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Lok Sabha Election: बृजभूषण ने बढ़ाईं BJP की मुश्किलें, खुद लड़ने पर अड़े
Lok Sabha Election: उत्तर प्रदेश में भाजपा अधिकांश सीटों पर अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर चुकी है मगर कैसरगंज, रायबरेली, प्रयागराज, मैनपुरी और गाजीपुर समेत 12 अहम सीटों पर अभी तक प्रत्याशी नहीं तय किए जा सके हैं।
Lok Sabha Election: उत्तर प्रदेश की कैसरगंज लोकसभा सीट पर भाजपा की मुश्किलें बढ़ गई हैं। इस सीट से मौजूदा सांसद बृजभूषण शरण सिंह अपनी दावेदारी छोड़ने के लिए नहीं तैयार हैं। यहां तक कि उन्होंने कैसरगंज में अपनी पत्नी केतकी सिंह या बेटे प्रतीक भूषण को चुनाव मैदान में उतारने के भाजपा नेतृत्व के ऑफर को भी ठुकरा दिया है।
महिला पहलवानों के आरोपी के बाद विवादों का केंद्र बनने वाले बृजभूषण शरण सिंह को भाजपा का शीर्ष नेतृत्व इस बार टिकट नहीं देना चाहता मगर उनकी नाराजगी का जोखिम भी नहीं उठाना चाहता।
इसीलिए उनकी पत्नी या बेटे को उम्मीदवार बनाने का प्रस्ताव रखा गया था मगर बृजभूषण इस प्रस्ताव पर सहमत नहीं है। यही कारण है कि कैसरगंज लोकसभा सीट को लेकर गुत्थी अभी तक उलझी हुई है और उम्मीदवार का फैसला नहीं हो पाया है।
पत्नी या बेटे को लड़ाने का प्रस्ताव मंजूर नहीं
उत्तर प्रदेश में भाजपा अधिकांश सीटों पर अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर चुकी है मगर कैसरगंज, रायबरेली, प्रयागराज, मैनपुरी और गाजीपुर समेत 12 अहम सीटों पर अभी तक प्रत्याशी नहीं तय किए जा सके हैं। कैसरगंज सीट पर भाजपा के प्रत्याशी का सबको इंतजार है क्योंकि सभी यह जानने को बेकरार हैं कि भाजपा का शीर्ष नेतृत्व बृजभूषण शरण सिंह के सियासी भविष्य को लेकर क्या फैसला लेता है।
जानकार सूत्रों का कहना है कि भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण सिंह पर महिला पहलवानों के आरोपों के बाद पैदा हुए विवाद के कारण भाजपा नेतृत्व उन्हें टिकट देने में हिचकिचाहट महसूस कर रहा है।
इसीलिए बृजभूषण के पास उनकी पत्नी केतकी सिंह या बेटे प्रतीक भूषण या किसी अन्य करीबी को चुनाव लड़ाई जाने का प्रस्ताव भेजा गया था मगर बृजभूषण इससे सहमत नहीं है। बृजभूषण की सियासी पकड़ को देखते हुए भाजपा नेतृत्व उन्हें नाराज नहीं करना चाहता और इसी कारण कैसरगंज को लेकर उलझी गुत्थी अभी तक सुलझ नहीं सकी है।
कैसरगंज सीट पर हो सकता है बड़ा फैसला
भाजपा उत्तर प्रदेश की बाकी बची सीटों पर उम्मीदवार घोषित करने में ज्यादा विलंब नहीं करना चाहती। भाजपा से जुड़े सूत्रों का कहना है कि बाकी बची 12 सीटों पर पूरा होमवर्क किया जा चुका है और 10 अप्रैल के पहले इन सीटों पर उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया जा सकता है। उत्तर प्रदेश भाजपा की ओर से भी केंद्रीय नेतृत्व के पास संभावित उम्मीदवारों की सूची भेजी जा चुकी है।
केंद्रीय नेतृत्व के पास यह जानकारी भी भेजी गई है कि बृजभूषण चरण सिंह किसी भी सूरत में पीछे हटने के लिए तैयार नहीं हैं। ऐसे में भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को कैसरगंज लोकसभा सीट के मद्दानजर अब बड़ा फैसला लेना होगा। भाजपा नेतृत्व के इस फैसले का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है।
बाकी बची सीटों पर गहराई से मंथन
उत्तर प्रदेश में भाजपा ने अभी तक जिन सीटों पर अपने उम्मीदवार नहीं घोषित किए हैं,उनमें कई महत्वपूर्ण सीटें शामिल हैं। प्रयागराज, कैसरगंज, रायबरेली, बलिया, गाजीपुर, मैनपुरी, भदोही, फूलपुर, कौशांबी, मछलीशहर, देवरिया और फिरोजाबाद सीटों पर पार्टी को अभी अपने प्रत्याशियों के नाम का ऐलान करना है। भाजपा सूत्रों का कहना है कि रायबरेली लोकसभा सीट पर पार्टी कांग्रेस उम्मीदवार की घोषणा का इंतजार कर रही है।
वैसे जिन सीटों पर पार्टी ने अभी तक अपने उम्मीदवार नहीं तय किए हैं,उनमें से अधिकांश सीटों पर उम्मीदवार बदले जाने की चर्चा है। भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की ओर से इस बार उत्तर प्रदेश की सभी 80 लोकसभा सीटों पर जीत का दावा किया जा रहा है और इस कारण प्रत्याशियों के चयन में भी काफी मंथन किया जा रहा है।
तीन दिनों में हो सकता है बड़ा ऐलान
प्रत्याशियों को बदलने में पार्टी नेतृत्व सियासी नफा-नुकसान का आकलन करने में जुटा हुआ है और इसी कारण उम्मीदवार घोषित करने में विलंब हो रहा है। वैसे जानकार सूत्रों का कहना है कि अगले तीन दिनों के भीतर यूपी की बाकी बची सीटों पर भाजपा प्रत्याशियों की घोषणा की जा सकती है।
उत्तर प्रदेश में 19 अप्रैल से 1 जून तक सात चरणों में मतदान होना है। 19 अप्रैल को पहले चरण में प्रदाश की आठ सीटों पर मतदान होगा जबकि 1 जून को पीएम मोदी के चुनाव क्षेत्र वाराणसी समेत पूर्वांचल की कई अहम सीटों पर मतदान होना है। जिन सीटों पर अभी तक प्रत्याशी नहीं घोषित किए गए हैं,वहां मतदान बाद के चरणों में होना है। इसलिए भाजपा नेतृत्व प्रत्याशी तय करने में इतना वक्त लगा रहा है।