TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

Lok Sabha Election 2024: एटा सीट पर SP-BJP के बीच जोरदार लड़ाई, मतदाताओं के बीच है नाराजगी

Lok Sabha Election 2024: एटा लोकसभा सीट पर सपा तथा भाजपा के बीज सीधी लड़ाई होती नजर आ रही है, क्योंकि भाजपा से शाक्य मतदाता किनारा करने का मन बना चुके हैं।

Sunil Mishra
Published on: 27 April 2024 2:19 PM IST
Lok Sabha Election 2024
X
सांकेतिक तस्वीर (Pic: Social Media)

Lok Sabha Election 2024: उत्तर प्रदेश की एटा लोकसभा सीट पर इस बार भाजपा तथा सपा के बीच सीधा मुकाबला होते नजर आ रहा है। एटा लोकसभा सीट पर अभी तक भाजपा के पक्ष में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य तथा सपा के पक्ष में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव जनसभा कर चुके हैं। वहीं, कासगंज जनपद में भाजपा के वरिष्ठ नेता अमित शाह की 28 अप्रैल को जनसभा की भी सूचना है। सपा मुखिया अखिलेश यादव की भी 29 अप्रैल को मुख्यालय पर दूसरी जनसभा की तैयारी है।

शाक्य मतदाता बीजेपी से कर रहे किनारा

एटा लोकसभा सीट पर सपा तथा भाजपा के बीज सीधी लड़ाई होती नजर आ रही है, क्योंकि भाजपा से शाक्य मतदाता किनारा करने का मन बना चुके हैं। एटा लोकसभा सीट पर भाजपा के काद्दावर नेता पूर्व मुख्यमंत्री बाबू कल्याण सिंह के पुत्र राजवीर सिंह उर्फ राजू भैया लगातार दो बार भाजपा से सांसद रह चुके हैं तथा तीसरी बार चुनाव मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे है। इससे पूर्व उनके पिता बाबू कल्याण सिंह भी एटा से सांसद रह चुके हैं। राजवीर सिंह के लगातार 10 वर्षों के कार्यकाल से भाजपा समर्थक तथा स्वयं भाजपा, कार्यकर्ताओं की नाराजगी भी इस बार खुलकर सामने आती दिख रही है। इसके अलावा ब्राह्मण, ठाकुर, वैश्य आदि समाज की उपेक्षा के चलते तथा भाजपा प्रत्याशी के जनसंपर्क में न रहने से भी खासे नाराज नजर आ रहे हैं। लोगों का कहना है कि अगर हमें कभी कोई काम पड़ता है तो हमारे सांसद हमें मिलते ही नहीं है हमें ऐसा नेता चाहिए जो हमारे सुख-दुख में साथ हो।

रूठों को मनाने में जुटे भाजपा प्रत्याशी

वहीं, भाजपा प्रत्याशी राजू भैया अपने पूरे परिवार के साथ रूठों को मनाने में जुटे हुए हैं। ब्राह्मण समाज की नाराजगी के पीछे की एक अलग कहानी है, जिसमें ब्राह्मण समाज द्वारा जनपद की राजनीति में ब्राह्मणों को वरीयता न देने, समाज की ब्राह्मण जिला अध्यक्ष की मांग को न मानने, ब्राह्मणों का उत्पीड़न होने की कई कहानियाँ हैं।

बीजेपी प्रत्याशी से नाराज हैं ब्राम्हण

ब्राह्मण नेता राकेश कुमार ने बताया की जब हम किसी कार्य से किसी भी भाजपा नेता के पास जाते हैं तो वह हमारी नहीं सुनते नहीं है। भाजपा वाले ब्राह्मणों से सिर्फ वोट लेना जानते हैं जो इस बार उन्हें नहीं मिलेगा। जो ब्राह्मण की बात सुनेगा वोट उसी को मिलेगा। वहीं, क्षेत्रीय भ्रमण करने पर क्षत्रिय समाज तथा वैश्य समाज की भी भाजपा प्रत्याशी से खासी नाराजगी देखने को मिल रही है। लोगों का कहना था की राजू भैया एटा के नहीं कासगंज के सांसद हैं, बीते 10 सालों में जनपद में विकास कम गुटबन्दी की राजनीति हुईं हैं। राजू भैया सिर्फ चुनाव में ही नजर आते है, बाकी दिनों में तो वह कब आते हैं और कब चले जाते हैं, किससे मिलते हैं किसी को पता ही नहीं चलता।

