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Lok Sabah Election 2024: उत्तर प्रदेश पर टिकी हैं एक बार फिर देश की निगाहें

Lok Sabah Election 2024: अबकी बार चार सौ पार का सपना साकार होता है या फिर विपक्षी दलों का गठबन्धन राजग का रास्ता रोकने में सफल हो जाएगा

Jyotsna Singh
Published on: 2 Jun 2024 7:19 AM GMT
Lok Sabah Election ( Social Media Photo)
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Lok Sabah Election ( Social Media Photo)

Lok Sabah Election 2024: आजादी के बाद से देश में जब कभी भी लोकसभा के चुनाव हुए हैं तो देश भर की निगाहें उत्तर प्रदेश पर अटकी रही हैं। एक बार फिर देश में हो रहे चुनाव के अंतिम चरण के मतदान के बाद भले ही चुनाव परिणाम चार जून को आने वाले हों पर भाजपा नेताओं को यूपी के चुनाव परिणाम का ही आसरा है। अब देखना है कि भाजपा का यूपी में अस्सी सीट जीतकर, अबकी बार चार सौ पार का सपना साकार होता है या फिर विपक्षी दलों का गठबन्धन राजग का रास्ता रोकने में सफल हो जाएगा।

राजग के लिए दस साल के कार्यकाल की मोदी की विश्वसनीयता मुद्दा छाया रहा तो विपक्ष के निशाने पर भी मोदी हो रहे। पक्ष और विपक्ष के छोटे से बड़े नेताओं की जुबान पर मोदी ही रहे। ऐसे में बहुमत का कोई भी आंकड़ा भाजपा के लिए ऐतिहासिक साबित होगा, क्योंकि पूर्व में लगातार तीन बार प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का रिकार्ड की बराबरी का करने का यह बेहतरीन मौका है।


देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के 12 मौजूदा केंद्रीय मंत्रियों की किस्मत का फैसला भी उत्तर प्रदेश की जनता के हाथों होना तय होना है। मौजूदा लोकसभा चुनाव में भाजपा के लिये यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने खूब पसीना बहाया है। उन्होने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत उत्तर प्रदेश से चुने गए केंद्र के 12 मंत्रियों को फिर से जिताने की अपील की तो अपने भी चार मंत्रियों का हाथ थामकर उनके ‘दिल्ली जाने का मार्ग भी सरल किया।

इंडिया समूह के लिये प्रदेश में मुख्य विपक्षी दल सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कमान संभाली और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ मिलकर जम कर चुनाव प्रचार किया। लोकसभा चुनाव में इंसानी वजूद के लिये जरुरी गरीबी उन्मूलन, शिक्षा, पर्यावरण, संरक्षण, भूजल संरक्षण, वायु एवं जल प्रदूषण जैसे ज्वलंत मुद्दों पर कोई भी दल चर्चा को तैयार नहीं था लेकिन सभी ने धर्म और जातिगत राजनीति का सहारा लेते हुए संविधान में बदलाव की बात कर मतदाताओं को डराया।


हर चुनाव की तरह इस बार भी चुनाव से पहले दल बदलने की प्रक्रिया जोर शोर से चली। पिछले पांच साल एक दूसरे पर जमकर लांछन लगाने और कीचड़ उछालने वाले राजनीतिक दल और नेता मौके की नजाकत को भांपते हुये विचारधारा और समाज की दुहाई देते हुये एक दूसरे के गले मिलते नजर आये।

योगी आदित्यनाथ ने शीर्षस्थ नेताओं के लिए कई रैली सम्मेलन व संवाद कार्यक्रम किया। इसके साथ ही अमेठी से स्मृति ईरानी जालौन से भानु प्रताप सिंह वर्माॉ आगरा से प्रो. एसपी सिंह बघेल वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी को महराजगंज, चंदौली से डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय, मीरजापुर से अनुप्रिया पटेल, मुजफ्फरनगर से संजीव बालियान, लखीमपुर खीरी से अजय मिश्र टेनी, मोहनलालगंज से कौशल किशोर और फतेहपुर से साध्वी निरंजन ज्योति फिर से जनता के बीच उतरीं।


