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CM Yogi: ‘धर्म के आधार पर आरक्षण असंवैधानिक, इसके लिए विरोधी पार्टियां कर रहीं प्रतिस्पर्धा, बोले CM योगी
CM Yogi: सीएम योगी ने कहा, बाबा साहेब अंबेडकर ने इसका कड़ा विरोध किया लेकिन कांग्रेस और आईएनडीआई गठबंधन की पार्टियां मुस्लिम आरक्षण देने के लिए प्रतिस्पर्धा कर रही हैं।
CM Yogi: लोकसभा चुनाव 2024 सातों चरणों में संपन्न होना है। छठ चरण पूरे हो चुके हैं और 2 जून सातवें और आखिरी चरण के लिए मतदान होगा। अगर इस पूरी चुनाव के मुद्दों पर गौर करें तो मुसलमानों के आरक्षण मुद्दा खूब छाया रहा है। आखिरी चरण में भी इसके छाए रहने की पूरी संभावना है। एक ओर भाजपा- एनडीएन गठबंधन इसकी खिलाफत कर रहा है तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस इंडी गठबंधन मुसलानों को ओबीसी आरक्षण देने की वकालत कर रहे हैं। इसी मुस्लिम आरक्षण मुद्दे पर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फिर कहा कहा कि धर्म के आधार पर आरक्षण असंवैधानिक है और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) किसी भी प्रकार के मुस्लिम आरक्षण के खिलाफ है।
धर्म के आधार पर आरक्षण असंवैधानिक, बोले योगी
सोमवार को लखनऊ स्थित सरकारी आवास पर बात करते हुए सीएम योगी ने कहा कि धर्म के आधार पर आरक्षण असंवैधानिक है। बाबा साहेब अंबेडकर ने इसका कड़ा विरोध किया लेकिन कांग्रेस और आईएनडीआई गठबंधन की पार्टियां मुस्लिम आरक्षण देने के लिए प्रतिस्पर्धा कर रही हैं। सीएम योगी ने 2010 के बाद पश्चिम बंगाल में जारी किए गए सभी ओबीसी प्रमाणपत्रों को रद्द करने के लिए कलकत्ता उच्च न्यायालय को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में टीएमसी ने 2010 में 118 मुस्लिम जातियों को ओबीसी श्रेणी में शामिल करके पिछले 14 वर्षों से ओबीसी के आरक्षण अधिकारों पर पूरी तरह से डकैती की है। हम कलकत्ता उच्च न्यायालय को धन्यवाद देना चाहते हैं जिसने इस प्रकार की कड़ी सजा दी है। टीएमसी का असंवैधानिक कृत्य करार दिया।
दलितों और पिछड़ों का हक मुसलमानों को देना चाहते ये लोग
उन्होंने कहा कि बिहार में आरजेडी मुखिया लालू पहले ही कह चुके हैं कि मुसलमानों को आरक्षण मिलना चाहिए, ये आरक्षण कहां से मिलेगा। इंडी के लोग ओबीसी, एससी, एसटी का आरक्षण छीनकर मुसलमानों को देना चाहते हैं। भाजपा एससी, एसटी और ओबीसी के आरक्षण की रक्षा के लिए किसी भी तरह के मुस्लिम आरक्षण के खिलाफ है। मुस्लिम आरक्षण असंवैधानिक है और अगर इस तरह की कुप्रथा थोपने की कोशिश की गई तो देश की अखंडता प्रभावित होगी।
22 मई को कोर्ट ने दिया था निर्देश
बता दें कि 22 मई को जारी कलकत्ता उच्च न्यायालय के निर्देश में पश्चिम बंगाल पिछड़ा वर्ग आयोग को 1993 अधिनियम के अनुसार ओबीसी की एक नई सूची तैयार करने का निर्देश दिया गया है। कोर्ट के निर्देश में साल 2010 से पहले जो लोग ओबीसी सूची में शामिल थे, उनका दर्जा बरकरार रहेगा, जबकि 2010 के बाद किए गए नामांकन रद्द कर दिए जाएंगे। इस पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि वह फैसले को स्वीकार नहीं करेंगी। ओबीसी आरक्षण जारी है और हमेशा जारी रहेगा।