Loksabha Election 2024: यूपी में चौथे चरण में का चुनाव कल, अखिलेश यादव और अजय मिश्रा टेनी की साख दांव पर

Loksabha Election 2024: लोकसभा चुनाव के चौथे चरण में यूपी के 13 सीटों पर सोमवार यानी की 13 मई को मतदान होगा। इन 13 सीटों पर अपनी किस्मत आजमा रहे कुल 130 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला 2.47 करोड़ मतदाता करेंगे।

Sandip Kumar Mishra
Published on: 12 May 2024 1:05 PM GMT
Loksabha Election 2024: यूपी में चौथे चरण में का चुनाव कल, अखिलेश यादव और अजय मिश्रा टेनी की साख दांव पर
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Loksabha Election 2024: लोकसभा चुनाव के चौथे चरण में यूपी के 13 सीटों पर सोमवार यानी की 13 मई को मतदान होगा। इस चरण में अकबरपुर, बहराइच, धौराहरा, इटावा, खीरी फर्रूखाबाद, हरदोई ,कन्नौज, कानपुर, मिश्रिख, शाहजहांपुर, सीतापुर और उन्नाव सीट पर चुनाव होना है। इन 13 सीटों पर अपनी किस्मत आजमा रहे कुल 130 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला 2.47 करोड़ मतदाता करेंगे। चौथे चरण का चुनाव इसलिए भी दिलचस्प है कि क्योंकि सपा प्रमुख अखिलेश यादव खुद कन्नौज से मैदान में उतरें हैं। यहां से उनके खिलाफ में भाजपा के सुब्रत पाठक चुनावी रण में हैं। जबकि खीरी लोकसभा सीट पर भाजपा के मौजूदा सांसद अजय मिश्र टेनी हैट्रिक लगाने के लिए पीच पर उतरे हैं। लेकिन उनको रोकने के लिए सपा ने उत्कर्ष वर्मा को चुनावी मैंदान में उतारा है। वहीं उन्नाव से भाजपा के फायर ब्रांड नेता साक्षी महाराज भी हैट्रिक लगाने के लिए सियासी रण में उतरे हैं। लेकिन उनका राह रोकने के लिए इस बार सपा की ओर से अन्नू टंडन मैदान में हैं।

यहां जानें किस लोकसभा सीट से कौन लड़ रहा चुनाव

कन्नौज लोकसभा सीट

कन्नौज लोकसभा सीट जब 1967 में अस्तित्व में आई तो पहले सांसद डॉ. राम मनोहर लोहिया बने थे। सपा के लिए यहां समाजवाद का परचम फहराने और भाजपा के सामने जीत दोहराने की चुनौती है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव के खुद मैदान में होने से चुनावी जंग दिलचस्प है। सांसद सुब्रत पाठक भाजपा के परंपरागत वोटबैंक, मोदी-योगी के नाम के सहारे हैं। बसपा के इमरान आम आदमी के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं। इस बार यहां की जनता का मुख्य मुद्दा रोजगार नाममात्र का और सुविधाओं का इंतजार है।

कानपुर लोकसभा सीट

कानपुर लोकसभा सीट पर भाजपा ने मौजूदा सांसद सत्यदेव पचौरी का टिकट काट कर रमेश अवस्थी को उम्मीदवार बनाया है। जबकि कांग्रेस उम्मीदवार आलोक मिश्रा मैदान में हैं। वहीं, बसपा ने कुलदीप भदौरिया को टिकट देकर मुकाबला रोचक बना दिया है। भाजपा उम्मीदवार के सामने भितरघात सबसे बड़ी चुनौती है। बाहरी का मुद्दा कांग्रेस ने अच्छे से भुनाया है। बसपा उम्मीदवार के बाद ठाकुर मतदाता भी असमंजस में है। इस बार यहां की जनता का मुख्य मुद्दा बंद पड़े उद्योग धंधो चालू कराना, रोजगार, महंगाई और विकास है।

अकबरपुर लोकसभा सीट

अकबरपुर लोकसभा सीट पर भाजपा ने मौजूदा सांसद देवेंद्र सिंह भोले को तीसरी बार मैदान में उतारा है। पिछली बार कांग्रेस के टिकट से लड़ चुके राजाराम पाल इस बार सपा से उम्मीदवार हैं। बसपा से राजेश द्विवेदी हैं। भोले के पास जीत की हैट्रिक बनाने का अवसर है लेकिन पूर्व सांसद राजाराम पाल उन्हें कांटे की टक्कर दे रहे हैं। करीब सात लाख ओबीसी वोटर भी वेट एंड वाच की स्थिति में है। इस बार यहां की जनता का मुख्य मुद्दा स्वास्थ्य सेवाएं, बेरोजगारी और छुट्टा मवेशी है।

