिन से 72 दिन की देरी से सौंपी।
- वित्त वर्ष 2022-23 के लिए राष्ट्रीय दलों के लिए व्यय की सबसे आम और लोकप्रिय वस्तुएँ चुनाव व्यय और प्रशासनिक/सामान्य व्यय हैं।
- एडीआर के आरटीआई आवेदन के जवाब में भारतीय स्टेट बैंक द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2022-23 में पार्टियों द्वारा 2797.3569 करोड़ रुपये के चुनावी बांड भुनाए गए। इसका 54 फीसदी (1510.6199 करोड़ रुपये) राष्ट्रीय पार्टियों ने भुनाया है।
- तीन राष्ट्रीय दलों अर्थात् भाजपा, कांग्रेस और आप ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए चुनावी बांड के माध्यम से अपनी कुल आय का 49.096 फीसदी (1510.6199 करोड़ रुपये) दान से एकत्र किया। चुनावी बॉन्ड के जरिए बीजेपी को 1294.1499 करोड़ रुपये, कांग्रेस को 171.02 करोड़ रुपये और आप को 45.45 करोड़ रुपये का चंदा मिला।
चुनावी बांड सबसे लोकप्रिय तरीका
दानदाताओं को प्रदान की गई गुमनामी को देखते हुए, यह देखा गया कि वित्त वर्ष 2021-22 के लिए भी चुनावी बांड राष्ट्रीय राजनीतिक दलों के लिए दान का सबसे लोकप्रिय तरीका बनकर उभरा। केवल चार राष्ट्रीय दलों (बीजेपी, कांग्रेस, एनसीपी और तृणमूल कांग्रेस) को चुनावी बांड (1811.9425 करोड़ रुपये) के माध्यम से दान प्राप्त हुआ है, जिसमें दानकर्ता की पहचान जनता के सामने प्रकट नहीं की जाती है। जिन क्षेत्रीय दलों ने अपनी ऑडिट रिपोर्ट जमा की है, उनमें से 10 क्षेत्रीय दलों (डीएमके, बीजेडी, बीआरएस, वाईएसआर-कांग्रेस, जेडीयू, एसपी, आप, एसएडी, एमजीपी और टीडीपी) ने 2021-22 में चुनावी बांड के माध्यम से 852.88 करोड़ रुपये का चंदा प्राप्त करने की घोषणा की है।
वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान, 6 राष्ट्रीय पार्टियों में से केवल 2 पार्टियों (कांग्रेस - 125.7676 करोड़ रुपये और सीपीआई (एम) - 11.031 करोड़ रुपये) ने कूपन की बिक्री से 136.7986 करोड़ रुपये की कुल आय प्राप्त करने की घोषणा की।