राजग से उत्तर प्रदेश के आठ विधायक चुनावी समर में उतरे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन सभी के लिए खूब रैली की। योगी सरकार के मंत्री व मैनपुरी से विधायक जयवीर सिंह को मैनपुरी लोकसभा से टिकट दिया गयाॉ वहीं खैर से विधायक व मंत्री अनूप प्रधान वाल्मीकि को हाथरस लोकसभा सीट से मैदान में उतारा गया है। फूलपुर से विधायक प्रवीण पटेल को फूलपुर लोकसभा गाजियाबाद से विधायक अतुल गर्ग को गाजियाबाद लोकसभाॉ निषाद पार्टी के मझवां से विधायक विनोद कुमार बिंद को भदोही लोकसभा नहटौर से विधायक ओम कुमार को नगीना लोकसभाॉ मीरापुर से विधायक चंदन चौहान (रालोद) को बिजनौर लोकसभा और छानबे से विधायक रिंकी कोल (अपना दल एस) को राबर्टसगंज लोकसभा सीट से उतारा गया।


इन सभी के लिए योगी आदित्यनाथ ने कई बार रैली व जनसभा कर इनके दिल्ली जाने का मार्ग सरल किया है। योगी सरकार के चार मंत्री भी लोकसभा चुनाव में मैदान में उतरे। इनमें से जितिन प्रसाद को पीलीभीत, जयवीर सिंह को मैनपुरी, अनूप प्रधान को हाथरस और दिनेश प्रताप सिंह को रायबरेली से मैदान में उतारा गया। इसमें से जयवीर सिंह व अनूप प्रधान विधानसभा सदस्य है। जबकि दिनेश प्रताप सिंह और जितिन प्रसाद विधान परिषद सदस्य हैं। इन दोनों के अलावा भारतीय जनता पार्टी ने सदस्य विधान परिषद साकेत मिश्र को श्रावस्ती लोकसभा सीट से अपना उम्मीदवार घोषित किया है। वहीं राज्यसभा सांसद नीरज शेखर को इस बार भाजपा ने बलिया सीट से उतारा गया।


सातवें चरण में बलिया में नीरज शेखर तथा वाराणसी से पीएम मोदी के अलावा पहले चरणों में लखनऊ से रक्षामंत्री राजनाथ सिंह अमेठी से स्मृति ईरानी जालौन से भानु प्रताप सिंह वर्मा आगरा से प्रो. एसपी सिंह बघेल महराजगंज से पंकज चौधरी चंदौली से डॉ. महेंद्र नाथ पांडेयॉ मीरजापुर से अनुप्रिया पटेल, मुजफ्फरनगर से संजीव बालियान, लखीमपुर खीरी से अजय मिश्र टेनी मोहनलालगंज से कौशल किशोर और फतेहपुर से साध्वी निरंजन ज्योति फिर चुनाव मैदान में जोर दार टक्कर लेने का ककाम किया। । यूपी सरकार के चार मंत्री जितिन प्रसाद पीलीभीत जयवीर सिंह मैनपुरी अनूप प्रधान हाथरस और दिनेश प्रताप सिंह रायबरेली सीट से लड़़ रहे चुनाव राज्यसभा सदस्य नीरज शेखर व विधान परिषद सदस्य साकेत मिश्र के अलावा राजग के आठ विधायक भी चुनाव मैदान में उतरे हैं।


इस बार के लोकसभा चुनाव में पहले की तरफ न सत्ता विरोधी लहर दिखी न 2019 की लोकतुभावन योजनाओं और सर्जिकल स्ट्राइक जैसे बाहरी मुद्दे ऐतिहासिक रहे है जबकि इस बार विपक्ष ने अपनी पूरी शक्ति लगा दी।इस बार के लोकसभा चुनाव प्रचार अभियान के दौरान अबकी बार 400 पार खूब चला। शुरुआती दौर में इस बार 400 पार के नारे ने विपक्ष के मनोबल को तो ध्वस्त कर दिया लेकिन फिर विपक्ष को यह आरोप लगाने का मौका भी दिया कि भाजपा सत्ता में आई तो संविधान बदल देगी।

Shalini Rai

Shalini Rai

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