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Lok Sabha Election: हर चरण में मतदाताओं को लुभाता रहा है मोदी का राशन और योगी का शासन
Lok Sabha Election: यहां राम मंदिर के नाम पर तो धर्म चला, लेकिन राशन और शासन के मुद्दे पर जाति और धर्म की सभी सीमाएं टूट गयीं
Lok Sabha Election: चुनावी महाभारत के अंतिम चरण के मुकाबले की घड़ी आने वाली है। एक जून को इस चरण के मतदान के बाद फिर इंतजार 4 जून को इसके परिणाम पर रहेगा। पर इन सभी चरणो के चुनाव में विपक्षी दलों के कई तरह के आरोपों के बाद भी भाजपा नेताओं ने 'मोदी का राशन और योगी का शासन' के दम पर मतदातातों को लुभाने का खूब प्रयास किया है। अब उनका यह प्रयास कितना सफल होता है यह तो चुनाव परिणामों के बाद ही तय हो पाएगा।
अठारहवीं लोकसभा के चुनाव में इस बार विपक्ष के सारे आरोपों-प्रत्यारोपों पर मोदी का राशन, योगी का शासन और अयोध्या में रामलला का मिला आसन भारी पड़ रहा है। इस बार के चुनाव में नेता से ज्यादा मतदाता अपना दिमाग लगा रहे हैं। मतदाताओं की खामोशी ने विपक्ष हो या सत्तारूढ़ दल सभी की पेशानी पर बल डाल दिया है। हालांकि इस बार के चुनाव में मोदी सरकार द्वारा देश की अस्सी करोड़ जनता को दिया जाने वाला मुफ्त राशन और मुख्यमंत्री योगी का भयमुक्त शासन अन्य सभी मुद़दों पर अभी तक भारी दिखा है। महिलाओं ने एकतरफा भाजपा के पक्ष में मतदान किया है। यहां राम मंदिर के नाम पर तो धर्म चला, लेकिन राशन और शासन के मुद्दे पर जाति और धर्म की सभी सीमाएं टूट गयीं।
लोकसभा चुनाव में पांच चरणों के चुनाव हो चुके हैं। हर चरण में अनके मुद्दे सतह पर आये और अगला चरण आते-आते पीछे हो गये। कभी पाकिस्तान का मुद्दा छाया, कभी 370 का तो कभी पश्चिम बंगाल। जो राम को लाये हैं, हम उनको लायेंगे के बाद विपक्ष आया तो राममंदिर पर बुलडोजर चलायेगा की बात हुयी। भ्रष्ट्राचार, संविधान बदलने और आरक्षण समाप्त करने पर आरोप-प्रत्यारोप, विकास, रामभक्त और रामद्रोही, रामलला को वापस टेन्ट में भेजने। राममंदिर पर बुलडोजर चलवाने, ऐसे ही ना जाने कितने मुद्ïदे आये और समाप्त भी हो गये।अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण का मुद्दा रामभक्तों की आस्था का केन्द्र बना हुआ है। पांच सौ वर्षों बाद राममंदिर निर्माण होना और मंदिर में रामलला के विराजमान होने से जनता का एक वर्ग खासा खुश है। उसके लिए- जो राम को लाये हैं, हम उनको लायेंगे, ही है बाकी सब मुद्दे गौड़ हैं।
मंदिर-मस्जिद से भी ज्यादा काम कर रहा है फ्री राशन। जिससे पूरे-पूरे परिवार पल रहे हैं। अगले पांच साल तक फ्री राशन जारी रहेगा, इसने ग्रासरूट पर भाजपा के पक्ष में काम किया है। इस राशन ने परिवार की महिलाओं को निश्चिन्त किया है। जाति-धर्म से अलग समाज के एक बड़े वर्ग को राशन मिलने से उसके जीवन की बड़ी मुश्किलें हल हुयी हैं। कोरोनाकाल में मिला यही राशन उसके जीवन का आधार बना और आज भी सैकड़ों परिवार इसी पर जीवनयापन कर रहे हैं। मोदी सरकार की इस योजना ने भाजपा के पक्ष में एक बड़ा वोट बैंक स्वत: ही तैयार किया है।
मोदी सरकार बराबर दावा करती आई है कि हमने मुफ्त राशन की योजना चलायी, जिससे गरीब परिवारों का चूल्हा जलता है। उज्जवला का सिलेण्डर और अब पाइप से गैस, नल से जल-जो कभी गरीब का सपना हुआ करता था उसे साकार होते देख महिलाओं का एक बड़ा वर्ग भाजपा के पाले में खड़ा है। पहले चरण से लेकर छठवें चरण तक वोट पड़ चुके है और अब सातवें और अंतिम चरण के मतदान तक भाजपा नेता हर चुनावी सभा में इन्ही बातों का बखान करते नजर आ रहें हैं।
तीसरे नम्बर पर सबसे ज्यादा अगर किसी मुद्दे पर समाज का हर वर्ग संतुष्ट हैं तो वह है उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का शासन। योगी के शासन से महिलाएं-युवतियां, उद्योगपति से लेकर समाज का एक बड़ा वर्ग संतुष्ट दिखाई दे रहा है।सबसे बड़ी वजह है कि अब योगी के राज में गुण्डों की जगह जेल में हैं। माफिया-बाहुबली तो अब बचे ही नहीं। जो बचे भी हैं वे भय ग्रस्त होकर शांत बैठे हैं। पहले प्रदेश की कानून व्यवस्था का यह आलम था कि उद्योगपति यहां आने से डरते थे। गुण्डा टैक्स की वसूली के चलते उद्योगपति दूसरे राज्यों का रुख करते थे, लेकिन अब समय पूरी तरह से बदल गया है। महिला सुरक्षा पर योगी सरकार का विशेष ध्यान है। कहा जा सकता है कि पहले के मुताबिक महिला अपराध और हिंसा पर 100% कन्ट्रोल तो नहीं बल्कि इसमें कमी जरूर आई है। योगी की सरकार में उत्तर प्रदेश दंगा, गुंडागर्दी, माफियाराज तथा भ्रष्टाचार से मुक्त हुआ है। बहन, बेटियां, घर, खेत खलिहान सुरक्षित हुए है। प्रदेश की छवि दंगा प्रदेश से उत्सव प्रदेश में बदल चुकी है। कानून-व्यवस्था जनता के लिए एक हमेशा से अहम मुद्दा रहता है और इस चुनाव में भी है। उत्तर प्रदेश में चुनाव के दौरान मिली प्रक्रियाओं में योगी सरकार की कार्यप्रणाली से जनता खासी संतुष्ट दिखाई दी है। जिससे यह बात स्पष्ट होती है कि वह प्रदेश की कानून व्यवस्था के नाम पर भाजपा के कमल को खिलाने जा रही है।