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Lok Sabha Election 2024: लालगंज लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र
Lok Sabha Election 2024: लालगंज प्रदेश के पिछड़े क्षेत्रों में से एक है। ये मुख्यतः ग्रामीण क्षेत्र है जहाँ आम व्यवसाय खेती किसानी है।
क्षेत्र की खासियत
- लालगंज दुर्वासा धाम, पल्ह्ना देवी प्रमुख धार्मिक स्थल हैं।
- यह साहित्यकार अयोध्या सिंह हरीऔध और शायर कैफ़ी अजमी की जन्मस्थली भी है।
- लालगंज के निज़ामाबाद कसबे की ब्लैक पॉटरी अपनी कलाकारी के लिए जानी जाती है
- लालगंज संसदीय क्षेत्र आजमगढ़ जिले में पड़ता है और यह उप जिला भी है। आजमगढ़ जिले का तीसरा सबसे घना क्षेत्र है। इस क्षेत्र को काठघर लालगंज के नाम से भी जाना जाता है।
- लालगंज प्रदेश के पिछड़े क्षेत्रों में से एक है। ये मुख्यतः ग्रामीण क्षेत्र है जहाँ आम व्यवसाय खेती किसानी है।
- लालगंज की धरती बेहद उपजाऊ है और यहां पर आलू, मक्का, गेंहू और हर तरह की सब्जियां उगाई जाती हैं।
- जब से यह संसदीय सीट बना है रिजर्व सीट के रूप में दर्ज है।
विधानसभा क्षेत्र
- लालगंज लोकसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित सीट है। इस सीट में कुल 5 विधानसभाएं क्षेत्र आते - अतरौलिया, निजामाबाद, फूलपुर पवई, दीदारगंज और लालगंज है। 2022 के विधानसभा चुनाव में इनमें सभी सीटों पर समाजवादी पार्टी ने कब्जा जमाया था।
जातीय समीकरण
- लालगंज क्षेत्र समाजवादियों का गढ़ माना जाता है और यहाँ मुस्लिम, यादव और दलित मतदाता ज्यादा हैं। इस क्षेत्र में करीब 80 फीसदी हिन्दू, 10 फीसदी मुस्लिम आबादी है। मुस्लिम मतदाता करीब ढाई लाख, यादव दो लाख, राजभर सवा लाख, खटिक सवा लाख, अन्य ओबीसी तीन लाख और अनुसूचित जाति के मतदाता करीब तीन लाख हैं।
राजनीतिक इतिहास और पिछले चुनाव
- लालगंज लोकसभा सीट की स्थापना 1962 में हुई थे और तबसे क्षेत्र में बसपा और सपा का ज्यादातर वर्चस्व रहा है और भाजपा यहाँ सिर्फ एक बार जीत दर्ज करने में सफल रही है। यहाँ पाला बदल बदल कर चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी भी जीतते रहे हैं। कांग्रेस को सन 84 के बाद से जीत नहीं मिली है।
- पिछले चुनावों की बात करें तो यहाँ पहला लोकसभा चुनाव 1962 में हुआ था और उसमें प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के विश्राम प्रसाद जीते थे।
- 1967 और 1971 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के राम धन ने जीत हासिल की।
- इमरजेंसी के बाद 1977 के चुनाव में भी राम धन जीते लेकिन जनता पार्टी के टिकट पर।
- 1980 के चुनाव में भी जनता पार्टी की जीत हुयी और छांगुर राम सांसद बने।
- 1984 राम धन चुनाव जीते लेकिन कांग्रेस के टिकट पर इसके बाद 1989 में वह जीते जनता दल के प्रत्याशी के रूप में।
- 1991 में जनता दल के राम बदन को जीत हासिल हुई।
- 1996 के चुनाव में बसपा के बलिराम संसद बने।
- 1998 के चुनाव में समाजवादी पार्टी के दरोगा प्रसाद सरोज जीते।
- 1999 में बसपा के बलिराम चुनाव जीते।
- 2004 में समाजवादी पार्टी से दरोगा प्रसाद सरोज सांसद बने।
- 2009 में बसपा से बलिराम ने चुनाव जीता।
- 2014 में भाजपा ने खाता खोला और की नीलम सोनकर ने जीत दर्ज की।
- 2019 में बसपा ने परचम लहराया और संगीता आजाद सांसद बनीं।
इस बार के उम्मीदवार
- इस बार के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने नीलम सोनकर को मैदान में उतारा है जबकि इंडिया अलायन्स की तरफ से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी हैं दरोगा सरोज। बसपा ने डॉ इंदु चौधरी को टिकट दिया है।
स्थानीय मुद्दे
रोजगार, युवाओं का पलायन, उद्योग की कमी, किसानों की समस्याएं यहाँ के स्थाई मसले हैं।