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Loksabha Election Result 2024: लोकसभा चुनाव ये 10 नेता रहे चर्चा का केंद्र, जानें इनका चुनाव परिणाम

Loksabha Election Result 2024: यहां हम यूपी के दिग्गज नेताओं के बारे में बता रहे हैं जिन्होंने इस चुनाव में जीत दर्ज की तो कुछ को हार मिली है। उनमें नरेंद्र मोदी, अखिलेश यादव, राहुल गांधी, स्मृति ईरानी, राजनाथ सिंह: अरुण गोविल, करण भूषण सिंह, लल्लू सिंह, मेनका गांधी और संजीव बालियान शामिल हैं।

Sandip Kumar Mishra
Published on: 4 Jun 2024 4:38 PM GMT
Loksabha Election Result 2024: लोकसभा चुनाव ये 10 नेता रहे चर्चा का केंद्र, जानें इनका चुनाव परिणाम
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Loksabha Election Result 2024: लोकसभा चुनाव को मतगणना पूरी हो चुकी है ऐसे में यूपी के चर्चित नेताओं के बारे में जानने के लिए लोग उत्सुक हैं। यहां हम यूपी के दिग्गज नेताओं के बारे में बता रहे हैं जिन्होंने इस चुनाव में जीत दर्ज की तो कुछ को हार मिली है। उनमें नरेंद्र मोदी, अखिलेश यादव, राहुल गांधी, स्मृति ईरानी, राजनाथ सिंह: अरुण गोविल, करण भूषण सिंह, लल्लू सिंह, मेनका गांधी और संजीव बालियान शामिल हैं।

पीएम मोदी की यह हसरत नहीं हुई पूरी

पीएम नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार वाराणसी लोकसभा सीट पर जीत दर्ज की है। लेकिन उऩका अधिक रिकॉर्ड मतों से जीत का सपना चूर हो गया है। पीएम मोदी ने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष व उम्मीदवार अजय राय को 1,52,513 वोट से हराकर जीत दर्ज की है। उन्होंने लोकसभा चुनाव 2019 में 4,79,505 और 2014 में 3,71,784 वोट से जीत दर्ज की थी।

पीएम मोदी से अधिक वोट से जीते अखिलेश यादव

सपा प्रमुख अखिलेश यादव इस बार के चुनाव में बड़े चेहरे बनकर उभरे हैं। उन्होंने अपनी विरासत की सीटों के अलावा कांग्रेस के भी विरासत की सीटों को जीताने का काम किया है। अखिलेश यादव ने कन्नौज लोकसभा सीट से भाजपा के सुब्रत पाठक को 1.70 लाख वोट से हराकर जीत दर्ज की है। उनके जीत का वोट मार्जिन पीएम मोदी से भी अधिक है।

स्मृति ईरानी को दूसरी बार मिली हार

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को कांग्रेस के किशोरी लाल शर्मा ने 1,61,266 वोट से करारी शिकस्त दी है। कांग्रेस के 'चाणक्य' कहे जाने वाले किशोरी लाल शर्मा पहली बार चुनावी मैदान में उतरे हैं। अभी तक वे परदे के पीछे रणनीति बनाते थे। पहली बार में ही उन्होंने भाजपा की मजबूत उम्मीदवार स्मृति को हराकर खुद को सच में 'चाणक्य' साबित कर दिया। स्मृति ने केएल शर्मा को शुरू से आखिरी तक हल्के में लिया, लेकिन राहुल-प्रियंका ने जो स्ट्रैटेजी बनाई, आखिर वह कामयाब रही। अमेठी के लोगों का 5 साल में स्मृति ने भरोसा खो दिया था। अमेठी के मतदाता का अंडर करंट समझने में भाजपा पूरी तरह चूक गई।

अपनी मां का विरासत संभालने रायबरेली पहुंचे राहुल को मिला प्यार दुलार

अमेठी लोकसभा सीट पर 2019 में हार का सामना करने के बाद 2024 में राहुल गांधी रायबरेली से चुनावी मैदान में उतरे थे। यहां से उनकी मां सोनिया गांधी सांसद हुआ करतीं थीं। लेकिन राजस्थान से राज्यसभा जाने के बाद उन्होंने यह सीट छोड़ दी थी। यहां से राहुल गांधी ने भाजपा के दिनेश प्रताप सिंह पर 3,65,559 वोटों से बढ़त बनाई हुई थी। 10वें राउंड में दिनेश प्रताप सिंह को 2,97,619 वोट मिले थे। इस बीच भाजपा उम्मीदवार दिनेश प्रताप सिंह ने अपनी हार मान ली। उन्होंने फेसबुक पर लिखा- देवतुल्य जनता से माफी मांगता हूं।

लखनऊ लोकसभा सीट पर राजनाथ सिंह ने लगाई जीत की हैट्रिक

लखनऊ लोकसभा सीट पर केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने सपा के रविदास मेहरोत्रा को 1,35,159 वोट से हराकर जीत दर्ज की है। लेकिन यह जीत का मार्जिन पिछली बार से कम रहा। लोकसभा चुनाव 2019 में उन्होंने 3,47,302 और 2014 में 2,72,749 वोट से जीत दर्ज की थी। इस बार का यह चुनाव भाजपा के लिए मंथन करने वाला है।

मेरठ लोकसभा सीट पर अरुण गोविल जीते

मेरठ लोकसभा सीट पर भाजपा के अरुण गोविल ने सपा के सुनीता वर्मा को 10 हजार से अधिक वोटों से हराकर जीत दर्ज की है। इस चुनाव में अरुण गोविल अपने आप को राम के रूप में जनता के सामने पेश कर रहे थे। वहीं विपक्ष उनको बाहरी होने का आरोप लगा रहा था। लोकसभा चुनाव 2019 में भाजपा यहां से 4,729 और 2014 में 2,32,326 वोट से जीत दर्ज की थी।

