Loksabha Election 2024: लोकसभा सीट पर आमने सामने होंगे ससुर और दामाद

Hardoi News: हरदोई जनपद की मिश्रिख लोकसभा सीट पर काफी दिलचस्प मुकाबला होगा। इस बार मिश्रिख लोकसभा सीट पर दामाद और ससुर आमने-सामने होंगे।

Pulkit Sharma
Published on: 4 March 2024 12:54 PM GMT
Hardoi News
X

 मिश्रिख लोकसभा सीट पर दामाद और ससुर आमने-सामने source: Newstarck 

Hardoi News: लोकसभा चुनाव की घोषणा होना अभी बाकी है। शासन प्रशासन स्तर से लगातार लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) को लेकर तैयारियां की जा रही है। समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) से लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अपने उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी है। कई लोकसभा सीट पर काफी दिलचस्प मुकाबला देखने को मिलेगा। हरदोई जनपद की मिश्रिख लोकसभा सीट पर काफी दिलचस्प मुकाबला होगा। इस बार मिश्रिख लोकसभा सीट पर दामाद और ससुर आमने-सामने होंगे। दोनों उम्मीदवार परिवार से काफी मजबूत है। दोनों ही परिवार राजनीतिक क्षेत्र के धुरंधर हैं। एक ओर जहां वर्तमान में सांसद अशोक रावत (MP Ashok Rawat) तीन बार सांसद रह चुके हैं। यह उनका पांचवा चुनाव होगा। वहीँ समाजवादी पार्टी से प्रत्याशी रामपाल राजवंशी (Rampal Rajvanshi) तीन बार विधायक और दो बार मंत्री रहे हैं। रामपाल राजवंशी का यह पहली लोकसभा चुनाव है।

परिवारिक चुनावी युद्ध और राजनीतिक परंपराएं

मिश्रिख लोकसभा सीट से सांसद अशोक रावत एक ही परिवार से आते हैं। अशोक रावत के सगे चाचा रामपाल वर्मा कछौना विधानसभा क्षेत्र से आठ बार विधायक रहे हैं। वर्तमान में भी कछौना विधानसभा से विधायक है। अशोक रावत के सगे चचेरे भाई प्रभास कुमार सांडी विधानसभा से विधायक है। अशोक रावत 2004 व 2009 में बहुजन समाजवादी पार्टी (Bahujan Samajwadi Party) से सांसद चुने गए थे। 2014 में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद अंजू बाला ने मिश्रिख सीट पर जीत हासिल कर अशोक रावत को राजनीति में शिकस्त दी। इसके बाद अशोक रावत बसपा का दामन छोड़ भाजपा में शामिल हुए। भाजपा ने अशोक रावत पर विश्वास जताते हुए 2019 में उन्हें मिश्रिख लोकसभा सीट से अपना उम्मीदवार घोषित किया। जिसके बाद अशोक रावत में बसपा प्रत्याशी को हराकर एक बार फिर मिश्रिख लोकसभा सीट पर अपनी जीत का परचम लहराया।

सपा से प्रत्याशी रामपाल राजवंशी अशोक रावत के चचेरे भाई व सांडी विधानसभा से विधायक प्रभास कुमार के ससुर हैं। सपा के प्रत्याशी का भी राजनीतिक परिवार से रिश्ता रहा है। सीतापुर के कुंदौली निवासी रामपाल राजवंशी 1996 में जनता दल से मछरेहटा से विधायक चुने गए थे। बीजेपी से गठबंधन की सरकार में राज्य मंत्री बने थे।इसके बाद 2007 में समाजवादी पार्टी से विधायक चुने गए फिर 2012 में सपा के टिकट पर मिश्रिख से विधायक चुने गए और सरकार में मंत्री बने।2017 में भाजपा प्रत्याशी रामकृष्ण भार्गव (BJP candidate Ramakrishna Bhargava) ने रामपाल राजवंशी को हराया था। लेकिन फिर 2022 में उन्होंने अपने बेटे को सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी से चुनाव लड़ाया था। लेकिन इस बार भी उन्हें शिकस्त का सामना करना पड़ा। रामपाल राजवंशी को इस बार समाजवादी पार्टी ने मिश्रिख लोकसभा सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है। इस बार मिश्रिख लोकसभा सीट पर ससुर और दामाद के बीच कांटे का मुकाबला देखने को मिलेगा।

Aakanksha Dixit

Aakanksha Dixit

Content Writer

नमस्कार मेरा नाम आकांक्षा दीक्षित है। मैं हिंदी कंटेंट राइटर हूं। लेखन की इस दुनिया में मैने वर्ष २०२० में कदम रखा था। लेखन के साथ मैं कविताएं भी लिखती हूं।

Next Story