Lok Sabha Election Result 2024: यूपी में एनडीए का हो गया बंटाधार, साइकिल की सवारी से हाथ का भी बेड़ा पार

Lok Sabha Election Result 2024: उत्तर प्रदेश ने इस बार के नतीजे चौंका दिए हैं। अब तक के रूझानों में प्रदेश की 80 सीटों में से 40 पर इंडिया ब्लॉक आगे चल रहा है। जबकि, एनडीए 40 से भी कम सीटों पर बढ़त बनाए हुए है।

Ashish Kumar Pandey
Published on: 4 Jun 2024 10:19 AM GMT (Updated on: 4 Jun 2024 10:46 AM GMT)
NDAs rout in UP, riding a bicycle helped the hand to sail through
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राहुल गांधी-अखिलेश यादव: Photo- Newstrack

Lok Sabha Election Result 2024: 2024 लोकसभा चुनाव का परिणाम यूपी में चौंकाने वाला दिख रहा है। लोकसभा की 543 में से 542 सीटों पर वोटों की गिनती जारी है। अब तक के रूझानों को देखा जाए तो एनडीए और इंडिया ब्लॉक में कांटे की टक्कर दिख रही है। उत्तर प्रदेश ने इस बार चौंका दिया है। चुनाव आयोग के अनुसार, दोपहर एक बजे तक उत्तर प्रदेश की 80 में से 40 सीटों पर इंडिया ब्लॉक आगे चल रहा है। वहीं, बीजेपी 33 सीटों पर आगे है।

इस बार यूपी में बीजेपी के खिलाफ समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने मिलकर चुनाव लड़ा था। अब तक के रूझानों में समाजवादी पार्टी 33 और कांग्रेस 7 सीटों पर आगे चल रही है। प्रदेश में बीजेपी के कई बड़े नेता पीछे चल रहे हैं। अमेठी से स्मृति ईरानी लगभग 60 हजार वोटों से पीछे हैं। उन्नाव से साक्षी महाराज आगे चल रहे हैं तो वहीं मुजफ्फरनगर से संजीव बालियान और खीरी सीट से अजय मिश्रा टेनी भी पीछे चल रहे हैं।

अब तक के रूझान को देखे तो इस बार बीजेपी को यूपी में तगड़ा झटका लगता दिख रहा है। पिछली बार एनडीए ने यूपी में 60 से ज्यादा सीटें जीती थीं, लेकिन इस बार 40 से भी कम सीटें मिलती दिख रही है। ऐसे में अब यह सवाल उठता है कि आखिर ये कैसे हुआ?

Photo- Social Media

यूपी के लड़कों का कमाल!

उत्तर प्रदेश में 7 साल बाद समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने एक साथ मिलकर चुनाव लड़ा। दोनों पार्टियां 2017 में एकसाथ आई थीं, लेकिन तब ये गठबंधन कुछ खास नहीं कर सका था। 2017 के विधानसभा चुनाव में जब सपा और कांग्रेस ने मिलकर चुनाव लड़ा तो भी 60 सीटें नहीं जीत सका था। उस समय अखिलेश यादव और राहुल गांधी की जोड़ी को यूपी के लड़के कहा जाने लगा था। लेकिन यूपी के इन दोनों लड़कों ने हार नहीं मानी और सात साल बाद 2024 में फिर साथ आए। बहुत मुश्किलों से दोनों लड़कों के साथ आने की बात बनी और आखिरकार दोनों लड़के बीजेपी के खिलाफ आए और मिलकर चुनाव लड़ा। प्रदेश में दोनों का साथ मिलकर चुनाव लड़ना सपा और कांग्रेस, दोनों के लिए फायदे की बात रही।

जानिए कैसे हुआ कमाल?

