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Loksabha Election 2024: किसी ने पहनी चप्पलों की माला तो कोई अर्थी पर लेटा, याद रहेंगे चुनाव प्रचार के अजब-गजब तरीके

Loksabha Election 2024: सपा प्रमुख अखिलेश यादव की सभाओं में गूंजा 'सांसद जी हाजिर हों' तो जवाब में दिनेश लाल का 'अखिलेश हुए फरार, निरहुआ डटल बा' गाना हुआ वायरल

Hariom Dwivedi
Written By Hariom Dwivedi
Published on: 1 Jun 2024 1:19 PM IST (Updated on: 10 Aug 2024 6:53 PM IST)
Loksabha Election 2024: किसी ने पहनी चप्पलों की माला तो कोई अर्थी पर लेटा, याद रहेंगे चुनाव प्रचार के अजब-गजब तरीके
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Loksabha Election 2024: कोई अर्थी पर लेटा तो किसी ने श्मशान में अपना चुनावी कार्यालय बनाया। कोई गेहूं काटकर सुर्खियों में आया तो कोई चप्पलों की माला पहनकर। किसी की सभाओं का डांस चर्चा में रहा तो किसी का चुनावी गाना। इस बार का लोकसभा चुनाव 2024 कई प्रत्याशियों के अजब-गजब तरीकों से चुनाव प्रचार करने के लिए याद किया जाएगा। 01 जून को अंतिम चरण के मतदान के बाद 04 जून को रिजल्ट आएगा। भले ही चुनाव प्रचार थम गया है, लेकिन प्रत्याशियों के प्रचार के चर्चे अभी भी सुर्खियों में हैं।

पहनीं चप्पलों की माला

चुनावी समर का आगाज पश्चिमी यूपी से हुआ था। शुरुआत में ही अलीगढ़ से निर्दलीय प्रत्याशी पंडित केशव देव गौतम सुर्खियों में आ गये, इसकी वजह थी चप्पलों की माला पहनकर उनका चुनाव प्रचार करना। दरअसल, केशव देव को चुनाव चिन्ह के रूप में चप्पल का निशान मिला था। इसीलिए वह चप्पलों की माला पहनकर चुनाव प्रचार करते नजर आये।



श्मशान में चुनावी दफ्तर, अर्थी पर लेटकर प्रचार

श्मशान घाट में ही अपना चुनावी कार्यालय खोलकर राजन यादव उर्फ अर्थी बाबा सुर्खियों में आ गये। एमबीए पास आउट राजन यादव गोरखपुर से चुनाव मैदान में हैं। इतना ही नहीं उन्होंने अर्थी पर लेटकर जनता के बीच गये और वोट मांगा। पिछले कई बार से वह गोरखपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ते रहे हैं। राप्ती नदी के किनारे श्मशान घाट पर बना उनका चुनावी कार्यालय जहां लोगों के बीच चर्चा का केंद्र रहा वहीं, अर्थी पर उनका चुनाव प्रचार करना लोगों के लिए कौतूहल का केंद्र बना रहा।



अखिलेश की सभाओं में चांद मोहम्मद का डांस

समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने इस चुनाव में जमकर प्रचार किया। पूर्व मुख्यमंत्री के बयान बयान जहां अखबारों की हेडलाइन बने वहीं, उनकी सभाओं में पार्टी को छोटे कद के कार्यकर्ता चांद मोहम्मद का डांस खासा लोकप्रिय रहा। गोरखपुर में गठबंधन की रैली के मंच पर 'सांसद जी हाजिर हों' गाने पर जैसे ही भदोही के चांद मोहम्मद ने नाचना शुरू किया, मंच पर मौजूद अखिलेश और प्रियंका के साथ तमाम पदाधिकारियों व समर्थकों के कदम भी थिरकने लगे।

'अखिलेश हुए फरार, निरहुआ डटल बा'

आजमगढ़ से भाजपा प्रत्याशी व भोजपुरी स्टार दिनेश यादव निरहुआ का एक गाना खूब सुर्खियों में रहा। इस गाने के बोल के जरिये वह अखिलेश यादव को घेरते नजर आये। 'अखिलेश हुए फरार, निरहुआ डटल बा' ने खूब सुर्खियों बटोरीं वहीं, संसदीय क्षेत्र के लोग इस गुनगुनाते नजर आये, खासकर बीजेपी समर्थक। इसके अलावा गोरखपुर से बीजेपी प्रत्याशी रवि किशन ने कभी गाना गाकर तो कभी युवाओं से पंजा लड़ाकर सुर्खियां बटोरीं।



राजभर ने काटे गेहूं

योगी आदित्यनाथ सरकार में मंत्री व सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर गेहूं काटकर सुर्खियों में आ गये। बीजेपी सांसद हेमामालिनी की तरह अचानक व खेत में पहुंच गये और गेहूं की फसल काटी। दरअसल, वह अपने बेटे अरविंद राजभर के लिए वोट मांगने पहुंचे थे जो घोसी से चुनाव मैदान में हैं। वहीं, अरविंद राजभर ने भरी जनसभा में माफी मांगकर वोटरों की नाराजगी दूर करते दिखे।



अगले जनम मोहे बेटा न कीजो...

अगले जनम मोहे बेटा न कीजो... स्लोगन के साथ मैदान में उतरे मर्द (मेरा अधिकार राष्ट्रीय दल) पार्टी के अध्यक्ष व प्रत्याशी कपिल मोहन लोगों का ध्यान आकर्षित करने में सफल रहे। 'बेटों के सम्मान में, उतरे हैं मैदान में', 'अगले जन्म मोहे बेटा न कीजो...' जैसे स्लोगनों के जरिए उन्होंने चुनाव प्रचार को खूर रफ्तार दी।

भागकर किया नामांकन

लोकसभा चुनाव के दौरान एक प्रत्याशी इसलिए सुर्खियों में आ गया, क्योंकि वह दौड़कर नामांकन करने पहुंचा था। यह कोई और नहीं बल्कि निर्दलीय प्रत्याशी सत्यदेव यादव थे, जो चुनावी मैदान में नरेंद्र मोदी और मुलायम सिंह को चुनौती दे चुके हैं। इससे पहले के चुनावों में वह बैलगाड़ी व घोड़े पर बैठकर नामांकन करने पहुंचे थे। हालांकि, हर बार उनकी जमानत जब्त होती रही है।



Snigdha Singh

Snigdha Singh

Leader – Content Generation Team

Hi! I am Snigdha Singh, leadership role in Newstrack. Leading the editorial desk team with ideation and news selection and also contributes with special articles and features as well. I started my journey in journalism in 2017 and has worked with leading publications such as Jagran, Hindustan and Rajasthan Patrika and served in Kanpur, Lucknow, Noida and Delhi during my journalistic pursuits.

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