उन्नाव लोकसभा सीट

उन्नाव लोकसभा सीट पर भाजपा के मौजूदा सांसद साक्षी महाराज मैदान में हैं। साक्षी के पास जीत की हैट्रिक बनाने का मौका है। इस सीट पर सपा से अन्नू टंडन मैदान में हैं। बसपा ने अशोक पांडेय पर दांव लगाया है। यहां लोधी मतदाता 4.25 लाख, जबकि ओबीसी 8 लाख के आसपास हैं। भाजपा इसे जीत का आधार मान रही है। वहीं, अन्नू टंडन को एंटी इनकंबेंसी का सहारा है। वहीं, बसपा अपने काडर वोट के साथ और ब्राह्मणों के सहारे है। इस बार यहां की जनता का मुख्य मुद्दा शिक्षा, बेरोजगारी और महंगाई है।

मिश्रिख लोकसभा सीट

मिश्रिख लोकसभा सीट पर जीत की हैट्रिक के लिए भाजपा ने डॉ. अशोक कुमार रावत पर भरोसा जताया है। सपा से चुनौती दे रहीं संगीता राजवंशी रिश्ते में भाजपा उम्मीदवार की सलहज हैं। बसपा से डॉ. बीआर अहिरवार मैदान में डटे हैं। सुरक्षित मिश्रिख लोकसभा सीट पर सवर्ण और पिछड़ी जातियों का खासा असर है। इस सीट की 90 फीसदी आबादी ग्रामीण है। इस बार यहां की जनता का मुख्य मुद्दा ऑनलाइन व्यापार और महंगाई और शैक्षिक संस्थान का अभाव है।

हरदोई लोकसभा सीट

हरदोई लोकसभा सीट पर पिछले दस साल से भाजपा का कब्जा है। इस बार फिर से मौजूदा सांसद जयप्रकाश रावत को मैदान में उतारा है। जबकि सपा ने पूर्व सांसद उषा वर्मा को उम्मीदवार बनाया है। बसपा ने भीमराव आंबेडकर को मैदान में उतारा है। मतदाता खामोश हैं। यहां अनुसूचित जाति के करीब 30.79 फीसदी और मुस्लिम मतदाता 13 फीसदी हैं। इस बार यहां की जनता का मुख्य मुद्दा छुट्टा मवेशी, महंगाई और युवाओं में समक्ष बेरोजगारी है।

शाहजहांपुर लोकसभा सीट

शहीदों की नगरी शाहजहांपुर लोकसभा सीट पर भाजपा की ओर से दूसरी बार चुनावी रण में उतरे सांसद अरुण कुमार सागर खुद को साबित करने में जुटे हैं। सपा की ज्योत्सना गोंड उच्च शिक्षित युवा हैं। वह अपने कोर वोटरों को समेटने में जुटी हैं। दलित के साथ ही मुस्लिम और यादव समीकरण पर उनको भरोसा पूरा है। बसपा के दोदराम वर्मा कोर वोटर में सक्रिय रहे हैं। पहली बार चुनावी समर में उतरे हैं। इस बार यहां की जनता का मुख्य मुद्दा छुट्टा पशु, गोलाघाट पुल और ग्रामीण परिवहन है।

इटावा लोकसभा सीट

समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव के परिवार का गढ़ रही इटावा लोकसभा सीट में दलित आबादी 26.85 फीसदी है। यहां भाजपा के मौजूदा सांसद रमाशंकर कठेरिया के सामने दूसरी बार रिवायत तोड़ने की चुनौती है। सपा उम्मीदवार जितेंद्र दोहरे से उनकी टक्कर है। वह बसपा से आए हैं। बसपा ने हाथरस की पूर्व सांसद सारिका सिंह को टिकट दिया है। इटावा में उनका मायका है। बघेल परिवार की बहू होने से उन्हें उस जाति के वोटबैंक का भरोसा है। इस बार यहां की जनता का मुख्य मुद्दा रोजगार के साधन नहीं और औरैया जिला बना सुविधाएं नदारद है।

