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Lok Sabha Election 2024: संत कबीर नगर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र

Lok Sabha Election 2024: 5 सितंबर 1997 को बस्ती से अलग करते हुए संत कबीर नगर प्रदेश के नए जिलें के रूप में अस्तित्व में आया। यह देश के सबसे पिछड़े जिलों में शामिल है।

Neel Mani Lal
Published on: 26 May 2024 9:50 AM GMT
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क्षेत्र की खासियत

- संत कबीर की निर्वाण स्थली मगहर इसी क्षेत्र में है। मगहर में संतकबीरदास का विश्वा प्रसिद्ध स्मासरक है।

- महादेव मंदिर, बखीरा, हशेश्वरनाथ मंदिर यहां के प्रमुख पर्यटन स्थल हैं। घाघरा, कुआनो, आमी और राप्तीव यहां पर बहने वाली प्रमुख नदियां हैं।

- 5 सितंबर 1997 को बस्ती से अलग करते हुए संत कबीर नगर प्रदेश के नए जिलें के रूप में अस्तित्व में आया। यह देश के सबसे पिछड़े जिलों में शामिल है। यह प्रदेश के उन 34 जिलों में है जिसे बैकवर्ड रीजन ग्रांट फंड प्रोग्राम (बीआरजीएफ) के तहत अनुदान दिया जाता है


विधानसभा क्षेत्र

- इस लोकसभा क्षेत्र में विधानसभा की पांच सीटें – आलापुर, खलीलाबाद, घनघटा, मेंहदावल और खजनी शामिल हैं। 2022 के विधानसभा चुनाव में आलापुर (एससी) सीट समाजवादी पार्टी ने जीती जबकि खलीलाबाद, घनघटा (एससी) और खजनी (एससी) सीट भाजपा के खाते में गयी। मेह्न्दावल सीट ‘निषाद पार्टी’ के अनिल कुमार त्रिपाठी के खाते में गयी।


जातीय समीकरण

- 2011 की जनगणना के अनुसार संत कबीर नगर क्षेत्र की आबादी 17.2 लाख है। इसमें 78 फीसदी आबादी सामान्य वर्ग की है और 22 फीसदी आबादी अनुसूचित जाति की है। 76 फीसदी आबादी हिंदुओं की तथा मुस्लिमों की आबादी 24 फीसदी है। एक अनुमान के मुताबिक इस क्षेत्र में करीब डेढ़ लाख निषाद समुदाय के मतदाता, सवा लाख यादव, इतने ही कुर्मी, तीन लाख ब्राह्मण, सवा लाख क्षत्रिय, पचास हजार भूमिहार, साढ़े चार लाख दलित और सवा छह लाख मुस्लिम मतदाता हैं।


राजनीतिक इतिहास और पिछले चुनाव

- 2008 में संत कबीर नगर को संसदीय सीट का दर्जा मिला।

- संत कबीर नगर लोकसभा सीट पर अब तक तीन चुनाव हुए हैं जिनमें 2009 में बसपा के भीष्म शंकर तिवारी जीते। 2014 में भाजपा के शरद त्रिपाठी और 2019 में भी भाजपा के प्रवीण निषाद को विजय हासिल हुई।


इस बार के उम्मीदवार

- संत कबीर नगर लोकसभा सीट से भाजपा ने फिर से प्रवीण निषाद को अपना उम्मीदवार बनाया है। वहीँ इंडिया अलायन्स के तहत समाजवादी पार्टी ने लक्ष्मीकांत उर्फ़ पप्पू निषाद को मैदान में उतारा है। बसपा ने दो बार प्रत्याशी बदल कर अंततः नदीम अशरफ को उम्मीदवार बनाया है।



Shalini singh

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