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Lok Sabha Election 2024: फूलपुर लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र

Lok Sabha Election 2024: फूलपुर संसदीय क्षेत्र में प्रयागराज शहर का दो तिहाई हिस्सा और गंगापार का क्षेत्र आता है

Neel Mani Lal
Published on: 24 May 2024 6:21 AM GMT
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क्षेत्र की खासियत

- फूलपुर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का काफी हिस्सा इलाहबाद यानी प्रयागराज शहर में भी आता है सो प्रयागराज के भरद्वाज आश्रम, आनंद भवन, प्रयाग जैसे ऐतिहासिक स्थल और इलाहाबाद विश्वविद्यालय, एमएनएनआइटी जैसे प्रसिद्ध शिक्षण संस्थान इसी क्षेत्र में हैं।

- यहाँ पर जैन धर्म का पवित्र स्थल जैन मन्दिर है।कनिहार में एक पक्षी विहार है।

- फूलपुर क्षेत्र में ही दानवीर कर्ण का मन्दिर हैं जहाँ पर हर वर्ष मेला लगता है जिसे कर्णतीर्थ कहते है।

- इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोआपरेटिव लिमिटेड कंपनी (इफ्को) फूलपुर में ही है।

- फूलपुर में प्राचीन रानी का महल स्थित है।

फूलपुर लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र

- फूलपुर संसदीय क्षेत्र में प्रयागराज शहर का दो तिहाई हिस्सा और गंगापार का क्षेत्र आता है। इस लोकसभा सीट के तहत पांच विधानसभा क्षेत्र आते हैं - फाफामऊ, सोरांव (एससी), फूलपुर, इलाहबाद वेस्ट और इलाहबाद नार्थ। इनमें से सोरांव सीट समाजवादी पार्टी के पास तथा बाकी भाजपा के कब्जे में हैं।


जातीय समीकरण

- फूलपुर लोकसभा क्षेत्र में सबसे अधिक करीब तीन लाख कुर्मी मतदाता हैं। यादव मतदाताओं की संख्या दो लाख से अधिक है। वहीं, पिछड़ी जाति के अन्य मतदाताओं की संख्या भी करीब तीन लाख है। करीब ढाई लाख मुस्लिम और ढाई लाख से अधिक अनुसूचित जाति के मतदाता हैं। अन्य में ब्राह्मण वोटरों की संख्या करीब दो लाख है जबकि कायस्थ मतदाताओं की संख्या भी दो लाख से अधिक है।


राजनीतिक इतिहास और पिछले चुनाव

- इस सीट के मतदाताओं ने हर तरह की विचारधारा और विभिन्न प्रकार के नेताओं को सम्मान दिया और संसद भेजा है। यहाँ से पंडित नेहरू भी सांसद बने और गैंगस्टर अतीक अहमद भी।

- पंडित जवाहरलाल नेहरू ने आजादी के बाद पहली बार 1952 में हुए लोकसभा चुनाव में फूलपुर संसदीय सीट को अपनी कर्मभूमि के लिए चुना और वह लगातार 1952, 1957 और 1962 में यहां से सांसद निर्वाचित हुए। नेहरू के धुर-विरोधी रहे समाजवादी नेता डॉ. राम मनोहर लोहिया 1962 में उनके सामने चुनावी मैदान में उतरे, लेकिन वो जीत नहीं सके।

- अब तक सिर्फ दो ही नेता हैं जो इस सीट से हैट-ट्रिक बना पाए हैं - जवाहरलाल नेहरू और रामपूजन पटेल।

- नेहरू के निधन के बाद सन 64 में हुए उपचुनाव में कांग्रेस की विजय लक्ष्मी पंडित विजयी रहीं। 1967 में हुए चुनाव में वह विजयी रहीं। लेकिन इस चुनाव के बाद फूलपुर से कांग्रेस की पकड़ खत्मं सी हो गयी।

- 1969 में हुए उपचुनाव में संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के जनेश्वर मिश्र यहाँ से जीते।

- 1971 में कांग्रेस के टिकट पर वीपी सिंह यहाँ से विजयी रहे

- 1977 में लोकदल से कमला बहुगुणा सांसद बनीं।

- 1980 में जनता पार्टी सेक्युलर के बीडी सिंह विजयी रहे।

- 1984, 1989 और 1991 में कांग्रेस के राम पूजन पटेल को लगातार जीत हासिल हुई।

- 1996 और 1998 में सपा ने सिक्का जमाया और जंगबहादुर पटेल सांसद बने।

- 1999 में सपा के ही धर्मराज पटेल और 2004 में अतीक अहमद यहाँ के सांसद बने।

- 2009 में बसपा के कपिल मुनि करवरिया को जीत हासिल हुई।

- 2014 में भाजपा से केशव प्रसाद मौर्य जीते।

- 2018 के उपचुनाव में सपा के नागेन्द्र प्रताप सिंह पटेल सांसद बने।

- 2019 के चुनाव में भाजपा के केसरी देवी पटेल यहाँ जीते।


इस बार कौन है मैदान में

- इस बार के चुनाव में भाजपा ने फूलपुर विधानसभा सीट के विधायक प्रवीण पटेल को उम्मीदवार बनाया है। उनके पिता महेंद्र प्रताप भी 1984, 1989 और 91 में इसी लोकसभा क्षेत्र की झूंसी (अब फूलपुर विस सीट) विधानसभा सीट से विधायक रह चुके हैं। वहीं, इंडिया अलायन्स के तहत सपा ने अमर नाथ मौर्य को प्रत्याशी बनाया है। बसपा ने जगन्नाथ पाल और अपना दल (कमेरावादी) ने महिमा पटेल को प्रत्याशी बनाया है।


स्थानीय मुद्दे

- बुनियादी इंफ्रास्ट्रक्चर, सड़कों की स्थिति, कनेक्टिविटी, सीवेज समस्या और ट्रैफिक संकट। इसके अलावा हाउस टैक्स का मसला, अवैध निर्माण, प्रदूषण भी बड़े मुद्दे हैं। बेरोजगारी, बाढ़ और औद्योगिक विकास में पिछड़ापन प्रमुख मुद्दा है।

Shalini singh

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