सीतापुर लोकसभा सीट

सीतापुर लोकसभा सीट पर भाजपा ने तीसरी बार सांसद राजेश वर्मा पर भरोसा जताया है। गठबंधन से राजेश राठौर मैदान में हैं। मुस्लिम, यादव और नाराज कुर्मियों को अपने पक्ष में करने की कोशिश में हैं। बसपा ने भाजपा के पूर्व विधायक महेंद्र यादव को टिकट दिया है। उन्हें सजातीय मतदाताओं के साथ ही बसपा के कोर वोटर पर भी भरोसा है। इस बार यहां की जनता का मुख्य मुद्दा बदहाल हथकरघा उद्योग और स्वास्थ्य सुविधाएं है।

धौरहरा लोकसभा सीट

धौरहरा लोकसभा सीट से भाजपा ने तीसरी बार भी रेखा वर्मा को उतारा है। उनके समक्ष जातीय समीकरण साधने की चुनौती है। बसपा ने पुराने भाजपाई और सांसद रेखा वर्मा के करीबी श्याम किशोर अवस्थी को चुनाव में उतारा है। बसपा काडर वोट के साथ ही ब्राह्मणों में पकड़ मजबूत करने में जुटे हैं। सपा-कांग्रेस गठबंधन ने आनंद भदौरिया पर दांव लगाया है। इस बार यहां की जनता का मुख्य मुद्दा अधूरी हेमपुर क्रॉसिंग, उच्च शिक्षा, पलायन और बंद चीनी मिल है।

बहराइच लोकसभा सीट

सुरक्षित लोकसभा सीट बहराइच से भाजपा ने सांसद अक्षयबर लाल गोंड के बेटे आनंद गोंड पर दांव लगाया है। जीत के लिए यहां ध्रुवीकरण को धार दी जा रही है। यहां योगी आदित्यनाथ ताबड़तोड़ सभाएं भी कर चुके हैं। पिछली बार सपा-बसपा गठबंधन से शब्बीर अहमद मैदान में थे। मुस्लिम चेहरा होने के कारण तेजी से ध्रुवीकरण हुआ। इस बार सपा-कांग्रेस गठबंधन ने रमेश गौतम को उतार मुकाबला रोमांचक बनाया है। बसपा के बृजेश कुमार सोनकर राजनीति के नए खिलाड़ी हैं। उन्हें कोर वोटबैंक पर भरोसा है। इस बार यहां की जनता का मुख्य मुद्दा बाढ़, रोजगार और परिवहन है।

फर्रुखाबाद लोकसभा सीट

आलू के लिए प्रसिद्ध फर्रुखाबाद में इस बार जाति समीकरण हावी हैं। भाजपा ने दो बार के सांसद मुकेश राजपूत को फिर मौका दिया है। भाजपा ने यहां बसपा के मनोज अग्रवाल और सपा के पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह यादव को अपने पक्ष में कर लिया है। सपा ने डॉ. नवल किशोर शाक्य पर दांव लगाया है। वह सपा के परंपरागत वोट बैंक के साथ अपनी बिरादरी के वोट बैंक को गोलबंद कर रहे हैं। यहां शाक्य बिरादरी अभी तक भाजपा के साथ थी। बसपा ने क्रांति पांडेय को मैदान में उतारा है। वह ब्राह्मण और दलित वोट बैंक के सहारे हैं। इस बार यहां की जनता का मुख्य मुद्दा गंगा एक्सप्रेसवे से दूरी, छुट्टा जानवर और जरदोजी व छपाई कारोबार का खत्म होना है।

लखीमपुर खीरी लोकसभा सीट

खीरी लोकसभा सीट पर भाजपा के मौजूदा सांसद अजय मिश्र टेनी को उम्मीदवार बनाया है। उनके सामने इस बार सपा के उत्कर्ष वर्मा हैं। बसपा ने अंशय कालरा को उतारा है। टेनी के सामने जीत की चुनौती है क्योंकि तिकुनिया कांड उनका पीछा नहीं छोड़ रहा है। उत्कर्ष महंगाई, बेरोजगारी, पेपर लीक और किसानों की मौत को लेकर मुखर हैं। बसपा को युवा वोटरों और किसानों का साथ मिलने का आसरा है। इस बार यहां की जनता का मुख्य मुद्दा महंगाई, गन्ना कीमत, स्कूल और डीएपी व कीटनाशकों की कमी है।

Sandip Kumar Mishra

Sandip Kumar Mishra

Content Writer

Sandip kumar writes research and data-oriented stories on UP Politics and Election. He previously worked at Prabhat Khabar And Dainik Bhaskar Organisation.

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