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Loksabha Election 2024: गाजियाबाद में भाजपा की पहली पसंद रहा ठाकुर चेहरा
Ghaziabad News: यदि इतिहास के पन्नों पर नज़र डाली जाए तो वक्त गवाह है कि गाजियाबाद लोकसभा सीट पर भाजपा ने अधिकांश क्षत्रिय प्रत्याशी पर भरोसा जताया है और ठाकुर प्रत्याशी पर ही भाजपा ने दांव खेला है।
Ghaziabad News: लोकतंत्र के सबसे बड़े पर्व आम चुनाव का बिगुल बजने के साथ ही चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। निर्वाचन आयोग (Election Commission) अधिसूचना जारी कर चुका है। इसके बाद गाजियाबाद में टिकट को लेकर उठा- पटक शुरू हो गई है। सभी को इसका इंतजार है कि गाजियाबाद लोकसभा (Ghaziabad Lok Sabha) से प्रत्याशी कौन होगा।
यदि इतिहास के पन्नों पर नज़र डाली जाए तो वक्त गवाह है कि गाजियाबाद लोकसभा सीट पर भाजपा ने अधिकांश क्षत्रिय प्रत्याशी पर भरोसा जताया है और ठाकुर प्रत्याशी पर ही भाजपा ने दांव खेला है। पिछले तीन दशकों से इतिहास इस बात की गवाही दे रहा है कि भाजपा ने ठाकुर के अलावा लोकसभा चुनाव में गाजियाबाद सीट पर किसी और बिरादरी के चेहरे पर विश्वास नहीं किया।
एक दशक का सफर
बता दें कि तीन दशक पूर्व से भाजपा (BJP) की अब तक की यात्रा कुछ इस तरह रही है। वर्ष 1991 में भाजपा ने तत्कालीन हापुड़ लोकसभा सीट पर आगरा के निवासी और क्षत्रिय समाज से आने वाले प्रोफेसर रमेश चंद तोमर (Professor Ramesh Chand Tomar) को टिकट दिया। लोगों ने रमेश चंद तोमर को जिताकर लोकसभा भेजा। भाजपा ने इन पर भरोसा जताया और 1991 के 1996, 1998 और 1999 के लोकसभा चुनाव में लगातार टिकट दिया और इन्होंने चार बार जीत दर्ज कर लोकसभा में उपस्थिति दर्ज कराई।
पार्टी ने पांचवीं बार भी रमेश चंद तोमर पर विश्वास जताते हुए वर्ष 2004 के लोकसभा चुनाव में भी टिकट दिया। लेकिन इस बार समीकरण बदले और रमेश चंद तोमर कांग्रेस के प्रत्याशी सुरेंद्र प्रकाश गोयल (Surendra Prakash Goyal) से हार गए। वर्ष 2009 में गाजियाबाद लोकसभा सीट अस्तित्व में आई और इस बार मिर्जापुर के रहने वाले क्षत्रिय समाज के एवं भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह (National President Rajnath Singh) को चुनाव मैदान में उतारा गया। राजनाथ सिंह को गाजियाबाद के लोगों ने भारी बहुमत से जिताया। 2014 के लोकसभा चुनाव में राजनाथ सिंह लखनऊ चले गए।
भाजपा ने फिर जताया भरोसा
भाजपा ने गाजियाबाद लोकसभा में इतिहास फिर दोहरा दिया। इस बार सेना के सर्वोच्च पद से सेवानिवृत्त होकर आए क्षत्रिय समाज के जनरल वीके सिंह (General VK Singh) को टिकट दिया गया। गाजियाबाद की जनता ने उन्हें स्वीकार किया और उन्हें संसद भेजा। जनता के इस भरोसे का सरकार ने भी ध्यान रखा और जनरल वीके सिंह को केंद्र सरकार में राज्यमंत्री बना दिया। इसके बाद बारी आई वर्ष 2019 के आम चुनाव की तो जनरल ने पीएम मोदी (PM Modi) की टीम में दोबारा वापसी की और इस बार तो गाजियाबाद के मतदाताओं ने जनरल पर ऐसी कृपा बरसाई कि उन्हें रिकॉर्ड मतों से जिताकर संसद भेजा। सरकार ने दोबारा भरोसा जताते हुए उन्हें केंद्रीय राज्यमंत्री बनाया और इस बार कई मंत्रालयों को जिम्मेदारी सौंपी।
हालांकि यह तो भाजपा की सूची है, इससे पूर्व में भी कई दलों ने ठाकर चेहरे पर दांव खेला और गाजियाबाद को जनता ने उन्हें जिताकर संसद भी भेजा। अब आम चुनाव 2024 का बिगुल बज गया है। इस बार देखना है कि भाजपा किस बिरादरी के प्रत्याशी पर भरोसा जताती है।