×

TRENDING TAGS :

Election Result 2024

Lok Sabha Election 2024: इलाहाबाद लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र

Lok Sabha Election 2024: इलाहाबाद लोकसभा सीट की खासियत यह है कि यहां से हमेशा से राजनीति के दिग्गजों में चुनावी भिड़ंत होती रही

Neel Mani Lal
Published on: 24 May 2024 6:39 AM GMT
Lok Sabha Election 2024
X

Lok Sabha Election 2024

क्षेत्र की खासियत

- इलाहबाद, अब प्रयागराज जिला गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों के संगम पर बसा हुआ है। संगम स्थल को त्रिवेणी भी कहते हैं और यह स्थल हिंदुओं के लिए बेहद पवित्र माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि सृष्टिकर्ता ब्रह्मा ने सृष्टि का काम पूरा होने पर अपना पहला यज्ञ यहीं पर किया था।

- इस धार्मिक स्थली के अधिष्ठाता भगवान विष्णु खुद हैं और वे यहां माधव रूप में विराजमान हैं।

- महाकुंभ की चार स्थलियों में से एक प्रयागराज भी है, शेष तीन स्थल हैं उज्जैन, नासिक और हरिद्वार।

- 1575 में सामरिक महत्व को देखते हुए मुग़ल बादशाह अकबर ने इस क्षेत्र का नाम इलाहाबाद कर दिया, जिसका अर्थ है अल्लाह का शहर।

- लंबे समय के लिए यह शहर मुगलों की प्रांतीय राजधानी हुआ करती थी लेकिन बाद में यह मराठाओं के कब्जे में आ गया।

- यह शहर शिक्षा नगरी और कैम्ब्रिज ऑफ़ द ईस्ट के नाम से भी जाना जाता है। इलाहाबाद यूनिवर्सिटी चौथा सबसे पुराना विश्वविद्यालय है।


विधानसभा क्षेत्र

- इलाहाबाद संसदीय क्षेत्र में कुल पांच विधानसभा सीटें हैं - मेजा, करछना, इलाहाबाद दक्षिण, बारा और कोरांव। बारा और कोरांव सीट अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित हैं। 2022 के विधानसभा चुनाव में मजा सीट समाजवादी पार्टी ने, बारा सीट अपना दल ने और अन्य सीटें भाजपा ने जीतीं।


जातीय समीकरण

- इलाहाबाद सीट पर ब्राह्मण हमेशा से ही राजनीति की दिशा तय करते रहे हैं। यही वजह है कि इस सीट पर अब तक अगड़ी जाति के नेता ही सांसद चुने जाते रहे हैं। इस क्षेत्र में सवा अठारह लाख से अधिक मतदाता हैं। ब्राह्मणों और मल्लाहों के छह लाख से अधिक मतदाता, करीब दो लाख पटेल, तीन लाख अनुसूचित तथा कोल और करीब तीन लाख मुस्लिम एवं यादव मतदाता हैं।


राजनीतिक इतिहास और पिछले चुनाव

- इलाहाबाद लोकसभा सीट की खासियत यह है कि यहां से हमेशा से राजनीति के दिग्गजों में चुनावी भिड़ंत होती रही। हेमवती नंदन बहुगुणा, छोटे लोहिया के नाम से मशहूर जनेश्वर मिश्र, मंडल के मसीहा विश्वनाथ प्रताप सिंह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे मुरली मनोहर जोशी प्रयागराज सीट से सांसद रहे। 1984 में राजीव गांधी ने अपने मित्र अभिनेता अमिताभ बच्चन को चुनाव मैदान में उतारा और उनके सामने हेमवती नंदन बहुगुणा जैसे दिग्गज नहीं टिक सके।

- इलाहाबाद लोकसभा सीट पर अब तक 16 बार लोकसभा चुनाव और 3 बार उपचुनाव हुए हैं। यहाँ शुरुआत में 1952 से लेकर 1971 तक कांग्रेस का कब्जा रहा।

- 1952 में पहली बार हुए लोकसभा चुनाव में स्वतंत्रता सेनानी श्रीप्रकाश कांग्रेस के टिकट पर सांसद चुने गए। उसी साल के उपचुनाव में स्वतंत्रता सेनानी पुरुषोत्तम लाल टंडन विजयी रहे।

- इसके बाद लाल बहादुर शास्त्री ने 1957 और 1962 में जीत हासिल की।

- 1967 में कांग्रेस के हरिकृष्ण शास्त्री और 1971 में हेमवती नंदन बहुगुणा सांसद चुने गए।

- 1977 के चुनाव में भारतीय क्रांति दल के टिकट पर समाजवादी नेता जनेश्वर मिश्र जीते।

- 1980 के चुनाव में वीपी सिंह कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते।

- 1984 में अमिताभ बच्चन कांग्रेस के टिकट पर यहां से सांसद बने।

- 1988 के उपचुनाव में वीपी सिंह ने बतौर निर्दलीय प्रत्याशी जीत हासिल की।

- 1989 के चुनाव में जनता दल से जनेश्वर मिश्र जीते।

- 1991 में फिर हुए चुनाव में जनता दल के सरोज यादव ने जीत हासिल की।

- भाजपा का पहली बार खाता 1996 में खुला जब मुरली मनोहर जोशी विजय रहे। उन्होंने लगातार तीन बार जीत हासिल की।

- 2004 और 2009 में समाजवादी पार्टी के रेवती रमण सिंह जीते।

- 2014 में यह सीट भाजपा एक बार फिर जीतने में कामयाब रही और श्याम चरण गुप्ता ने जीत हासिल की।

- 2019 के चुनाव में भाजपा की रीता बहुगुणा जोशी ने जीत हासिल की थी।


इस बार के उम्मीदवार

- इस बार के चुनाव में भाजपा ने नीरज त्रिपाठी को मैदान में उतारा है जबकि इंडिया अलायन्स के तहत कांग्रेस ने उज्ज्वल रमण सिंह को टिकट दिया है। इसके अलावा बसपा ने रमेश पटेल को मैदान में उतारा है



Shalini singh

Shalini singh

Next Story