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Lok Sabha Election: कन्हैया कुमार और उदित राज को लेकर कांग्रेस में कलह, BJP से लड़ने की जगह आपस में उलझे नेता
Lok Sabha Election: दिल्ली के लोकसभा चुनाव में इस बार भाजपा को शिकायत देने के लिए कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी के साथ हाथ मिलाया है।
Lok Sabha Election: राजधानी दिल्ली की दो लोकसभा सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशियों को लेकर शुरू हुआ घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। उत्तर पूर्वी दिल्ली से कन्हैया कुमार और उत्तर पश्चिमी लोकसभा सीट से उदित राज को उम्मीदवार बनाए जाने का कई नेताओं और कार्यकर्ताओं की ओर से विरोध किया जा रहा है। शुक्रवार को कन्हैया कुमार की चुनाव रणनीति तय करने के लिए बुलाई गई बैठक में जमकर वाद-विवाद हुआ। इस कारण उत्तर पश्चिमी सीट को लेकर शनिवार को होने वाली बैठक को रद्द कर दिया गया। इन दोनों सीटों पर कांग्रेस की ओर से अभी तक विथिवत चुनाव प्रचार नहीं शुरू हो सका है।
कन्हैया की उम्मीदवारी से पैदा हुआ विवाद
कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट पर कन्हैया कुमार के अलावा पूर्व सांसद और शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित की मजबूत दावेदारी थी। इस कारण कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व भी इस लोकसभा सीट को लेकर ऊहापोह की स्थिति में फंसा हुआ था। लंबे समय तक मंथन के बाद आखिरकार पार्टी नेतृत्व ने कन्हैया कुमार की उम्मीदवारी पर मुहर लगा दी मगर इसे लेकर संदीप दीक्षित और कांग्रेस नेताओं का एक वर्ग नाराज बताया जा रहा है।
शुक्रवार को इस लोकसभा सीट पर कांग्रेस की रणनीति बनाने के लिए बुलाई गई बैठक में जमकर वाद-विवाद हुआ था। संदीप दीक्षित और कन्हैया कुमार के बीच आपस में बहस हो गई थी और कन्हैया कुमार ने संदीप दीक्षित पर भाजपा की भाषा बोलने का बड़ा आरोप लगाया था। संदीप दीक्षित ने प्रदेश कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया पर भी तीखा हमला बोला था। इस कारण कन्हैया कुमार भी बैठक छोड़कर चले गए थे।
उदित राज का भी हो रहा कांग्रेस में विरोध
दूसरी ओर उत्तर पश्चिमी लोकसभा सीट को लेकर भी कांग्रेस में भारी खींचतान दिख रही है। इस लोकसभा सीट पर पूर्व मंत्री राजकुमार चौहान और पूर्व विधायक सुरेंद्र कुमार की मजबूत दावेदारी थी और स्क्रीनिंग कमेटी की ओर से भी इन दोनों के नामों की सिफारिश की गई थी। पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति ने इस सीट पर उदित राज को उम्मीदवार घोषित किया है जिसके बाद पार्टी के कई नेताओं और कार्यकर्ताओं की ओर से विरोध की बात सामने आई है।
शनिवार को इस लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस की चुनावी तैयारी पर चर्चा के लिए बैठक बुलाई गई थी मगर इस बैठक को आखिरी क्षणों में रद्द कर दिया गया। जानकारों का कहना है कि पार्टी में खींचतान की वजह से इस बैठक को रद्द किया गया। पार्टी में चल रही इस खींचतान के कारण ही उदित राज का चुनाव प्रचार भी जोर नहीं पकड़ सका है।
आप और कांग्रेस में भी सामंजस्य नहीं
दिल्ली के लोकसभा चुनाव में इस बार भाजपा को शिकायत देने के लिए कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी के साथ हाथ मिलाया है। दोनों पार्टियों के इस गठबंधन में आप चार सीटों पर चुनाव लड़ रही है जबकि राजधानी की तीन सीटों पर कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार उतारे हैं। 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने इन दोनों दलों को करारी शिकस्त दी थी।
आप और कांग्रेस के गठबंधन से भाजपा को कड़ी चुनौती मिलने की संभावना जताई जा रही थी मगर ऐसी स्थिति बनती नहीं दिख रही है। जहां कांग्रेस में दो सीटों को लेकर खींचतान बनी हुई है वहीं आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता भी कांग्रेस प्रत्याशियों के चुनाव प्रचार में कोई दिलचस्पी नहीं दिख रहे हैं। आप कार्यकर्ताओं की सक्रियता सिर्फ उन्हीं चार सीटों पर दिख रही है जहां आप प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतरे हुए हैं।
जानकार सूत्रों का कहना है कि आप और कांग्रेस की ओर से अभी तक साझा कैंपेन को लेकर कोई रणनीति नहीं बनाई जा सकी है। दूसरी और भाजपा जोरदार प्रयास में प्रचार में जुटी हुई है। इन कारणों से इस बार के लोकसभा चुनाव में भी भाजपा विपक्ष के मुकाबले एक बार फिर मजबूत स्थिति में दिख रही है।