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‘मैं लोगों की सेवा के लिए हर कीमत चुकाने को तैयार', टिकट कटने का बाद वरुण गांधी का आया भावुक पत्र
Varun Gandhi: उन्होंने कहा कि पीलीभीत के सांसद के रूप में मेरा कार्यकाल भले ही समाप्त हो रहा है, लेकिन मेरी आखिरी सांस तक पीलीभीत के साथ मेरा रिश्ता खत्म नहीं होगा।
UP Lok Sabha Election: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने यूपी की पीलीभीत लोकसभा सीट से अपने सिटिंग सांसद वरुण गांधी का टिकट काट दिया है। टिकट कटने के दो दिन बाद सांसद वरुण गांधी ने गुरुवार को पीलीभीत जनता के नाम एक पत्र लिखा है, जिसमें वरुण कुछ भावुक नजर आए और आखिरी सांस तक साथ देना का वादा किया। इस पत्र को वरुण गांधी अपने एक्स पर पोस्ट किया।
मैं आपका था, हूं और रहूंगा
पीलीभीत की जनता के नाम लिखे गए पत्र में लोकसभा चुनाव के बीच वरुण गांधी ने कहा कि पीलीभीत के सांसद के रूप में मेरा कार्यकाल भले ही समाप्त हो रहा है, लेकिन मेरी आखिरी सांस तक पीलीभीत के साथ मेरा रिश्ता खत्म नहीं होगा। मैं आम आदमी की आवाज उठाना जारी रखने के लिए आपका आशीर्वाद चाहता हूं, चाहे इसके लिए मुझे कोई भी कीमत चुकानी पड़े, इसके लिए भुगतान करें। 'मैं आपका था, हूं और रहूंगा'।
महान जनता की सेवा करने का मौका मिला
उन्होंने आगे कहा कि मैं खुद को सौभाग्यशाली मानता हूं कि वर्षों मुझे पीलीभीत महान जनता का सेवा करने का मौका मिला। एक सांसद के तौर पर ही नहीं बल्कि एक व्यक्ति के तौर पर भी मेरी परवरिश और मेरे विकास में पीलीभीत से मिले आदर्श, सरलता और सह्वदयता का बहुत बड़ा योगदान है। आपका प्रतिनिधि होना मेरे जीवन का सबसे बड़ा सम्मान रहा है। मैंने हमेशा अपनी पूरी क्षमता के आपके हितों के लिए आवाज उठाई। जब पत्र लिखा तो मुझे अनगिनत यादों ने मुझे भावुक कर दिया। मुझे वो 3 साल का छोटा सा बच्चा याद आ रहा है जो अपनी मां की उंगली पकड़ कर 1983 में पहली बार पीलीभीत आया था, उसे कहां पता था एक दिन यह धरती उनकी कर्मभूमित और उसका परिवार का हिस्सा बन जाएगी।
जितिन प्रसाद को दिया गया टिकट
बता दें कि भाजपा ने 24 मार्च को देर रात यूपी की बीच कुछ लोकसभा सीटों के लिए उम्मीदवारों की सूची जारी की। इसमें सूची में पीलीभीत सीट के नाम का भी ऐलान हो गया। भाजपा ने पीलीभीत सीट से अपने सिटिंग सांसद वरुण गांधी का टिकट काट कर यूपी सरकार में लोक निर्माण विभाग मंत्री जितिन प्रसाद को उम्मीदवार घोषित बनाया। वरुण के टिकट कटने की पहले चर्चा थी, इसलिए उनके निजी सचिव कमलकांत ने चार नामांकन पत्र के सेट भी खरीद लिये थे। कहा जा रहा था कि अगर सीट कटती है तो वह निर्दलीय मैदान में उतार सकते हैं। हालांकि बाद उन्होंने मना कर दिया और कहा वह अपनी माता मेनिका गांधी का चुनाव प्रचार करेंगे।