2019 का लोकसभा चुनाव अखिलेश की सपा और मायावती की बसपा ने मिलकर लड़ा था। इस गठबंधन का फायदा सपा को तो नहीं लेकिन बसपा को जरूर हुआ। क्योंकि उसने 10 सीटें जीत ली थी। जबकि, सपा पांच सीटें ही जीत सकी थी। उस चुनाव में कांग्रेस ने अकेले ही चुनाव लड़ा था और एकमात्र रायबरेली सीट ही उनके खाते में आई थी। लेकिन इस बार सपा और कांग्रेस का गठबंधन यूपी की आधी सीटों पर जीतता नजर आ रहा है। अब माना जा रहा है कि समाजवादी पार्टी का साथ कांग्रेस के लिए फायदे का सौदा साबित हुआ।

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तब मायावती को मिली थीं दस सीटें

2019 के लोकसभा चुनाव में जब सपा-बसपा गठबंधन हुआ था तो मायावती ने 10 सीटें जीती थीं, तब राजनीतिक जानकारों ने बसपा की इस जीत के पीछे सपा को ही बड़ा फैक्टर माना था। वो इसलिए क्योंकि अखिलेश यादव अपना वोट सहयोगी पार्टियों को ट्रांसफर कराने में कामयाब रहे थे।

फैक्टर वो जिन्होंने कर दिया कमाल?

2024 के लोकसभा चुनाव में यूपी में सपा-कांग्रेस गठबंधन की बड़ी जीत के पीछे कई बड़े फैक्टरों ने काम किया। जैसे, अखिलेश यादव ने पीडीए का नारा दिया था, जो चुनाव में काफी असरदार साबित हुआ। पीडीए यानी पीड़ित, दलित और अल्पसंख्यक। इस नारे के जरिए उन्होंने पीड़ितों, दलितों और अल्पसंख्यकों के वोटों को एकजुट करने की कोशिश की। जगह-जगह लगे सपा के बैनरों में लिखा था- पीडीए ही इंडिया है। इसी तरह राहुल गांधी ने भी जितनी आबादी, उतना हक का नारा देकर दलित, आदिवासी और अल्पसंख्यकों को साथ लाने में कामयाब रहे।

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जब आगरा में राहुल ने कहा था हमें यही बदलना है

गठबंधन के बाद यूपी के ये दोनों लड़के आगरा में जब साथ नजर आए थे, तब राहुल गांधी ने कहा था कि पिछड़ों, दलितों और अल्पसंख्यकों की आबादी 88 फीसदी है, लेकिन बड़ी-बड़ी कंपनियों के टॉप मैनेजमेंट में ये लोग कहीं नहीं दिखेंगे। ये लोग मनरेगा और कॉन्ट्रैक्ट लेबर की लिस्ट में ही मिलेंगे, हमें यही बदलना है और यही सामाजिक न्याय का मतलब है। इसके अलावा राहुल गांधी ने इंडिया ब्लॉक की सरकार बनने पर एमएसपी की लीगल गारंटी का वादा भी किया था। बता दें कि एमएसपी की गारंटी को लेकर किसानों ने लंबे समय तक आंदोलन किया था। माना जा रहा है कि राहुल गांधी के कांग्रेस का ये वादा भी फायदेमंद रहा।

बीजेपी पर क्या पड़ गया भारी?

2024 के लोकसभा चुनाव में कई सारे फैक्टर रहे, जो उत्तर प्रदेश में बीजेपी पर भारी पड़ गए। इस चुनाव में अग्निवीर योजना और पेपर लीक भी बड़ा मुद्दा बना, जिसका बीजेपी को नुकसान उठाना पड़ा। वहीं अखिलेश और राहुल के साथ आने का बीजेपी को बड़ा नुकसान हुआ। यूपी के दोनों लड़कों की ये जोड़ी यूपी में हिट कर गई। दोनों ने मिलकर यूपी में आरक्षण, रोजगार, पेपरलीक, अग्निवीर योजना और संविधान को मुद्दा बनाया। इसके अलावा यूपी में बीजेपी को सत्ता विरोधी लहर का नुकसान भी उठाना पड़ा। यहीं नहीं सवाल तो ये भी उठ रहे हैं कि भाजपा ने सही प्रत्याशियों का चयन नहीं किया। अगर कुछ मौजूदा सांसदों को टिकट नहीं दिया जाता तो शायद बीजेपी को यूपी में बड़ी हार का सामना नहीं करना पड़ता।

Shashi kant gautam

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