कैसरगंज लोकसभा सीट पर करण भूषण सिंह ने दर्ज की जीत

कैसरगंज लोकसभा सीट पर बृज भूषण शरण सिंह के बेटे करण भूषण सिंह ने सपा के भगत राम मिश्रा को 1,48,843 वोट से हराकर जीत दर्ज की है। इस चुनाव में करण भूषण सिंह को 5,71,263 और राम भगत मिश्रा को 4,22,420 वोट मिला है। जबकि बसपा उम्मीदवार को 44,279 वोट पर संतोष करना पड़ा है। करण भूषण सिंह का जन्म 13 दिसंबर 1990 को हुआ था। उन्होंने डॉक्टर राम मनोहर लोहिया अवध यूनिवर्सिटी से बीबीए और कानून की पढ़ाई की है। करण ने ऑस्ट्रेलिया में बिजनेस मैनेजमेंट में डिप्लोमा भी किया है। करण भूषण सिंह के बड़े भाई प्रतीक भूषण गोंडा की सदर सीट से दो बार विधायक हैं। हालांकि करण पहली बार सक्रिय राजनीति में कदम रख रहे हैं। वह पिछले कुछ समय से पिता के साथ कैसरगंज में चुनाव प्रचार करने में लगे हुए थे। बृज भूषण शरण सिंह पर पहलवानों द्वारा लगाए गए दुष्कर्म के आरोप के बाद भाजपा ने उनका टिकट काटकर करण भूषण सिंह को उम्मीदवार बनाया था।

देश की सियासत में अयोध्या रहा केंद्र, मगर हार गए बीजेपी उम्मीदवार लल्लू सिंह

देश की सबसे हॉट सीट बनी फैजाबाद लोकसभा सीट पर भाजपा को हार का सामना करना पड़ा है। अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद भी भाजपा की इस हार ने सभी को चौंका दिया। पीएम मोदी का वाराणसी के बाद सबसे ज्यादा फोकस इसी सीट पर किया था। चुनाव की घोषणा के बाद मोदी ने यहां रोड शो किया। सीएम योगी ने भी 3 जनसभाएं कीं। इसके बाद भी सपा के अवधेश प्रसाद ने 56 हजार से अधिक वोटों से भाजपा के लल्लू सिंह को शिकस्त दे दी है। सपा के अवधेश प्रसाद 5,51,581 और भाजपा के लल्लू सिंह 4,95,682 वोट मिले हैं। जबकि बसपा के 46,407 वोट पर संतोष करना पड़ा है।

सुलतानपुर लोकसभा सीट पर 9वीं सांसद बनने से चुकीं मेनका गांधी

सुलतानपुर लोकसभा सीट पर सपा ने पहली बार जीत दर्ज की है। इंडिया गठबंधन से सपा उम्मीदवार राम भुआल निषाद ने भाजपा की पूर्व केंद्रीय मंत्री को 43,174 वोट से शिकस्त दी है। लोकसभा चुनाव 2019 की बात करें तो पुलवामा, राष्ट्रवाद और मोदी वेव थी, बावजूद इसके मेनका गांधी को अपनी जीत के लिए बहुत पापड़ बेलने पड़े थे। काफी जद्दोजहद के बाद वे 14 हजार वोट से ही जीत सकी थीं, जिसका पांच सालों तक उन्हें मलाल रहा। उनकी जीत में निषाद, कुर्मी, यादव और दलित मतदाता निर्णायक थे। लेकिन इस बार सपा ने निषाद कॉर्ड खेला तो बसपा ने कुर्मी कॉर्ड खेलते हुए उदराज वर्मा को उतारा। इसके इतर भाजपा की वेव भी नहीं रही। संविधान बचाने से लेकर लोकतंत्र बचाने और बेरोजगारी व महंगाई का करंट यहां भी दौड़ा। चुनावी बेला के अंतिम समय में जातिगत ध्रुवीकरण जमकर हुआ। सपा उम्मीदवार जहां निषाद वोटरों में बड़ा डेंट लगाते दिखे। वहीं, यादव मतदाताओं को साधने में कामयाब रहे।

मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट पर केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान को मिली हार

मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट से सपा उम्मीदवार हरेंद्र मलिक ने भाजपा के डॉ संजीव बालियान को 24,672 वोट से हराकर जीत दर्ज की है। संजीव बालियान मुजफ्फरनगर से लगातार दो बार लोकसभा चुनाव जीत चुके थे। हरेंद्र मलिक ने उनकी जीत का रथ रोकते हुए उन्हें हैट्रिक लगाने से भी रोक दिया। तीन लोकसभा चुनाव हारने के बाद हरेंद्र मलिक ने 2024 लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज की है। हरेंद्र मलिक के मुजफ्फरनगर सीट से सपा उम्मीदवार के तौर पर जीत दर्ज करने के बाद मिथक टूट गया कि इस सीट पर कोई गैर भाजपाई जाट जीत नहीं सकता। इससे पहले चौधरी चरण सिंह से लेकर स्वयं हरेंद्र मलिक तक जितने भी गैर भाजपाई उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा वे हारे।

Sandip Kumar Mishra

Sandip Kumar Mishra

Content Writer

Sandip kumar writes research and data-oriented stories on UP Politics and Election. He previously worked at Prabhat Khabar And Dainik Bhaskar Organisation.

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