Lok Sabha Election 2024: मोहनलालगंज (एससी) लोकसभा, हैट-ट्रिक के लिए भाजपा को बचाना होगा गढ़

Lok Sabha Election 2024: प्रदेश की राजधानी का भाग होने के बावजूद यह क्षेत्र विकास में काफी पिछड़ा हुआ है

Neel Mani Lal
Published on: 16 May 2024 12:42 PM GMT (Updated on: 16 May 2024 1:15 PM GMT)
Lok Sabha Election ( Social Media Photo)
X

Lok Sabha Election ( Social Media Photo)

Lok Sabha Election 2024: मोहनलालगंज क्षेत्र में कई प्रमुख धार्मिक स्थल है जिनमे से श्री काशीश्वर महादेव मंदिर है। जिसे राजा विजय कुमार त्रिपाठी व उनके पूर्वजों ने बनवाया था। कालेबीर बाबा मंदिर, माँ कालेश्वरी देवी मंदिर, अहिनिवार धाम जिसके बारे में माना जाता है कि यह महाभारत कालीन मंदिर व सरोवर हैं, जो पांडवों द्वारा बनवाया गया था, सई नदी के किनारे प्रसिद्ध और प्राचीन भवरेश्वर महादेव आदि मन्दिर प्रमुख हैं।क्रांतिकारियों की स्मृति में काकोरी में बना स्मारक, आम के लिए मशहूर मलिहाबाद, पुरातात्विक स्थल हुलासखेड़ा भी इसी क्षेत्र में आते हैं।उद्योग के नाम पर मात्र एक बड़ी फैक्ट्री यूपीएएल है जो पूरे भारत में सीमेंट की चादर बना कर भेजती है कुछ और छोटे उद्योग भी क्षेत्र में संचालित है।मोहनलालगंज क्षेत्र के तहत मलीहाबाद आता है जो अपने दसहरी आम के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है। प्रदेश की राजधानी का भाग होने के बावजूद यह क्षेत्र विकास में काफी पिछड़ा हुआ है।

विधानसभा क्षेत्र

- मोहनलालगंज लोकसभा सीट के तहत पांच विधानसभा क्षेत्र आते हैं - बख्शी का तालाब, मलीहाबाद (एससी), सरोजिनी नगर, मोहनलालगंज (एससी) और सिधौली (एससी)। 2022 के विधानसभा चुनाव में सभी पांचों सीटों पर भाजपा को जीत मिली थी।


जातीय समीकरण

- मोहनलालगंज लोकसभा क्षेत्र की जनसंख्या करीब 27 लाख है। यहाँ करीब 34 फीसदी अनुसूचित जाति के लोग रहते हैं। जिसमें तीन चौथाई ग्रामीण आबादी और एक चौथाई शहरी आबादी आती है। यहाँ अनुमानतः चार लाख से ज्यादा रावत यानी पासी बिरादरी के मतदाता हैं। 2.53 लाख यादव मतदाता और 2.21 लाख जाटव हैं। इनके अलावा अनुमान है कि 2.15 लाख ब्राह्मण, 1.77 लाख ठाकुर और करीब 1.75 लाख लोधी व मौर्य तथा 1.50 लाख मुस्लिम मतदाता हैं।


राजनीतिक इतिहास और पिछले चुनाव

- मोहनलालगंज सीट साल 1962 के लोकसभा चुनाव से पहले अस्तित्व में आई। तब यहां पर हुए चुनाव में कांग्रेस की गंगा देवी सांसद चुनी गईं थीं। कांग्रेस का इस सीट पर शुरुआत से दबदबा रहने के बाद भी बीते 40 साल से जीत के लिए तरस रही है। सुरक्षित सीट होने के बावजूद इस सीट पर बसपा अपना खाता भी नहीं खोल पाई है। लखनऊ जिले में पड़ने के कारण मोहनलालगंज क्षेत्र पर लखनऊ का भी राजनीतिक प्रभाव पड़ता है।

- 1962, 1967 और 1971 के चुनाव में कांग्रेस की गंगा देवी जीतीं।

- 1977 में जनता पार्टी के राम लाल कुरील को विजय मिली।

- 1980 में फिर कांग्रेस के जगन्नाथ प्रसाद विजयी रहे।

- 1989 के चुनाव में सरजू प्रसाद सरोज को जीत मिली।

- 1991 के चुनाव में भाजपा के छोटे लाल और 1996 के चुनाव में पूर्णिमा वर्मा ने इस सीट पर कब्जा किया।

- 1998 और 1999 के चुनाव में समाजवादी पार्टी की रीना चौधरी को जीत मिली।

- 2004 में समाजवादी पार्टी के ही जयप्रकाश रावत और 2009 में सुशीला सरोज ने जीत हासिल की।

- 2014 और 2019 में भाजपा की वापसी हुई और कौशल किशोर लगातार जीते।


इस बार के उम्मीदवार

- इस बार के चुनाव में भाजपा ने केंद्रीय राज्य मंत्री कौशल किशोर पर फिर से भरोसा जताया है। जबकि इंडिया अलायन्स के तहत समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार पूर्व मंत्री व कद्दावर नेता आरके चौधरी हैं। बसपा ने राजेश चौधरी को उम्मीदवार बनाया है। इस बार कांटे की टक्कर होने की पूरी उम्मीद है। कौशल किशोर जीत की हैट्रिक लगाने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं। उनकी पत्नी मोहनलालगंज विधानसभा सीट से भाजपा विधायक है।


स्थानीय मुद्दे

- आम बागान की सुविधाओं का अभाव, छुट्टा पशुओं के आश्रय स्थलों की कमी, रोजगार के अवसर आदि यहाँ के मुद्दे हैं।

Shalini Rai

Shalini Rai

Next Story