मतदाता ठाकुर विजेंद्र सिंह ने बताया कि भाजपा सांसद एटा की जनता के साथ छल कर रहे हैं। एटा में विकास के नाम पर सिर्फ ढांचे खड़े हैं, जिससे जनता को कोई लाभ नहीं हो पा रहा है। सालों से कई प्रमुख मार्ग टूटे पड़े हैं अब तो एटा की पहचान टूटी सड़कों से भी होने लगी है। पुलिस प्रशासन की स्थिति भी अच्छी नहीं है। पीड़ितों को न्याय नहीं मिल पा रहा, शिकायत करने पर मामला सिर्फ जांच तक ही रहता है। मुकदमा तक दर्ज नहीं होता है। ग्राम लभैंटा निवासी एक पीड़ित ने बताया कि लोग हमारे घर पर चढ़कर आये और पुलिस ने हमारा मुकदमा तक दर्ज नहीं किया।

इस बार एटा की यादव बाहुल्य सीट पर किसी भी यादव के न होने से समीकरण कुछ अलग ही हो गए हैं। एक ओर भाजपा प्रत्याशी से मतदाताओं तथा पार्टी कार्यकर्ताओं की नाराजगी नुकसान पहुंचती दिख रही है। वहीं, दूसरे प्रत्याशी को इस मतदाताओं की गुस्सा का लाभ मिलता नजर आ रहा है। सपा के शाक्य समाज के प्रत्याशी देवेश शाक्य के मैदान में आ जाने से सबका रुझान सपा की ओर होने से समीकरण और ज्यादा गड़बड़ा गए हैं।

भाजपा से नाराज शाक्य समाज द्वारा इस बार खुलकर सपा प्रत्याशी को समर्थन दिए जाने का ऐलान करने से भाजपा की हालत पतली हो गई है, क्योंकि अभी तक भाजपा की जीत में लोधी जाट समाज का एक मुस्त वोट मिलने से वह बढ़त में रहते थे, किंतु इन दोनों की अलग होने से स्थितियां बदली नजर आने लगी है। उनकी जीत इस बार आसान नजर नहीं आ रही ।

क्षेत्रीय मतदाताओं का कहना है कि राजनीतिक पार्टियों के बड़े नेताओं को एटा तथा कासगंज जनपद में कोई भी ऐसा नेता नजर नहीं आता जो इस लोकसभा का चुनाव लड़ सके, सिर्फ बसपा ने एटा से मोहम्मद इरफान को अपना टिकट देकर मैदान मैं उतारा है। ऐसा नहीं है कि अन्य प्रत्याशी मैदान में नहीं है पूरे 10 प्रत्याशी मैदान में है लेकिन वह हराने जिताने की बाजी तक ही नजर आ रहे हैं। ऐसे प्रत्याशियों ने भाजपा तथा सपा के प्रत्याशियों की धड़कन बढ़ा दी है। मुस्लिम प्रत्याशी भाजपा तथा सपा प्रत्याशी की जीत में बाधा बनते नजर आ रहे हैं।

ये प्रत्याशी हैं मैदान में

एटा लोकसभा सीट पर भाजपा ने अलीगढ़ के राजू भैया, सपा ने औरैया के देवेश शाक्य तथा बसपा ने मोहम्मद इरफान एडवोकेट को मैदान में उतारा है। वहीं, किसान नेता भानु प्रताप सिंह की किसान क्रांति पार्टी से एटा के ही ब्राह्मण प्रत्याशी को चुनाव मैदान में उतारा है।



\
Jugul Kishor

Jugul Kishor

Content Writer

मीडिया में पांच साल से ज्यादा काम करने का अनुभव। डाइनामाइट न्यूज पोर्टल से शुरुवात, पंजाब केसरी ग्रुप (नवोदय टाइम्स) अखबार में उप संपादक की ज़िम्मेदारी निभाने के बाद, लखनऊ में Newstrack.Com में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। भारतीय विद्या भवन दिल्ली से मास कम्युनिकेशन (हिंदी) डिप्लोमा और एमजेएमसी किया है। B.A, Mass communication (Hindi), MJMC.

Next Story