×

Lok Sabha Election: कच्चाथीवू से कांग्रेस-डीएके हुई असहज! पीएम मोदी बोले- इनकी उदासीनता से हुआ नुकसान

Lok Sabha Election: कच्चाथीवू मुद्दा अभी तक दक्षिण भारत की राजनीति विशेष रूप से गर्माया था, लेकिन पीएम मोदी ने इसको दक्षिण भारत से बाहर निकालकर राष्ट्रव्यापी मुद्दा बना दिया है और लगातार इस मुद्दे पर कांग्रेस और डीएमके को घेर रहे हैं।

Viren Singh
Published on: 1 April 2024 10:08 AM IST (Updated on: 1 April 2024 10:34 AM IST)
Lok Sabha Election: कच्चाथीवू से कांग्रेस-डीएके हुई असहज! पीएम मोदी बोले- इनकी उदासीनता से हुआ नुकसान
X

PM modi Lok Sabha Election 2024: उत्तर प्रदेश के जिले मेरठ से रविवार को भाजपा का लोकसभा चुनाव 2024 का चुनावी शंखनदा करते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्षीय दलों के नेताओं के खिलाफ आक्रामक रुख अख्तियार कर लिया है। पीएम मोदी विपक्ष को घेरने के लिए कोई भी मुद्दा हाथ से दूर नहीं जाना चाहते हैं। प्रधानमंत्री कल रैली में भ्रष्टाचार और परिवारवाद जैसे कई मुद्दों पर इंडिया गठबंधन को घेरा ही आज वह कच्चाथीवू मामले पर दक्षिण भारत के तमिलनाडु सत्ताधारी दल डीएमके को आड़े हाथों लिया और यह तक कह दिया है कि कांग्रेस और डीएमके पारिवारिक इकाइयां है।

पीएम ने बनाया राष्ट्रीय मुद्दा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार कच्चाथीवू का मुद्दा उठाते हुए इंडिया गठबंधन में शामिल दल डीएमके और कांग्रेस पार्टी हमलावार हैं। आज के ट्विट से पहले पीएम मोदी ने कल मेरठ की रैली में भी कच्चाथीवू का मुद्दा का नार्थ इंडिया क्षेत्र में उठाया था, जो कि अपने आप में एक बड़ी बात है, क्योंकि नार्थ इंडिया में शादय ही कोई ऐसा शख्स होगा जो कच्चाथीवू के मुद्दा से वाकिफ होगा, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मुद्दे को दक्षिण भारत से निकालकर पूरे देश में ले जाने का मान बना चुके हैं और यह बताने की कोशिश कर रहे हैं कि कांग्रेस ने अपने शासनकाल में क्या क्या भूल की है।

डीएमके ने तमिल के हितों के लिए कुछ नहीं किया

चुनावी शंखनदा करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उसकी अगली सुबह यानी सोमवार को एक्स पर एक पोस्ट लिखा। यह पोस्ट कच्चाथीवू मुद्दे को लेकर था। पीएम मोदी ने कह कि कच्चाथीवू पर सत्ताधारी दल डीएमके बयानबाजी के अलावा कुछ नहीं है। उसने तमिलनाडु के हितों की रक्षा के लिए कुछ भी नहीं किया है। कच्चातिवू पर सामने आए नए विवरणों ने डीएमके के दोहरे मानकों को पूरी तरह से उजागर कर दिया है।

इनको किसी की नहीं परवाह

पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस और डीएमके पारिवारिक इकाइयां हैं। उन्हें केवल इस बात की परवाह है कि उनके अपने बेटे और बेटियां आगे बढ़ें, उन्हें किसी और की परवाह नहीं है। कच्चाथीवू पर उनकी उदासीनता ने विशेष रूप से हमारे गरीब मछुआरों और मछुआरे महिलाओं के हितों को नुकसान पहुंचाया है।

इस मुद्दे पर कांग्रेस-डीएमके असहज

कच्चाथीवू मुद्दा अभी तक दक्षिण भारत की राजनीति विशेष रूप से गर्माया था, लेकिन पीएम मोदी ने इसको दक्षिण भारत से बाहर निकालकर राष्ट्रव्यापी मुद्दा बना दिया है और लगातार इस मुद्दे पर कांग्रेस और डीएमके को घेर रहे हैं। लोकसभा चुनाव सिर पर है, ऐसे में फिर से कच्चाथीवू का जींन बाहर आने से तमिलनाडु में सत्तासीन डीएमके को असहज कर रहा है। वह खुद इस द्वीप का मुद्दा उठाती रही है और इस चुनाव में वह उसी कांग्रेस के साथ चुनाव मैदान में है। कांग्रेस की नीतियों की वजह से कच्चाथीवू द्वीप भारत से निकलकर श्रीलंका के पास चला गया।

क्या है कच्चाथीवू द्वीप विवाद?

बता दें कि कच्चाथीवू द्वीप आजादी से पहले भारत के हिस्से में था। श्रीलंका इस द्वीप पर लगातार अपना दावा ठोकता रहा। साल 1974 में भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और श्रीलंका की तत्कालीन राष्ट्रपति श्रीमावो भंडारनायके के बीच कच्चाथीवू द्वीप को लेकर दो बैठके हुईं। इसके बाद यह फैसला लिया गया कि कच्चाथीवू द्वीप औपचारिक रूप से श्रीलंका को सौंप दिया जाए, तब इस द्वीप पर श्रीलंका का औपचारिक रूप से कब्जा है। यह द्वीप रामेश्वरम से करीब 19 किलोमीटर दूर है।



Viren Singh

Viren Singh

पत्रकारिता क्षेत्र में काम करते हुए 4 साल से अधिक समय हो गया है। इस दौरान टीवी व एजेंसी की पत्रकारिता का अनुभव लेते हुए अब डिजिटल मीडिया में काम कर रहा हूँ। वैसे तो सुई से लेकर हवाई जहाज की खबरें लिख सकता हूं। लेकिन राजनीति, खेल और बिजनेस को कवर करना अच्छा लगता है। वर्तमान में Newstrack.com से जुड़ा हूं और यहां पर व्यापार जगत की खबरें कवर करता हूं। मैंने पत्रकारिता की पढ़ाई मध्य प्रदेश के माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्विविद्यालय से की है, यहां से मास्टर किया है।

Next Story